बाल शोषण और उपेक्षा के विरुद्ध लड़ाई में दी लेप्रोसी मिशन ट्रस्ट इंडिया कूफा ( चिल्ड्रन यूनाइट फॉर एक्शन) प्रोजेक्ट की सराहनी कदम

बाल शोषण और उपेक्षा के विरुद्ध लड़ाई में दी लेप्रोसी मिशन ट्रस्ट इंडिया कूफा ( चिल्ड्रन यूनाइट फॉर एक्शन) प्रोजेक्ट की सराहनी कदम
बाल शोषण और उपेक्षा के विरुद्ध लड़ाई में दी लेप्रोसी मिशन ट्रस्ट इंडिया कूफा ( चिल्ड्रन यूनाइट फॉर एक्शन) प्रोजेक्ट की सराहनी कदम

बाल शोषण और उपेक्षा के विरुद्ध लड़ाई में दी लेप्रोसी मिशन ट्रस्ट इंडिया कूफा ( चिल्ड्रन यूनाइट फॉर एक्शन) प्रोजेक्ट की सराहनी कदम

18 साल से कम उम्र के किसी भी बच्चे के साथ जानबूझकर मानसिक या शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाना या दुर्व्यवहार करना आदि बाल शोषण माना जाता है। जो कानूनी तौर पर अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

 दी लेप्रोसी मिशन ट्रस्ट इंडिया ने अपने कूफा ( चिल्ड्रन यूनाइट फॉर एक्शन) प्रोजेक्ट के माध्यम से अपने कार्य क्षेत्र के गांवों में बाल शोषण और उपेक्षा के प्रति ग्रामीणों को जागरूक कर रहे है। अपने जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से बाल शोषण के लक्षणों जैसे - दोस्त बनाने या सामान्य गतिविधियों में बच्चे का हिस्सा न लेना, व्यवहार में बदलाव होना, जैसे- गुस्सैल मिजाज, अचानक से बात करना बंद करना, स्कूल जाने से डरना या पढ़ाई की स्थिति में बदलाव होना,डिप्रेशन, एंग्जाइटी,किसी बात से डरना या अचानक से आत्म विश्वास में कमी महसूस करना,बच्चे की उचित देखरेख में लापरवाही,लगातार स्कूल न जाना या स्कूल बस में चढ़ने से डरना,स्कूल में ही जबरन रहना, जैसे बच्चा घर जाना ही न चाहता हो,घर से दूर भागने की कोशिश करना,विद्रोह या निडर व्यवहार करना,सुसाइड (आत्महत्या) का प्रयास करना आदि के बारे में बताया गया।

 मां - बाप को हमेशा बाल शोषण और उपेक्षा के प्रति हमेशा सचेत रहना चाहिए। अगर किसी को भी लगता है की उनके बच्चे के साथ किसी ने शोषण किया है तो तुरंत ही चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 में संपर्क करना चाहिए।