संसार दुखों का घर है लेकिन ऐसे संसार में जो सुख की संरचना करें वही सच्चा मनुष्य है- श्री राम बालकदास जी

संसार दुखों का घर है लेकिन ऐसे संसार में जो सुख की संरचना करें वही सच्चा मनुष्य है-  श्री  राम बालकदास जी

श्री पाटेश्वर धाम बालोद जिला के द्वारा लगातार ऑनलाइन सत्संग का आयोजन 
आज मधुबनी बिहार से बहन रितिका ने जिज्ञासा रखी कि श्रीमद् भगवत गीता में भगवान कृष्ण ने  संसार को  दुखों का घर बताया है तो फिर इस दुखों के घर में हमें परमात्मा भेजता ही क्यो है बाबा जी ने इस प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संसार दुखों का घर है लेकिन ऐसे संसार में जो सुख की संरचना करें वही सच्चा मनुष्य है


समस्त दुखों को जीतकर स्वयं सुखी रहना और संसार को सुख प्रदान करना ही मनुष्य जीवन का लक्ष्य है आज पाठक परदेशी जी ने जिज्ञासा रखी कि प्रदोष काल किसे कहते हैं एवं प्रदोष व्रत की महत्ता पर प्रकाश डालने की कृपा हो बाबाजी ने बताया कि एकादशी ओर अमावस्या के बीच की पवित्र तिथि प्रदोष कहलाती है और इस दिन भगवान भोलेनाथ को बहुत प्रिय है
इस तरह आज का सत्संग सुंदर भजनों के साथ सम्पन्न हुआ

रिपोर्ट //नरेंद्र विश्वकर्मा