आदिवासी समाज के द्वारा साधु संतों का अपमान एवं तीर्थ स्थलों पर जीव हत्या  करवा रहे है  ईसाई  धर्मान्तरणकारी,, सनातन धर्म को मानने वाले आदिवासी भाई सावधान रहें , संत राम बालक दास ने खोला इनकी पोल,,

आदिवासी समाज के द्वारा साधु संतों का अपमान एवं तीर्थ स्थलों पर जीव हत्या  करवा रहे है  ईसाई  धर्मान्तरणकारी,, सनातन धर्म को मानने वाले आदिवासी भाई सावधान रहें , संत राम बालक दास ने खोला इनकी पोल,,

एक पेपर की प्रति आपको भेज रहा हूँ धनंजय टाइम्स बालोद पेपर का नाम है , ओर मनोज सिंह ठाकुर नाम का का व्यक्ति इसमें स्पष्ट रूप से झूठ पर झूठ बोल कर बालोद जिला के आदिवासी समाज को साधु-संतों के विरुद्ध करना चाहता है और साथ ही ईसाई धर्म का इसमें खुलकर प्रचार कर रहा है यह बात तय है कि ऐसे लोगों को ईसाई धर्मांतरण कारी पैसा दे रहे हैं ताकि यह भोले भाले राम राम कहने वाले रामायण, सत्यनारायण की कथा ,भागवत कथा, का आयोजन करने वाले सनातनी आदिवासी भाई बहनों को उनके धर्म से दूर कर दें ,,और धर्मांतरण करने वाले मिशनरियों को सुविधा हो मैं एक संत होने के नाते समस्त बालोद जिला के आदिवासी भाई बहनों को सूचित कर रहा हूं कि ऐसे तथाकथित पैसे में बिके हुए लोगों से सावधान रहें इन्होंने अपना धर्म बेच दिया है इसीलिए झूठ पर झूठ बोल रहे हैं इस न्यूज़ में यह व्यक्ति लगातार झूठ पर की झड़ी लगा रहा है 


झूठ नंबर 1 ,,श्री जामडी पाटेश्वर धाम फॉरेस्ट भूमि पर है और किसी भी ,,आदिवासी समाज के आवेदन,, पर नहीं बल्कि फॉरेस्ट विभाग के साथ 1975 से पाटेश्वर धाम का पत्राचार पट्टा मांगने हेतु चल रहा है जो कि अभी भी लंबित है
झूठ नंबर 2 ,  , इस व्यक्ति ने कहा है कि जामडी पाटेश्वर बाबा में कई पीढ़ी से ,,जीवा सेवा,, अर्थात जीव हत्या चली आ रही है यह सरासर झूठ है,, 12 गांव का देवता  श्री जामडी पाटेश्वर हैं लेकिन जीव हत्या 1975 से यहां पर पूर्ण तरह से प्रतिबंधित है झूठ नंबर 3 ,,, पर यह व्यक्ति परम पूज्य सद्गुरुदेव ब्रह्मलीन श्री राज योगी बाबा को फरारी व्यक्ति शब्द से संबोधित करके लाखों लोगों की आस्था को गाली दे रहा है और साथ ही पाटेश्वर धाम क्षेत्र के साथ-साथ संपूर्ण छत्तीसगढ़ और भारत भर में बसे आदिवासी ,एवम सर्व समाज के  पाटेश्वर धाम के भक्त, शिष्य, एवं शुभचिंतकों का अपमान कर रहा है


झूठ नम्बर 4,,  इस व्यक्ति का कहना है की राम बालक दास जी आदिवासियों से पैसा लेकर मंदिर बना रहे हैं जबकि अभी तक 25000 मंदिर निर्माण सदस्य पाटेश्वर धाम में है जो छत्तीसगढ़ ही नहीं भारत भर के हैं और हर जाति पाती समाज के हैं इतना ही नहीं इस मंदिर में हर जाति पंथ के महापुरुष एवं संतों की मूर्ति स्थापित की गई है झूठ नंबर 6 ,,,श्री जामडी पाटेश्वर धाम के जगह ,,जामड़ी पाट हटाकर पाटेश्वर धाम लिखा जा रहा है ,,यह सरासर झूठा आरोप है श्री पाटेश्वर सेवा संस्थान के हर लेटर पैड एवं एड्रेस पर और समस्त प्रचार सामग्रियों पर श्री जामडी पाटेश्वर धाम ही लिखा जाता है इसलिए नाम बदलने का सवाल ही नहीं उठता

 
झूठ नंबर 7 ,,,यह व्यक्ति श्री जामडी पाटेश्वर बाबा के स्वरूप पर सवाल उठा रहा है कि बालक दास जी ने घोड़े पर मूर्ति बैठा दी ,,जबकि पूरे जामड़ी पाटेश्वर क्षेत्र के लोग अपनी मनौती मानने के लिए यहां सदा से घोड़े की मूर्ति चढ़ाते आए हैं और कई बूढ़े बुजुर्ग जो आज भी जीवित हैं जिन्होंने स्वप्न में और साक्षात में भी श्री जामड़ी पाट बाबा को घोड़े में सवारी करते देखा है इसलिए यह प्रतीक रूप बनाया गया 
झूठ नंबर 8 ,,,, तथाकथित व्यक्ति कह रहा है कि पहाड़ी पर स्थित प्राचीन स्थान से छेड़छाड़ कर वहां मंदिर बनाया गया जबकि सत्य  वहां जाकर देखा जा सकता है  वहां पर प्राचीन शिलाखंड एवं देवता का स्थान जैसा था वैसा ही है उसके सामने केवल लाल पत्थर से प्रतीक मन्दिर बनाकर एक देवता की मूर्ति स्थापित की गई है वह भी चोरी-छिपे नहीं बल्कि निर्माण 1 वर्ष तक चला जिसमें पूरे 12 गांव के लोग मजदूर के रूप में और दानदाता के रूप में काम भी किए हैं यह पूरा क्षेत्र जानता है
झूठ नंबर 9 ,,,इस व्यक्ति ने कहा है कि बाबा जी की मृत्यु अस्पताल में हुई इसलिए गांव के रीति रिवाज के अनुसार उनका अंतिम संस्कार होना था पर श्री जामडी पाटेश्वर आश्रम तोएगोंदी गांव में  नही बल्कि फारेस्ट विभाग की सरकारी सीमा पर है दूसरी बात परम पूज्य सद्गुरुदेव भगवान का अंतिम संस्कार पूरे छत्तीसगढ़ एवं भारतवर्ष के संतो के रीति रिवाज के अनुसार वैष्णव रीति से किया गया और उस समय या अंतिम संस्कार के 15 दिनों तक तो तोयेगोंदी गांव का कोई भी व्यक्ति श्री जामडी पाटेश्वर धाम आकर इस संबंध में कोई बात नहीं किया तो फिर 15 दिन बाद या 1 महीने बाद इस बात को उठाने का क्या मतलब है ,,
झूठ नंबर 10 ,,इस व्यक्ति ने दावा किया है कि बाद में बालक दास जी ने इनके अर्थात तोएगोदी वालों के सारी बात को मानी ,,,कुसुर मानते हुए जीवा सेवा के लिए पैसा देना स्वीकार किया ,,,और रविवार का दिन जीवा सेवा के लिए मुकर्रर किया ,,यह सब सरासर झूठ है ,,क्योंकि 24 अप्रैल को इन्होंने श्रद्धांजलि सभा को नहीं होने देने और रोड जाम करने की बालोद जिला प्रशासन को धमकी दी थी जिसके चलते ग्राम बड़ेजुंगेरा के ग्राम पटेल ,बैगा ,एवं वरिष्ठ ग्राम वासी डौंडीलोहारा पुलिस बल के साथ 
तोयेगोंदी गए जहां पर जीवा सेवा अर्थात जीव हत्या के लिए पैसा देना पाटेश्वर धाम एवं उनके अनुयायियों के द्वारा मना किया गया इसके पश्चात यदि बालोद जिला प्रशासन ने 
तोयागोंदी के तथाकथित जीव हत्यारों को जीव हत्या के लिए पैसा देना स्वीकार किया होगा और रविवार का दिन जिला प्रशासन ने इनको जीव हत्या करने के लिए दिया होगा तो जिला प्रशासन जिम्मेदार है ना कि जामडी पाटेश्वर आश्रम या उनके अनुयाई ,,,इस बात की जांच होनी चाहिए वैसे 1 मई जीव हत्या के दिन बालोद जिला प्रशासन को दोपहर 12:00 बजे फोन पर स्वयं श्री राम बालक दास जी ने जीव हत्या होने वाली है ,, पुलिस भेजिय ऐसी सूचना ढ़ी थी  पर शाम 3:00 बजे तक एक भी पुलिस या वरिष्ठ अधिकारी का इस घटना को रोकने श्री जामड़ी पाट नहीं पहुंचना इस बात को पक्का करता है कि जरूर इन जीव हत्यारों और बालोद जिला प्रशासन के बीच कोई समझौता हुआ था अब स्वयं बचने के लिए यह आरोप पाटेश्वर धाम के भक्त परिवार एवं राम बालक दास जी पर लगाया जा रहा हैं
,,अब विशेष बात पर ध्यान दीजिए,, इतने झूठ बोलने के बाद यह व्यक्ति आखरी में लिखता है कि यह सभी साधु संत ढोंगी है इन से बच कर रहिए सच्चे संत की श्रेणी में इसने ईसा मसीह ,सेंट फ्रांसिस ,सेंट पाल, सेंट जेम्स ,का नाम लिखा है और कहा है कि इनसे आप का कल्याण होगा ,,इतना पढ़ने के बाद भी आपको यदि आपको कुछ समझ नहीं आता है तो फिर और कैसे समझाया जाए ,, समझिए ओर सबको सावधान करिये , धन्यवाद , सर्व आदिवासी समाज के  हित में जारी ,

रिपोर्ट //नरेंद्र विश्वकर्मा