राज्य शासन की उदासीनता से अतिथि व्याख्याताओं में जीवन यापन का संकट

राज्य शासन की उदासीनता से अतिथि व्याख्याताओं में जीवन यापन का संकट
राज्य शासन की उदासीनता से अतिथि व्याख्याताओं में जीवन यापन का संकट

राज्य शासन की उदासीनता से अतिथि व्याख्याताओं में जीवन यापन का संकट

विगत कई वर्षों से प्रदेश के भिन्न-भिन्न महाविद्यालयों में अतिथि व्याख्याता के रूप में सेवा दे रहे अतिथि व्याख्याताओं के सामने परिवार पोषण व जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो गया है पिछले दो सत्र से कोरोना महामारी के चलते अतिथि व्याख्याताओं को पूर्ण रोजगार प्राप्त नहीं हो पाया तथा इस सत्र में राज्य सरकार की उदासीनता के चलते अभी तक नियुक्ति नहीं मिल पाई है जिससे अतिथि व्याख्याताओं के सामने जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो गया है व परिवार के मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने में भी असमर्थ हैं जिससे अतिथि व्याख्याता व उनके आश्रितों पर शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य का प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है हमने भिन्न-भिन्न माध्यमों से सरकार का ध्यानाकर्षण करना चाहा जिसके लिए कुछ संगठनों द्वारा धरना दिया गया तथा प्रदेश के मुखिया के नाम प्रार्थना पत्र भी दिए गए व विभागीय अधिकारियों से मिलकर आग्रह किया गया परंतु यह सब निष्प्रभावी रहा अतः प्रदेश के मुखिया माननीय श्री भूपेश बघेल जी से हम सभी यह आग्रह करते हैं कि हमें जल्द से जल्द राज्य के भिन्न-भिन्न शासकीय महाविद्यालयों में नियुक्ति दी जाए तथा हमारे लिए एक निश्चित वेतनमान के साथ नियमित व्यवस्था बनाई जाए