पार्षदों ने लगाए अध्यक्ष पर आरोप दो साल के कार्यकाल बाद आया अविस्वास प्रस्ताव

पार्षदों ने लगाए अध्यक्ष पर आरोप दो साल के कार्यकाल बाद आया अविस्वास प्रस्ताव
पार्षदों ने लगाए अध्यक्ष पर आरोप दो साल के कार्यकाल बाद आया अविस्वास प्रस्ताव

पार्षदों ने लगाए अध्यक्ष पर आरोप दो साल के कार्यकाल बाद आया अविस्वास प्रस्ताव

बालोद- जिले के गुरुर नगर पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी है। इसके लिए पार्षदों ने एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंप दिया है। जिसमें उन्होंने नगर पंचायत के अध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। यहां नगर पंचायत का अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी का है। इसके बावजूद उसके ही पार्टी के पार्षदों ने अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।गुरुर नगर पंचायत में अध्यक्ष को मिलाकर 15 पार्षद हैं। इनमें से 13 पार्षदों ने बुधवार दोपहर को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। इसमें उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू के खिलाफ शिकायत की है। अध्यक्ष की कार्यप्रणाली से पार्षद काफी नाराज हैं। पार्षदों ने कलेक्टर से यहां जल्द से जल्द अविश्वास प्रस्ताव के लिए तिथि निर्धारत करने की मांग की है। बताया जा रहा है कि पार्षदों के इस तरह से मोर्चा खोलने से अध्यक्ष की कुर्सी जाना लगभग तय माना जा रहा है।

पार्षदों का बगावती तेवर

 पार्षदों के बगावती तेवर से गुरुर नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी हिलने लगी है। गुस्साए पार्षदों अध्यक्ष के खिलाफ जमकर आरोप लगाए है। 15 पार्षदों वाले नगर पंचायत के 13 वार्ड पार्षदों ने अविस्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया है। अधिनियम के तहत अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए दो तिहाई मतों की आवश्यकता होती है जो कि 10 मत होते हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि यह अविश्वास प्रस्ताव कायम रहेगा और आने वाले समय में नगर पंचायत के अध्यक्ष को लेकर सीन बदला हुआ नजर आएगा।

दो साल के कार्यकाल बाद आया अविस्वास प्रस्ताव

दो साल तक किसी प्रकार का अविश्वास प्रस्ताव नहीं किया जाना था। इस कारण अंसतुष्ट पार्षद दो साल तक समय का इंतजार करते रहे। परिषद का दो वर्ष पूरा होते ही अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू के खिलाफ पार्षदों ने मोर्चा खोलते हुए अविश्वास प्रस्ताव कलेक्टर को सौंपा है। गौरतलब हो कि नगर पंचायत गुरुर में 4 जनवरी 2020 को शपथ और प्रथम सम्मिलन का आयोजन किया गया था। इस लिहाज से परिषद का कार्यकाल दो साल पूरा हो चुका है। ऐसी है सियासी स्थिति नगरीय निकाय के चुनाव में सबसे चौकाने वाला परिणाम गुरुर नगर पंचायत का था। भाजपा के पूर्ण बहुमत के बाद भी कांग्रेस के रणनीतिकारों ने बाजी पलटते हुए अध्यक्ष सहित उपाध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमाया था। यहां टिकेश्वरी साहू अध्यक्ष और प्रमोद सोनवानी उपाध्यक्ष चुने गए। नगर पंचायत में भाजपा के आठ पार्षद और कांग्रेस के सात पार्षद निवार्चित हुए थे। भाजपा के आठ पार्षदों में एक वार्ड क्रमांक तीन की पार्षद महिमा रेणु पार्टी से निष्कासित है। अविस्वास प्रस्ताव में उन्होंने भी हस्ताक्षर किया है। प्रस्ताव में हस्ताक्षर करने वालो में नगर पंचायत उपाध्यक्ष प्रदीप सोनवानी सहित कांग्रेस के पांच पार्षद और भाजपा के सात पार्षद है।

 पार्षदों ने लगाए अध्यक्ष पर आरोप

 पार्षदों ने कलेक्टर को बताया है कि अध्यक्ष टिकेश्वरी साहू के दो साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। उनके कार्यकाल के दौरान नगर पंचायत क्षेत्र में कराए गए सभी निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन है। प्लेसमेंट में सुपरवाइजर पद पर कार्यरत अध्यक्ष पति द्वारा मनमानी की जाती है। पूर्व स्वीकृत पीएम आवास का निर्माण अध्यक्ष बनने के पश्चात शुरू कराया गया है। जबकि नैतिकता के आधार पर आवास किसी गरीब को आवंटित करना था। पंचायत क्षेत्र में विकास कार्यो के लिए चर्चा व बैठक के सुझाव को नजरअंदाज किया जाता है। पद प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए किसी भी विकास कार्य को प्राथमिकता से कराने में अध्यक्ष के द्वारा रुचि नहीं ली जाती। जिससे नगर के कई विकास कार्य थमे पड़े हैं।

 आरोप निराधारः अध्यक्ष

 नगर पंचायत गुरुर अध्यक्ष टिकेश्वर साहू ने कहा कि मेरे ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं वे सब निराधार है। राजनीतिक षड्यंत्र के तहत अविस्वास प्रस्ताव की तैयारी की जा रही है। परिवार का मुखिया होने के नाते हमेशा सबको साथ लेकर कार्य किया है।