क्हे स्मृति झूठिरानी - ये वही सोनिया गांधी हैं जिन्होंने 13 दिसंबर को संसद पर आतंकवादी हमला होने के तुरंत बाद अटल बिहारी वाजपेयी जी को फ़ोन करके चिंतित स्वर में पूछा था कि ' आप ठीक तो हैं न ',

क्हे स्मृति झूठिरानी - ये वही सोनिया गांधी हैं जिन्होंने 13 दिसंबर को संसद पर आतंकवादी हमला होने के तुरंत बाद अटल बिहारी वाजपेयी जी को फ़ोन करके चिंतित स्वर में पूछा था कि ' आप ठीक तो हैं न ',
क्हे स्मृति झूठिरानी - ये वही सोनिया गांधी हैं जिन्होंने 13 दिसंबर को संसद पर आतंकवादी हमला होने के तुरंत बाद अटल बिहारी वाजपेयी जी को फ़ोन करके चिंतित स्वर में पूछा था कि ' आप ठीक तो हैं न ',

क्हे स्मृति झूठिरानी - ये वही सोनिया गांधी हैं जिन्होंने 13 दिसंबर को संसद पर आतंकवादी हमला होने के तुरंत बाद अटल बिहारी वाजपेयी जी को फ़ोन करके चिंतित स्वर में पूछा था कि ' आप ठीक तो हैं न ', 

क्हे स्मृति झूठिरानी - ये वही सोनिया गांधी हैं जिन्होंने 13 दिसंबर को संसद पर आतंकवादी हमला होने के तुरंत बाद अटल बिहारी वाजपेयी जी को फ़ोन करके चिंतित स्वर में पूछा था कि ' आप ठीक तो हैं न ', श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने स्वयं संसद में इस बात का विशेष उल्लेख करते हुए कहा था कि ' जब सोनिया जी ने फ़ोन पर मेरा कुशलता के विषय में पूछा तब मुझे विश्वास हो गया कि भारत का लोकतंत्र पूरी तरह से सुरक्षित है ' 

ये वही सोनिया गांधी हैं जिन्होंने 2004 में सुषमा स्वराज द्वारा उनके प्रधानमंत्री बनने पर अपना मुंडन करवाने की धमकी देती हैं और सोनिया जी संसद में उनके कंधे पर हाथ रखकर शालीनता से निकल जाती हैं ये वही सोनिया गांधी हैं जिनको भाजपा के नेताओं ने और भाजपा के असभ्य, अशिष्ट व घटिया प्रचारतंत्र ने बार बाला तक कहकर पुकारा, लेकिन सोनिया जी ने कभी अपनी शालीनता नहीं खोई,यहां तक कि आपके गुरु ने उनको जर्सी गाय तक कहकर पुकारा, तब भी सोनिया जी ने शालीनता की पराकाष्ठा दिखाई और ये दिखाया कि राजनीतिक गरिमा कैसे बनाकर रखी जाती है

 ये वही सोनिया गांधी हैं जिसने अपनी माँ समान सास को इस देश के लिए गोलियों से छलनी देखा और उस दुख को बर्दाश्त किया 

ये वही सोनिया गांधी हैं जिन्होंने यौवन में ही अपने पति को देश के लिए कुर्बान होते देखा है, यहां तक कि उनकी लाश तक मांस के लोथड़ों के रूप में आई थी, उनका चेहरा तक नहीं देख पायी वो और फिर भी भारत को छोड़कर गयी नहीं और जब देश को व कांग्रेस पार्टी को उनकी जरूरत पड़ी तो उन्होंने अपने कर्तव्यों को अंजाम तक पहुंचाया ये वही सानिया गांधी हैं जिन्होंने अपने ससुराल को अपनी दुनिया बनाया और पूर्ण रूप से भारतीयता को अपनाया और आज तक भी कोई उन पर इस मामले में उंगली नहीं उठा सकता,

अरे स्मृति झूठिरानी, ये वही सोनिया गांधी हैं जो बीमार होने के बावजूद तुम्हारी घटिया सरकार के घटिया प्� 

संगीता गजभिए

 

समाचार,विज्ञापन व सुझाव के लिए

 [email protected]

संपर्क

मो:

7089094826

9302694826

क्रमशः अगला खबर के लिए डाउनलोड करें गुगल एप

 https://play.google.com/store/apps/details?id=com.cg.newsplus