डिटीजल बाबा के ऑनलाइन भक्तोँ में हर्ष धर्म उपदेश का लाभ लेते प्रतिदिन की भांति ऑनलाइन सत्संग का आयोजन संत श्री रामबालक दास जी के द्वारा प्रातः 10:00 बजे किया गया जिसमें सभी भक्तगण जुड़कर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त कीये

डिटीजल बाबा के ऑनलाइन भक्तोँ में हर्ष धर्म उपदेश का लाभ लेते प्रतिदिन की भांति ऑनलाइन सत्संग का आयोजन संत श्री रामबालक दास  जी के द्वारा प्रातः 10:00 बजे किया गया जिसमें सभी भक्तगण जुड़कर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त कीये
डिटीजल बाबा के ऑनलाइन भक्तोँ में हर्ष धर्म उपदेश का लाभ लेते प्रतिदिन की भांति ऑनलाइन सत्संग का आयोजन संत श्री रामबालक दास  जी के द्वारा प्रातः 10:00 बजे किया गया जिसमें सभी भक्तगण जुड़कर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त कीये

डिटीजल बाबा के ऑनलाइन भक्तोँ में हर्ष धर्म उपदेश का लाभ लेते प्रतिदिन की भांति ऑनलाइन सत्संग का आयोजन संत श्री रामबालक दास जी के द्वारा प्रातः 10:00 बजे किया गया जिसमें सभी भक्तगण जुड़कर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त कीये

 छत्तीसगढ़/डौंडीलोहारा सत्संग परिचर्चा में प्रेमचंद जी ने जिज्ञासा रखी की  पितृपक्ष में मातृनवमी नवमी तिथि में ही क्यों

मनाया जाता हैं और इसका क्या महत्व है इस पर प्रकाश डालने की कृपा हो गुरुदेव, बाबा जी ने बताया कि हमें 9 महीने तक गर्भ में रखने वाली मां, और गिनती में 1 से लेकर 9 तक 9 को पूर्णांक कहा जाता है, इसीलिए पितर पक्ष में नवमी तिथि को मात्री नवमी के रूप में ही मनाया जाता है इस दिन अपने परिवार के दिवंगत मातृ शक्तियों को पुण्य स्मरण कर उनके निमित्त तर्पण एवं भोजन का आयोजन किया जाता है

 श्रीमती माया ठाकुर डौंडीलोहारा ने संत,ऋषि, मुनि, साधु,महर्षि और महर्षी, राजर्षि में अंतर जानने की जिज्ञासा बाबाजी के समक्ष रखी, अंतर को स्पष्ट करते बाबा जी ने बताया कि यह ज्ञानी महापुरुषों के लिए एक उपाधि है, समाज में कोई भी व्यक्ति चाहे वह गृहस्थ हो या ब्रह्मचारी अपना सर्वस्व व्यवहारिक जीवन त्याग कर जंगल में सन्यास को ग्रहण कर लेता है तो वह हमारे लिए संत के समान होता है, पुराने समय में ऋषि वे होते थे जो हमारे वेद पुराणों को अध्ययन अध्यापन एवं लेखन कार्य करते थे, जो महा ज्ञानी होते थे उनको महर्षि की उपाधि दी जाती थी और जो महर्षि राजाओं के ऋषि हो वे राज ऋषि कहलाते थे

राजकुमार यादव जी ने जिज्ञासा रखी की किसी की भाग्य एवं व्यक्तिगत जीवन के बारे में आकलन कर उसके भूत भविष्य और वर्तमान को बता पाना संभव है अथवा नहीं ? यदि ज्ञाता बताने में सक्षम है तो वो किस श्रेणी में आयेगा? बताने की कृपा करें गुरु देव जी, बाबा जी ने बताया कि जो व्यक्ति सब का भाग्य बताते हैं वहीं आज गली गली पैसों के लिए घूम रहे हैं आपका भाग्य बताकर आपसे पैसा लेना इनका व्यवसाय है, जो लोग आपके नौ ग्रह की शांति करवा रहे हैं वह स्वयं का भाग्य तय करें अपने लिए प्रयास करें खुद की तो दोष दूर नहीं हो पाते उनके वह आपके लिए क्या समर्थ होंगे

 इस प्रकार आज का ऑनलाइन सत्संग संपन्न हुआ जय गौ माता जय गोपाल जय सियाराम

नरेंद्र विश्वकर्मा