पत्नी हत्या के आरोपी को मिला आजीवन कारावास शासन की ओर से लोक अभियोजक मनीष चौबे ने की पैरवी

पत्नी हत्या के आरोपी को मिला आजीवन कारावास  शासन की ओर से लोक अभियोजक मनीष चौबे ने की पैरवी
पत्नी हत्या के आरोपी को मिला आजीवन कारावास  शासन की ओर से लोक अभियोजक मनीष चौबे ने की पैरवी

पत्नी हत्या के आरोपी को मिला आजीवन कारावास शासन की ओर से लोक अभियोजक मनीष चौबे ने की पैरवी

मुंगेली/ जिला एवं सत्र न्यायाधीश विद्वान अरविन्द कुमार सिन्हा द्वारा 31 जुलाई 2021 को दो वर्ष पूर्व दर्ज अपनी पत्नी के हत्या के आरोपी पुरूषोत्तम पोर्ते को भा.द.स. धारा 302 के अपराध में आजीवन कारावास एवं 02 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया एवं अर्थदण्ड के राशि अदा नही किये जाने पर 01 वर्ष सश्रम कारावास की सजा दी गई। इस प्रकरण में शासन की ओर से जिला लोक अभियोजक मनीष चौबे द्वारा पैरवी की गई। घटना 16 दिसम्बर 2019 को रात्रि 11ः30 बजे की है। ग्राम दानवखार चौंकी खुड़िया थाना लोरमी में पुरूषोत्तम पोर्ते पिता ईश्वर पोर्ते निवासी ग्राम हरनाचाका थाना लालपुर जो अपनी पत्नी एवं बच्चों के साथ अपने ससुराल दानवखार गया हुआ था। जहां पर रात्रि को अपनी पत्नी के साथ कमरे में सोया हुआ था रात को मृतिका ममता कि चिखने चिल्लाने की आवाज सुनकर उसका पिता शिवरतन धु्रव पटाव में चढ़कर अपने पुत्री एवं दामाद के कमरे में देखा तो अभियुक्त पुरूषोत्तम पोर्ते उसकी लड़की को सोए हुए हालत में सब्बल से सिर पर वार कर रहा था। चिल्लाकर अभियुक्त को रोकने पर भी अभियुक्त नही रूका तो अपने परिवार वालों को जगाया, परिवार वाले दरवाजा तोड़कर अभियुक्त को पकड़कर बांध दिए देखे तो ममता की मृत्यु हो चुकी थी परिवार वालो के द्वारा पूछने पर अभियुक्त द्वारा बताया कि उसकी पत्नी का दूसरे के साथ अवैध संबंध था तथा उसके साथ ही रहना चाहती थी जिसके कारण गुस्से में आकर उसने अपनी पत्नी को सोए हालात में सब्बल से वार कर मौत के घाट उतार दिया। उक्त घटना की रिपोर्ट मृतिका के पिता द्वारा खुड़िया चौंकी में गई थी। जिस थाना चौंकी प्रभारी सीएम मालाकार द्वारा विवेचना कर अंतिम प्रतिवेदन माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहां पर अभियोजन द्वारा 09 साक्षियों का परीक्षण न्यायालय में कराया गया। जिसमें से शिवरतन ध्रूवे मृतिका का पिता था वह प्रत्यक्षदर्शी साक्षी था। उसके तत्काल बाद उसके परिवार वाले एवं गांव वालों के समक्ष अभियुक्त द्वारा अपनी पत्नी को जान से मारने की स्वीकृति की गई थी। जिसे न्यायीकेत्तर स्वीकृति मानते हुए तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत रेस्टगेस्टेड के सिद्धांत को मानते हुए इस तरह माननीय न्यायालय ने साक्ष्य अधिनियम के महत्वपूर्ण सिद्धांत का पालन करते हुए जिसमें न्यायीकेत्तर स्वीकृति तथा रेस्टगेस्टेड के सिद्धांत को मानते हुए माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त पुरूषोत्तम पोर्ते को भा.द.स. धारा 302 के अपराध में आजीवन कारावास एवं 02 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया एवं अर्थदण्ड के राशि अदा नही किये जाने पर 01 वर्ष सश्रम कारावास की सजा दी गई है।

रिपोर्ट-अजीत यादव मुंगेली

मो-9755116815