भिलाई : पुलिस ने खुद ही शरू कर दी खुद पर लगे आरोपो की जांच, पत्रकार से हुआ था दुर्व्यवहार नही हुई सुनवाई कैसे मिलेगा पीड़ित को न्याय? न्याय नहीं मिलने पर संगठित पत्रकार संघ ने दी धरने की चेतावनी

भिलाई : पुलिस ने खुद ही शरू कर दी खुद पर लगे आरोपो की जांच, पत्रकार से हुआ था दुर्व्यवहार नही हुई सुनवाई कैसे मिलेगा पीड़ित को न्याय? न्याय नहीं मिलने पर संगठित पत्रकार संघ ने दी धरने की चेतावनी
भिलाई : पुलिस ने खुद ही शरू कर दी खुद पर लगे आरोपो की जांच, पत्रकार से हुआ था दुर्व्यवहार नही हुई सुनवाई कैसे मिलेगा पीड़ित को न्याय? न्याय नहीं मिलने पर संगठित पत्रकार संघ ने दी धरने की चेतावनी
भिलाई : पुलिस ने खुद ही शरू कर दी खुद पर लगे आरोपो की जांच, पत्रकार से हुआ था दुर्व्यवहार नही हुई सुनवाई कैसे मिलेगा पीड़ित को न्याय? न्याय नहीं मिलने पर संगठित पत्रकार संघ ने दी धरने की चेतावनी

भिलाई : पुलिस ने खुद ही शरू कर दी खुद पर लगे आरोपो की जांच, पत्रकार से हुआ था दुर्व्यवहार नही हुई सुनवाई कैसे मिलेगा पीड़ित को न्याय? न्याय नहीं मिलने पर संगठित पत्रकार संघ ने दी धरने की चेतावनी

 भिलाई 3: कानून की गलियों का फायदा उठाने में पुलिस अपराधियों से एक कदम आगे है। ये बात इसी से साबित होता हैं की एक अख़बार के संपादक और संगठित पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा थाना प्रभारी पर बतमीजी और गाली गलोच की शिकायत उच्य अधिकारीयों से की गई थी। शिकायत मिलने पर आनन फानन में उच्य अधिकारीयों द्वारा मामले की जांच उसी थाने के प्रभारी को दे दी गई जिस की पत्रकार ने शिकायत की थी।  मामला मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र भिलाई 3 थाने का है। जहा दैनिक ट्रेक छत्तीसगढ़ अख़बार के संपादक व संगठित पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष हसमत आलम ने थाना प्रभारी भिलाई 3 पर गंभीर आरोप लगाया गया हैं। हस्मत आलम ने बताया की 11अक्टूबर की रात लगभग 01:30 बजे मै अपने कार से न्यूज़ संकलित कर अपने घर उमदा जा रहा था। मेरे साथ मेरे साथी भी मौजूद थे इसी दरम्यान उमदा रोड के किनारे खड़ी प्राइवेट कार से हॉर्न की आवाज़ तेज़ी से बजाई जा रही थी मेरे वाहन की सभी कांच बंद होने की वजह से मुझे हॉर्न की आवाज़ ठीक से सुनाई नहीं दी मै आगे बढ़ा तभी थाना प्रभारी ने आगे से आकर मुझे घेर कर कहने लगे की मेरी गड़ी देखकर रुका क्यू नहीं मैंने उनसे कहा की ये शासकीय वाहन नहीं हैं,और नही कोई पुलिस की जांच के लिए वेरीगेट लगा हैं फिर मै क्यू रुकता, इतना सुनते थाना प्रभारी आगबबूला हो गए और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए मुझे सबक सिखाने की बात करने लगे, मैंने उन्हें बताया की मै पत्रकार हू और न्यूज़ के कार्य से गया था मैंने कोई अपराध नहीं किया हैं। इतना सुनते ही प्रभारी ने मुझे और पूरे पत्रकारों को गंदी गंदी गालिया देते हुए पत्रकारों को दलाल और बिकाऊ बताने गया। मुझे अपनी राजनीतिक पहुंच और प्रभारी के पद का इस्तेमाल कर फ़साने और सबक सिखाने की बात कही गई। थाना प्रभारी द्वारा कहे गए शब्दो से मै बहूत आहत हू मैंने इसकी शिकायत पुलिस के आला अधिकारीयों से की हैं। जिसकी जांच की जिम्मेदारी उसी थाना प्रभारी को दे दी गई हैं। जिसने मुझे और पूरे पत्रकारों को फर्जी और दलाल बताया था। पत्रकार हसमत आलम ने कहा की ज़ब पत्रकारों के साथ पुलिस का इस तरह का रवैया हैं तो आम लोगो के साथ पुलिस कैसा व्यवहार करती होंगी भिलाई 3 थाने के अंतर्गत अवैध कार्य खूब फल फूल रहा हैं, प्रभारी पत्रकारों को दलाल बता रहे हैं, लेकिन सट्टा जुवा और गुल पर अभी तक कोई लगाम नहीं लगा पाए।हसमत आलम ने आगे बताते हुए कहा की पुलिस की इस तरह की कार्यशैली समझ से परे हैं की खुद पर लगे इल्जाम की जांच खुद वही करेंगे तो न्याय कैसे होगा, इस मामले में पत्रकारों ने जल्द न्याय नहीं मिलने पे 29 नवम्बर को धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है। जिसमे संगठित पत्रकार संघ के सभी पत्रकार शामिल होकर पत्रकार के साथ हुई घटना का विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसकी जानकारी प्रदेश उपाध्यक्ष विजय श्रीवास्तव ने दी है।