*धरती के सिंगार भोथीपार कला का मंचन अनेकों अंचलों में*

*धरती के सिंगार भोथीपार कला का मंचन अनेकों अंचलों में*
*धरती के सिंगार भोथीपार कला का मंचन अनेकों अंचलों में*
*धरती के सिंगार भोथीपार कला का मंचन अनेकों अंचलों में*

*धरती के सिंगार भोथीपार कला का मंचन अनेकों अंचलों में*

राजनांदगांव//समीपस्थ ग्राम भोथीपार कला से महेश्वर दास साहू के संचालन में लोक सांस्कृतिक संस्था :- धरती के सिंगार का निरंतर 32 वर्षों से अनेकों अंचल जैसे छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उड़ीसा एवं दिल्ली में भी अपनी प्रस्तुति देते आए हैं, और इस वर्ष भी कला एवं संस्कृति के संरक्षण करते महेश्वर दास साहू जो पूरे 30 कलाकारों के साथ अपनी प्रस्तुति नवरात्रि से लेकर दीपावली, भाईदूज, मंडई, मेला में अपनी प्रस्तुति देते आ रहे हैं। संचालक महेश्वर दास साहू से चर्चा के दौरान जानकारी प्राप्त हुई है कि धरती के सिंगार लोक मंच का मुख्य उद्देश्य संस्कृतियों को संरक्षित करना, साथ ही आधुनिक युग व युवा वर्ग को देखते आज कल अपने संस्कृति एवं संस्कारों के विपरित चल रहे जमाने को संदेश देना है कि हम अपने छत्तीसगढ़ के विविधताओं को संरक्षित कैसे रखें, हमारे छत्तीसगढ़ में संस्कार, सभ्यता कुट कूट कर रचा बसा है, आज के युवा वर्ग जिसे भूलने पर तुले हैं जबकि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उड़ीसा के लोग हमारे कला संस्कृतियों को जानने को आतुर हैं। हमारा यही उद्देश्य है कि हम अपनी गीत, संगीत व नाटक के माध्यम से जन जन को जागरूक करें। कार्यक्रम मंचन में प्रथम नाटक के रूप में"माधो बितगे"

जिनका उद्देश्य है नशा व अज्ञानता के प्रति जागरूक करना है, दूसरा नाटक टेली फिल्म के रूप में *"परदेसिया"* का मंचन करते हैं जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ के विविधताओं को दिखाता है, और भारत मां की आत्मा गांव में बसती है इन भावों को नाटक के माध्यम से साकार करना है साथ ही नाचा शैली को जीवित रखने गम्मत भी प्रस्तुत किया जाता है। लोक गीतों में छत्तीसगढ़ के श्रृंगारिक गीत, राष्ट्रीय एकता व अखंडता, देश भक्ति साथ ही ददरिया, करमा, सुवा, पंथी, रीलो, पंडवानी, अनेकों छत्तीसगढ़ के जीवंत उदाहरण गीतों के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं। नवरात्रि में नवमी को कनिया( मध्यप्रदेश ), विजयादशमी को ककोड़ी ( महाराष्ट्र ) व अरौद ( उत्तर बस्तर ) व राजनांदगांव जिले के आलिखुंटा, सोमनी में प्रस्तुति दिए, आगामी प्रस्तुति ग्राम कोडेवा ( अर्जुंदा ) जाम बहेगांव ( एमपी ) सतौना ( एमपी ) बक्खर ( किरनापूर एमपी ) में है। संचालक श्री साहू अपने समस्त कलाकार व्यवस्थापक डॉ. रोशन साहू, मंच संचालक खिलेश निर्मलकर, संगीत निर्देशक चूरामन पटेल, हेमंत साहू, नूतन यादव, लेखराम निषाद, प्रदीप जनबंधू, ओमकार चंद्रवंशी, नागेश्वर रामटेके, मनीष देवांगन गायक विजेंद्र साहू, बसंत निर्मलकर, ज्योति यादव, सरिता रामटेके, नृत्य पक्ष से शेष निर्मलकर, रेवा साहू, समय सोनिया, जीतू यादव, फागू मार्शल, उमा निषाद, गंगा रामटेके, हीना खोबरागड़े, मनीषा मंडावी, पूजा देवांगन, का आभार व्यक्त किए।