*राशन कार्ड के भरोसे नसीब होती थी दो बहनों की रोटी….जिम्मेदारों की लापरवाही से हुआ निरस्त…अब मजदूरी करके पेट चलाने को मजबूर*

*राशन कार्ड के भरोसे नसीब होती थी दो बहनों की रोटी….जिम्मेदारों की लापरवाही से हुआ निरस्त…अब मजदूरी करके पेट चलाने को मजबूर*
*राशन कार्ड के भरोसे नसीब होती थी दो बहनों की रोटी….जिम्मेदारों की लापरवाही से हुआ निरस्त…अब मजदूरी करके पेट चलाने को मजबूर*

*राशन कार्ड के भरोसे नसीब होती थी दो बहनों की रोटी….जिम्मेदारों की लापरवाही से हुआ निरस्त…अब मजदूरी करके पेट चलाने को मजबूर*

गरियाबंद: जिले के देवभोग ब्लॉक खोखसरा गॉव में दो महिलाएं रूखमणी बाई कश्यप और उसकी छोटी बहन पानो बाई को राशन का इंतज़ाम करने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है। करीब डेढ़ साल पहले हुए राशन कार्ड सत्यापन में जिम्मेदारों ने इनका कार्ड ही निरस्त कर दिया,तब से इन्हें राशन भी मिलना बंद हो गया। वही सरकारी दुकान से राशन मिलना बंद हो गया तो दोनों महिलाओं की परेशानी बढ़ गयी,क्यों कि दोनों महिलाओ का सहारा कोई भी नही है,यहां बताना लाज़मी होगा कि रूखमणी बाई अपने पति का घर छोड़कर करीब एक दशक पहले से ही अपनी छोटी बहन पानो बाई के साथ रह रही थी। पानो बाई बचपन से गूंगी है,दोनों बहनें किसी तरह मजदूरी कर अपना पेट पालती है। वही रूखमणी बाई कहती है कि कार्ड कटने के बाद उसने पंचायत से लेकर जनपद तक आवेदन किया,देवभोग मुख्यालय तक पहुँचकर जिम्मेदारों तक कार्ड बनवाने के लिए गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उसके आवेदन पर उचित कार्रवाई करना मुनासिब नही समझा। रूखमणी के मुताबिक कभी-कभी पंचायत में चावल का सहयोग सरपंच से मिल जाता है या फिर मजदूरी कर दोनों बहन अपने लिए राशन की व्यवस्था करते हैं।दो बार दिया आवेदन लेकिन कर दिया निरस्त मामले में खोखसरा के सचिव संजय शर्मा ने बताया कि दो बार उन्होंने संबंधित महिला का आवेदन जिला खाद्य शाखा में जमा किया था,लेकिन दोनों बार आवेदन को निरस्त कर दिया गया,वही अब तीसरी बार आवेदन बना दिया गया है। उसे भी जल्द ही जमा किया जाएगा। प्रभारी जिला खाद्य अधिकारी अंकिता सोम ने कहा कि मामले की पूरी जानकारी वे लेंगी,इसके बाद जल्द ही इस पर उचित कदम उठाया जाएगा। सरपंच कृष्ण कुमार चुरपाल ने कहा कि महिला का दस्तावेज हमने संबंधित कार्यालय में जमा करवा दिया था,वहां से निरस्त हो गया। वही दोनों महिलाओं को पंचायत की और से समय-समय पर राशन उपलब्ध करवाया जाता है।

।।। । डेढ़ साल से किसी ने नही सुना,आवेदन को डाल दिया ठंडे बस्ते में।।।

रूखमणी बाई ने बताया कि कार्ड निरस्त होते ही उन्होंने मामले में तत्काल आवेदन तैयार कर एक आवेदन पंचायत को दिया था,तो वही दूसरा आवेदन जनपद को दिया था। वही आवेदन को जिम्मेदारों ने गम्भीरता से नही लिया। इसी का परिणाम है कि आज दोनों बहनों को राशन की व्यवस्था के लिए जद्दोजहद उठाना पड़ रहा है। रूखमणी के मुताबिक उनकी छोटी बहन गूंगी है,और वे पति का घर कई साल पहले छोड़कर आ गयी,ऐसे में दोनों बहन ही एक दूसरे का सहारा है,उनके घर में कमाने वाला भी कोई नही है। दोनों बहन ही रोजी करके पेंशन के सहारे घर चलाती है।

रिपोर्ट-रौद्र विजय यादव