एनईपी के तहत व्यवहारिक गतिविधि को पाठ्यक्रम में शामिल कर तैयार करें:- राजेश सिंह राणा राज्य स्तरीय प्रवेशिका निर्माण के तृतीय चरण कार्यशाला सम्पन्न

एनईपी के तहत व्यवहारिक गतिविधि को पाठ्यक्रम में शामिल कर तैयार करें:- राजेश सिंह राणा राज्य स्तरीय प्रवेशिका निर्माण के तृतीय चरण कार्यशाला सम्पन्न
एनईपी के तहत व्यवहारिक गतिविधि को पाठ्यक्रम में शामिल कर तैयार करें:- राजेश सिंह राणा राज्य स्तरीय प्रवेशिका निर्माण के तृतीय चरण कार्यशाला सम्पन्न

एनईपी के तहत व्यवहारिक गतिविधि को पाठ्यक्रम में शामिल कर तैयार करें:- राजेश सिंह राणा राज्य स्तरीय प्रवेशिका निर्माण के तृतीय चरण कार्यशाला सम्पन्न

 एससीईआरटी एवं राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक राजेश सिंह राणा (आईएएस) के निर्देशन में राज्य स्तरीय प्रवेशिका निर्माण कार्यशाला एससीईआरटी रायपुर में आयोजित था। इस कार्यशाला में राज्य भर के विशेष दक्षता रखने वाले लेखकों के समूह को शामिल किया गया।          

  ज्ञात हो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रौढ़ शिक्षा शामिल है इस कार्यक्रम के लिए राज्य को प्रवेशिका तैयार कर एनसीईआरटी को देना है। जिसके लिए राज्य में प्रवेशिका निर्माण समूह तैयार कर एससीईआरटी में कार्य संपादन कराया जा रहा है। इस कार्यशाला में राज्य भर के पाँचो संभागों के परिवेश के आधार पर पाठ्यक्रम में बनाते हुए एकरूपता ला रहे हैं। पाठ्यक्रम में व्यावसायिक कौशल और दिनचर्या की गतिविधि को शामिल करें:- राजेश सिंह राणा एससीईआरटी और राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक राजेश सिंह राणा ने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की व्यवहारिक शिक्षा पर विस्तृत चर्चा कर आवश्यकताओं और उपयोगी चीजों को शामिल करें जो उनके दिनचर्या में आवश्यक हो। जिसमें व्यावसायिक कौशल एवं टेक्नोलॉजी की व्यापकता के मद्देनजर वित्तीय संबंधी डिजिटल लेनदेन और बैंक से संबंधित प्रक्रिया हो ताकि शिक्षार्थी पढ़ने में रुचि ले।   

एनईपी 2020 में उल्लेख के आधार पर पाठ्यक्रम का निर्माण हो:- डॉ. योगेश शिवहरे

 राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उल्लेख के आधार पर बुनियादी शिक्षा, हमारी संस्कृति, भाषाओं, कामगर, परंपरा आदि को जोड़ते हुए राज्य की पाठ्यचर्या तैयार हो। पाठ्यक्रम में रोजमर्रा की चीजें शामिल हो:- डॉ. मंजीत कौरबल प्रवेशिका निर्माण कार्यशाला में राज्य स्त्रोत व्यक्ति मंजीत कौरबल की उपस्थिति हुई जहां उन्होंने लेखकों के समूह के साथ पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा की। तत्पश्चात प्रवेशिका में ऐसे शब्दों को जोड़ा जाए जो उनके रोजमर्रा में शामिल हो।

 राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक प्रशांत कुमार पाण्डेय ने प्रवेशिका निर्माण के रूपरेखा प्रस्तुत किये।

 लेखकों का प्रवेशिका निर्माण के लिए चार नदियों महानदी, अरपा, इंद्रावती और शिवनाथ के नाम पर विभाजन किया गया। इस कार्यशाला में लेखकों के द्वारा पिछले कार्यशाला में बनाये गए पाठों को एक्सपर्ट ने देखा और उस पर सुधारात्मक विचार प्रस्तुत कर सुधार करते हुए अंतिम रूप दिया जा रहा है।      

  प्रवेशिका निर्माण कार्यशाला में ज्योति चक्रवर्ती, डॉ. मनीषा वत्स, सुधा वर्मा, विकास भदौरिया, उमेश कुमार जायसवाल, डॉ. कामिनी बावनकर, रविन्द्र यादव, धारा यादव, सरगुजा से प्रतिभागी पुष्पा सिंह, सूरजपुर से प्रतिभागी सीमांचल त्रिपाठी, कृष्ण कुमार ध्रुव, दंतेवाड़ा से मुकेश रैकवार, जशपुर से उषा किरण तिर्की, महासमुंद से दुर्गा सिन्हा, दुर्ग से सुमन श्रीवास्तव, मोहित कुमार शर्मा, राजनांदगांव से बबिता गिरी, बस्तर से अमित अवस्थी, रायपुर से कामिनी बावनकर के साथ राज्य स्तरीय प्रवेशिका निर्माण कार्यशाला के समन्वयक निधि अग्रवाल, नेहा शुक्ला, कविता लिखार शामिल थे।