जमीन को छूने लगी है। भवन जर्जर होने के कारण 40 बच्चे अतिरिक्त कक्ष में पढऩे को मजबूर हैं जानिए आगे खबर में

जमीन को छूने लगी है। भवन जर्जर होने के कारण 40 बच्चे अतिरिक्त कक्ष में पढऩे को मजबूर हैं जानिए आगे खबर में
जमीन को छूने लगी है। भवन जर्जर होने के कारण 40 बच्चे अतिरिक्त कक्ष में पढऩे को मजबूर हैं जानिए आगे खबर में

जमीन को छूने लगी है। भवन जर्जर होने के कारण 40 बच्चे अतिरिक्त कक्ष में पढऩे को मजबूर हैं जानिए आगे खबर में 

बालोद-जिले के गुंडरदेही ब्लॉक मुख्यालय से 4 किमी दूर ग्राम पंचायत लिमोरा आश्रित ग्राम माडिय़ापार के 37 साल पुराने शासकीय प्राथमिक शाला भवन की हालात को देख पालक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतराने लगे हैं। बच्चों की टीसी निकालकर दूसरे गांव के स्कूल में एडमिशन करवा रहे हैं। वहीं कुछ बच्चे जर्जर स्कूल भवन के कारण खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नए स्कूल भवन की मांग को लेकर क्षेत्रीय विधायक, एसडीएम, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी एवं कलेक्टर को ज्ञापन सौंप चुके हैं, फिर भी प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। शायद बड़ी दुघर्टना का इंतजार है।बच्चों की जान जोखिम में : 8 साल से नए भवन की मांग, अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

 स्कूल भवन जर्जर होने के कारण बच्चों को सामने मैदान में बैठकर पढऩा पड़ रहा है।आज तक फंड जारी नहीं हुआ

 ग्राम पंचायत लिमोरा पूर्व सरपंच कल्याण साहू ने कहा कि ग्राम मडिय़ापार के जर्जर स्कूल भवन की स्थिति से शासन-प्रशासन को अवगत करा दिया है। नए भवन एवं मरम्मत के लिए तीन से चार बार आवेदन दे चुके है। 8 वर्ष के बावजूद भवन के लिए फंड जारी नहीं हुआ है।बच्चे की जान जोखिम में

 शाला विकास समिति अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार साहू, ग्रामीण बुधारू राम, तामराज साहू, परदेशी राम, गंगा बाई, शैलेन्द्री बाई, ओमकुमारी साहू, रेमन साहू ने बताया कि शाला भवन अति जर्जर होने से खंडहर में तब्दील हो गया है। बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने मजबूर हैं। 

करेंगे उग्र आंदोलन 

शाला विकास समिति एवं पालकों ने कहा कि प्रतिदिन जर्जर छत का मलबा गिर रहा है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। शासन प्रशासन को स्थिति से अवगत करा चुके हैं। विभाग ने जल्द नए स्कूल भवन के लिए प्रस्ताव नहीं बनाया तो उग्र आंदोलन एवं स्कूल में तालाबंदी करेंगे। छोटे-छोटे बच्चों की जान जोखिम में नहीं डाल सकतेl

 40 बच्चे अतिरिक्त कक्ष में पढ़ रहे 

शासकीय प्राथमिक शाला मडिय़ापार में 1985- 86 में स्कूल भवन का निर्माण किया गया था। वर्तमान में भवन पूरी तरह जर्जर हो गया है। छत का मलबा गिर रहा है, वहीं छत में लगी रॉड भी जमीन को छूने लगी है। भवन जर्जर होने के कारण 40 बच्चे अतिरि क्त कक्ष में पढऩे को मजबूर हैं। 

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