ध्यान धारणा समाधि परमात्मा प्राप्ति के लिए आवश्यक रामबालक दास

ध्यान धारणा समाधि परमात्मा प्राप्ति के लिए आवश्यक रामबालक दास


ध्यान धारणा समाधि परमात्मा प्राप्ति के लिए आवश्यक रामबालक दास

पाटेश्वर धाम तीर्थ के महान संत राम बालक दास जी के द्वारा ऑनलाइन सत्संग का आयोजन प्रतिदिन किया जाता है जिसमें सत्संगी भाई बहन  धार्मिक  सामाजिक  समसामयिक विषयों की जिज्ञासाओं को बाबा जी के समक्ष रखकर उनका समाधान प्राप्त करते हैं,
      आज की  सत्संग परिचर्चा ने बाबा जी ने सभी को सूचित किया कि रामलला के भव्य मंदिर निर्माण में सभी भारतीओ की जन भागीदारी होनी चाहिए यह निर्णय संतो के द्वारा विश्व हिंदू परिषद  के द्वारा केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल  एवं स्वयं भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा लिया गया है कि प्रत्येक घर से कुछ नहीं तो ₹10 का ही अनुदान जाए ताकि वे भी गर्व से महसूस कर सके कि भव्य राम लला मंदिर में हमारे अभी अंशदान है पाटेश्वर धाम तीर्थ भी आप सबसे निवेदन करता है कि सभी लोग श्री राम जन्मभूमि निर्माण में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें आवश्यक नहीं कि ₹100 हजार रुपए ही आप दे,आप  ₹11 देकर भी अपनी भागीदारी प्रदान कर सकते हैं
           ऋचा बहन ने सत्संग परिचर्चा में ध्यान के विषय में प्रकाश डालने की विनती बाबा जी से की ध्यान, धारणा समाधि के विषय को स्पष्ट करते हुए बाबा जी ने बताया कि, इन तीनों ही चीजों का महत्व हमारे जीवन में बहुत अधिक है ,ध्यान नहीं होगा तो मन एकाग्र नहीं होगा चित जिसका चंचल हो तो उस व्यक्ति को कभी भी जिंदगी में कुछ नहीं मिल सकता हर चीज में ध्यान की आवश्यकता होती है चाहे वह क्षेत्र राजनीतिक हो  सामाजिक हो या धार्मिक, सामाजिक व्यक्ति किसान  साधु-संत को सभी को ध्यान की जरूरत होती है
 ध्यान के बाद आता है धारणा  के विषय में लोग समझते हैं कि किसी भी विषय को मन में धारण कर लेना धारणा हो जाता है नकारात्मक सोच को जीवन में धारण कर लो तो वह धारणा बन जाएगा, सकारात्मक सोच को अगर जीवन में धारण करोगे तो वह आपकी धारणा बन जाएगी आध्यात्मिकता को ग्रहण करोगे तो वह आपकी धारणा बन जाएगी भौतिकता को ग्रहण करोगे तो वह आपकी धारणा का केंद्र होगा जैसे ध्यान हमारा पक्का होना चाहिए वैसे ही आपकी धारणा भी पक्की होनी चाहिए इसमें डगमगाना नहीं चाहिए नवधा भक्ति में श्री राम जी ने कहा है कि "मुझ पर दृढ़ विश्वास करो " यदि आप भगवान पर विश्वास करते हैं तो आपकी धारणा निश्चित ही पक्की एवं दृढ़ होनी चाहिए ध्यान के बाद धारणा अब आती है समाधि जब हमने अपने ध्यान को बहुत मजबूत कर लिया  तो समाधि की स्थिति कैसे  संभव होगा,इसे जानते है भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि मन को वश में करना निश्चित ही कठिन है जैसे वायु को बांधना लेकिन अभ्यास से वैराग्य से बार-बार मन को लगाने से यह संभव है यदि हम प्रतिदिन 10 मिनट ध्यान करें अपने अंतर्मन को झाँकते हुए एक जगह चित को लगाएं तो ध्यान आपका पक्का होता जाएगा ध्यान पक्का होगा तो धारणा निश्चित हो जाएगी तब आप तीसरी स्थिति को प्राप्त करेंगे वह होती है समाधि यह  आपको परमात्मा से मिलाती हैं यह बड़े बड़े ज्ञानी योगी के लिए भी संभव नहीं होता क्योंकि जीवन विसंगतियों का घर होता है और कुछ ना कुछ यहां आपको विचलित कर ही देता है इस भटकाव से बचाव हेतु हमें प्रतिदिन अपने लिए 15 मिनट का समय निकालना ही चाहिए जब भी मन विचलित हो तो सबसे अच्छा   साधन है मन को शांति प्रदान करने हेतु आप पद्मासन में आंख मूंदकर ज्ञान  मुद्रा में बैठकर मन को चित को एकाग्र करें,  निश्चित ही मन को संतुष्टि एवं शांति प्राप्त हो
 इस प्रकार जीवन के अनमोल वचन के साथ हमारे जीवन को हमें किस तरह से आनंददायक एवं शांत मय  बनाना चाहिए, ज्ञान से भरा हुआ सत्संग परिपूर्ण हुआ इस अद्भुत ऑनलाइन सत्संग में जुड़ने हेतु आप भी पाटेश्वर धाम के व्हाट्सएप नंबर 94255 10729 पर मैसेज कर सकते
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नरेंद्र विश्वकर्मा