ज़िलें में दरकने लगी है भाजपा की दीवार ज़िलें में चल रहा है पहले इस्तीफा फिर वापस लेने का खेल सुलग रही है पार्टी के भीतर चिंगारी... बड़े धमाके की आ रही है खबर

ज़िलें में दरकने लगी है भाजपा की दीवार ज़िलें में चल रहा है पहले इस्तीफा फिर वापस लेने का खेल सुलग रही है पार्टी के भीतर चिंगारी... बड़े धमाके की आ रही है खबर
ज़िलें में दरकने लगी है भाजपा की दीवार ज़िलें में चल रहा है पहले इस्तीफा फिर वापस लेने का खेल सुलग रही है पार्टी के भीतर चिंगारी... बड़े धमाके की आ रही है खबर
ज़िलें में दरकने लगी है भाजपा की दीवार ज़िलें में चल रहा है पहले इस्तीफा फिर वापस लेने का खेल सुलग रही है पार्टी के भीतर चिंगारी... बड़े धमाके की आ रही है खबर
ज़िलें में दरकने लगी है भाजपा की दीवार ज़िलें में चल रहा है पहले इस्तीफा फिर वापस लेने का खेल सुलग रही है पार्टी के भीतर चिंगारी... बड़े धमाके की आ रही है खबर

ज़िलें में दरकने लगी है भाजपा की दीवार ज़िलें में चल रहा है पहले इस्तीफा फिर वापस लेने का खेल सुलग रही है पार्टी के भीतर चिंगारी... बड़े धमाके की आ रही है खबर

बालोद//प्रदेश में लगातार 15 साल सरकार में रहने के बाद दो साल विपक्ष की भूमिका निभाने वाली भाजपा की दीवार ज़िलें में दरकने लगी है। ताजा मामला दल्लीराजहरा भारतीय जनता पार्टी के नेता भूपिंदर सिंह उर्फ बॉबी छतवाल के इस्तीफ़े का है। हालांकि पिछले दिनों मंडल के महामंत्री पद से इस्तीफा देने वाले दल्लीराजहरा के बॉबी छतवाल ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। उन्होंने भाजपा के जिलाध्यक्ष कृष्णकांत पवार को दायित्व से मुक्त करने के लिए अपना इस्तीफा भेजा था। भेजे गए इस्तीफे के पीछे कारण पारिवारिक दायित्व बताया जा गया। लेकिन सौपे गए इस्तीफा पत्र में पार्टी द्वारा दी गई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का जिक्र और उनके द्वारा ईमानदारी पूर्वक पालन के उल्लेख से साफ है कि उनके त्यागपत्र के पीछे कारण पारिवारिक नही बल्कि कुछ और है। भाजपा के सूत्र बता रहे है कि नगरीय निकाय के चुनाव में भूपिंदर सिंह छतवाल को पार्टी ने नगर पालिका के अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित किया था जिसमे वो 3 वोट से हार गए थे। जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए अधिकृत संतोष देवांगन को 5 मतों से जीत हासिल हुई थी। नगर पालिका के कुल 27 वार्डों मेंं महज 9 पार्षद वाली कांग्रेस ने अध्यक्ष पद में 15 वोट हासिल किए। जबकि 13 पार्षदो वाली भाजपा को 12 ही वोट मिले थे। बॉबी छतवाल ने नगर पालिका के अध्यक्ष चुनाव में भितरघात का आरोप लगाते हुए पार्टी के विरुद्ध मतदान करने वालो को निष्काषित करने की मांग की थी। जिसमे भाजपा पार्षद से उपाध्यक्ष बने संतोष देवांगन, श्रीमती टी ज्योति और मोइनुद्दीन खान को पार्टी से निष्काषित करने कहा गया था। तब तात्कालीन मंडल अध्यक्ष महेश पांडेय ने तीनो पार्षदों का निष्कासन नही किए जाने की स्थिति में मंडल कार्यकारिणी व वरिष्ठ नेताओं का इस्तीफा स्वीकार करने हस्ताक्षरयुक्त पत्र जिलाध्यक्ष कृष्णकांत पवार को सौपा था। लेकिन आज पर्यन्त 1 साल बाद भी उक्त मामले में कोई कार्रवाही नही की जा सकी है। बताया जा रहा है कि बॉबी छतवाल इस बात को लेकर खासे नाराज है। उनके अलावा दल्लीराजहरा के भाजपाइयों में भी जिलाध्यक्ष की कार्यप्रणाली को लेकर खासी नाराजगी है। पार्टी से भितरघात करने वालो को उनके संरक्षण की भी चर्चा है।

● भितरघात की और भी है शिकायतें ●

नगरीय निकाय के चुनाव में बॉबी  छतवाल, महेश पांडे के अलावा पूर्व मंडल अध्यक्ष व वर्तमान पार्षद सुरेश जायसवाल ने भी जिलाध्यक्ष कृष्णकांत पवार ने चुनाव में भितरघात की लिखित शिकायत की है। नगर पालिका के पार्षद चुनाव में नागेंद्र उर्फ मोनू चौधरी को कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करते पकड़ा गया था। उक्त शिकायत को भी पूरे एक साल जो गए जिस पर कोई कार्रवाही नही की जा सकी है। सुरेश जायसवाल के द्वारा नागेंद्र मोनू चौधरी के निष्कासन की मांग की थी। हाल ही में उसे प्रदेश किसान मोर्चा में जगह दी गई है, जिसको लेकर पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं में जिलाध्यक्ष के खिलाफ बड़ा आक्रोश है।

● जिलाध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल ●

ज़िलें में महामंत्री रहने के बाद पार्टी के जिलाध्यक्ष की कमान संभालने वाले कृष्णकांत पवार की कार्यप्रणाली लगातार सवाल खड़े होते रहे है। अब जब शहर महामंत्री ने अपने पद से त्यागपत्र दिया तो उन पर अनदेखी, उपेक्षा और तानाशाही के गंभीर आरोप भी लगाए जा रहे है। पार्टीजनो का कहना है, कारण यही है कि पदाधिकारी अपने पद से हट रहे है। ज़िलें में भाजपा बनाम भाजपा की लड़ाई भी बढ़ रही है।

● जुबानी जंग तेज, अंदरूनी राजनीति ने पकड़ी गति ●

बॉबी छतवाल के इस्तीफे के बाद भाजपाइयों में जुबानी जंग जहां तेज हो गई है वहीं अंदरूनी राजनीति ने भी गति पकड़ी ली है। हाल के कुछ घटनाक्रमों में भाजपा संगठन की बेबसी सामने आई है और अब भाजपाई ही कहने लगे हैं कि ज़िलें में संगठन नाम की चीज ही नहीं।

● पार्टी को शिवसेना की तरह चला रहे इसलिए कलह ●

दरअसल भाजपा में चल रही खींचतान की मूल वजह ज़िलें में महामंत्री के बाद कृष्णकांत पवार की जिलाध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति को माना जा रहा है। पार्टीजन सार्वजनिक कहने से भी गुरेज नही कर रहे कि पार्टी ने शिवसेना से आए व्यक्ति को जिलाध्यक्ष बना दिया है। भाजपाइयों का तो यहां तक कहना है कि सालो से राजनीति कर रहे है पर कृष्णकांत पवार को भाजपा की राजनीति में कभी सक्रिय देखा नही और पार्टी ने उन्हें जिलाध्यक्ष बना दिया। उनको भाजपा की राजनीति का कोई अनुभव नही है। भाजपाइयों की माने तो उनका कहना है कि कृष्णकांत पवार पार्टी को शिवसेना की तरह चला रहे है जिसके कारण आए दिन पार्टी में कलह होते रहती है।

● सुलग रही चिंगारी कभी भी हो सकता है और धमाका ●

कमजोर नेतृत्व के चलते संगठन हो रहा शून्य हो रहा है। ऐसा वरिष्ठ भाजपाई मानते है। जिलाध्यक्ष पर संगठन गाइडलाइन के उल्लंघन की बाते कही जा रही है। सबसे बड़ा सवाल भाजपा जिलाध्यक्ष की कार्यशैली पर उठ रहा है। कार्यकर्ताओं में असंतोष की यह चिंगारी लंबे से सुलग रही है लेकिन अब तक भाजपा संगठन कोई कारगर कार्रवाई नहीं कर सकी है। नाम न छापने की शर्त पर ज़िलें के भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी के भीतर सुलग रही चिंगारी से आने वाले दिनों मे और कुछ धमाके होंगे।

आर के देवांगन/अरुण उपाध्याय

मो/7089094826/9425572460