आपका अपना राशिफल साथ ही पंचांग जानिए आज का शुभ अशुभ फल
. आपका अपना राशिफल साथ ही पंचांग जानिए आज का शुभ अशुभ फल
*सुप्रभातम*आज का पंचांग* कलियुगाब्द........................5124 विक्रम संवत्.......................2079 शक संवत्...........................1944 रवि................................उत्तरायण मास..................................श्रावण पक्ष.....................................कृष्ण तिथी....................................षष्ठी प्रातः 07.52 पर्यंत पश्चात सप्तमी सूर्योदय.............प्रातः 05.52.19 पर सूर्यास्त............संध्या 07.13.31 पर सूर्य राशि.............................कर्क चन्द्र राशि.............................मीन गुरु राशि..............................मीन नक्षत्र......................उत्तराभाद्रपद दोप 12.06 पर्यंत पश्चात रेवती योग................................अतिगंड दोप 01.46 पर्यंत पश्चात सुकर्मा करण...............................वणिज प्रातः 07.52 पर्यंत पश्चात विष्टि ऋतु....................................वर्षा दिन..............................मंगलवार
*आंग्ल मतानुसार :-* 19 जुलाई सन 2022 ईस्वी ।
⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-* दोप 12.06 से 12.59 तक ।
*राहुकाल :-* दोप 03.51 से 05.30 तक ।
☸ शुभ अंक.....................1 ???? शुभ रंग...............केसरिया
???? *उदय लग्न मुहूर्त :-* *कर्क* 05:45:10 08:01:26 *सिंह* 08:01:26 10:13:14 *कन्या* 10:13:14 12:23:54 *तुला* 12:23:54 14:38:31 *वृश्चिक* 14:38:31 16:54:42 *धनु* 16:54:42 19:00:19 *मकर* 19:00:19 20:47:27 *कुम्भ* 20:47:27 22:21:00 *मीन* 22:21:00 23:52:12 *मेष* 23:52:12 25:32:55 *वृषभ* 25:32:55 27:31:33 *मिथुन* 27:31:33 29:45:10
*दिशाशूल :-* उत्तरदिशा - यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
✡ *चौघडिया :-* प्रात: 09.13 से 10.52 तक चंचल प्रात: 10.52 से 12.32 तक लाभ दोप. 12.32 से 02.11 तक अमृत दोप. 03.50 से 05.29 तक शुभ रात्रि 08.29 से 09.50 तक लाभ ।
*आज का मंत्र :-* ।। ॐ वज्रनखाय नमः ।।
*संस्कृत सुभाषितानि :-* विशिखवव्यालयोरंत्यवर्णाभ्यां यो विनिर्मितः । परस्य हरति प्राणान् नैतत्त्चित्रं कुलोचितम् ॥ अर्थात :- बाण और जंगली पशु के अंत्यवर्ण से जो उत्पन्न हुआ है, वह दूसरेका प्राण हर लेता है उसमें आश्चर्य नहीं । वह तो उन के कुल को उचित हि है ।
*आरोग्यं :*- *बुढ़ापा रोकने की औषधि -* *2. गोटू कोला -* भारत के आयुर्वेद चिकित्सा में प्राचीन काल से ही कई बूटियों का उपयोग चिकित्सकीय प्रयोजनों में किया जाता है। गोटू कोला एक औषधीय जड़ी बूटी है जो भारत, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया और चीन जैसे देशों में पाया जाता है। इन देशों में, गोटू कोला को पारंपरिक रूप से एंटी-एजिंग गुणों के लिए उपयोग किया जाता है। यह कोशिकाओं को पुन: उत्पन्न करने में मदद करता है और स्वस्थ त्वचा को भी सुनिश्चित करता है। इस अद्भुत जड़ी बूटी ने कई मामलों में शरीर पर एंटी-स्ट्रेस अर्थात तनाव के खिलाफ प्रभाव को भी प्रदर्शित करता है। इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ मानसिक कमजोरी को दूर करने के लिए यह एक प्रभावी टॉनिक है। ⚜ *आज का राशिफल :-*
*राशि फलादेश मेष :-* *(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)* चिंता तथा तनाव रहेंगे। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। चोट व रोग से बचें। विवाद न करें। आवश्यकताएं बढ़ेंगी। आर्थिक तंगी हो सकती है। कर्ज से बचें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। शत्रु परेशान करेंगे। हानि नहीं पहुंचा पाएंगे।
*राशि फलादेश वृष :-* *(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)* यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। बकाया वसूली होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद न करें। नेत्र पीड़ा की संभावना। कुछ लाभ। यात्रा के योग टलेंगे। विरोधी सक्रिय होंगे। ज्ञानीजनों से मुलाकात होगी। शांति बनाना आवश्यक है। अकारण भय व्याप्त होगा।
*राशि फलादेश मिथुन :-* *(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)* कार्यप्रणाली में सुधार होगा। योजना फलीभूत होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। यात्रा के योग बनेंगे। लाभ होगा। राज्य से परेशानी हो सकती है। स्त्री को कष्ट। जायदाद वृद्धि के योग बनेंगे। विरोधी सक्रिय होंगे।
*राशि फलादेश कर्क :-* *(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)* राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बढ़ेगी। हानि-लाभ का वातावरण बनेगा। पराक्रम बढ़ेगा। विजय मिलेगी, गर्व न करें। ईमानदारी से कार्य करते रहें। समय पक्ष का है। स्त्री सुख, यात्रा में हानि, दुख। विरोधी कष्ट देंगे।
*राशि फलादेश सिंह :-* *(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)* चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। व्यवसाय ठीक चलेगा। जल्दबाजी न करें। कष्ट होंगे। खर्च बढ़ेंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। धनागम के अवसर बनेंगे। 'आ बैल मुझे मार' की स्थिति निर्मित न होने दें। अकारण भय बना रहेगा। व्यापारी सोच-समझकर निर्णय लें।
*राशि फलादेश कन्या :-* *(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)* कोर्ट व कचहरी के कार्य बनेंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। हानि, भय, कष्ट का वातावरण बनेगा। कुछ लाभ के आसार दिखेंगे। दुखद समाचार मिलने की संभावना है। अस्वस्थता होगी। कुसंग से हानि, कुछ लाभ के आसार दिखेंगे।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-* *(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)* संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। थकान महसूस होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। कष्टों में वृद्धि के योग हैं। कुछ नए कार्य की संभावना सिद्ध होगी। कष्टों में निवृत्ति नहीं होगी। कलह से बचना होगा। अधिकार के लिए प्रयत्न करना होगा।
*राशि फलादेश वृश्चिक :-* *(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)* रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। व्यवसाय मनोनुकूल लाभ होगा। रोग घेरेंगे। चिंताएं बढ़ेंगी। शत्रु शांत होंगे। अपमान, कष्ट, कलह से बचना होगा। राज्य से लाभ के अवसर बढ़ेंगे। लाभ होगा। शत्रु परेशान करेंगे। कुछ नुकसान होगा।
*राशि फलादेश धनु :-* *(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)* दौड़-धूप अधिक होगी। बुरी सूचना मिल सकती है। विवाद न करें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। धनलाभ के अवसर प्राप्त होंगे। अकारण भय व्याप्त होगा। शत्रु शांत होंगे। वाहन देखकर चलाएं। परिस्थितियां अनुकूल होंगी। कुछ विरोध होगा। विरोधी अपमान करेंगे। शांति होगी।
*राशि फलादेश मकर :-* *(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)* मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। घर-बाहर पूछ-परख बनी रहेगी। मातृपक्ष से परेशानी होगी। दुर्घटना की संभावना। धन मिलने की परिस्थिति निर्मित होगी। अंतरप्रेरणा से कार्य करें। धनागम के अवसर बढ़ेंगे। प्रमाद का त्याग करना होगा।
*राशि फलादेश कुंभ :-* *(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)* भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत होंगे। कष्ट-भय की संभावना, अस्वस्थता, आलस्य का अनुभव करेंगे। धनागम होगा। शरीर शिथिल होगा। शत्रु शांत रहेंगे। लाभ-हानि बराबर रहेंगे। प्रमाद बढ़ेगा।
*राशि फलादेश मीन :-* यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ होगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। शुभ समाचार की आशा बंधेगी। शत्रु षड्यंत्र रचेंगे। सावधान रहने की आवश्यकता है। पराक्रम दिखलाने का अवसर है। लाभ होगा। रिश्वत न लें। नम्रता बनाए रखें।
☯ *आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या 7 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें
पंडित पंकज जोशी
उज्जैन मप्र कालसर्प व मंगल शांति हेतु
सम्पर्क करें 9425380177
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