नगर के दूध गंगा मिल्क प्लांट में फिर एक बार किसान ने प्लांट के सामने अपना दूध बहाया हैं।

नगर के दूध गंगा मिल्क प्लांट में फिर एक बार किसान ने प्लांट के सामने अपना दूध बहाया हैं।
नगर के दूध गंगा मिल्क प्लांट में फिर एक बार किसान ने प्लांट के सामने अपना दूध बहाया हैं।

नगर के दूधगंगा मिल्क प्लांट में फिर धांधली

बालोद-बालोद नगर के दूध गंगा मिल्क प्लांट में फिर एक बार किसान ने प्लांट के सामने अपना दूध बहाया हैं। मिल्क प्लांट प्रबंधन पर गलत तरीके से दूध को रिजेक्ट करने का आरोप लगाया हैं।नाराज़ किसानों में संचालक मंडल जमकर आक्रोश देखने मिला।

पशुपालक किसानो का आरोप है कि दूध प्रबंधक द्वारा बिना जांच के ही दूध को रिजेक्ट किया जा रहा है। वही दुग्ध गंगा के प्रबंधक की माने तो वे बोर्ड ऑफ डायरेक्टर और शासन के नियमो के आधार पर ही दूध की खरीदी की जा रही है।एएसएनएफ और फैट के आधार पर ही पशुपालको से दूध लिया जा रहा है।वही किसानो को हो रही समस्या को लेकर प्रबंधक ने वेटनरी विभाग से चर्चा कर निराकरण करने की बात कही है।आपको बता दे की पहले भी लॉक डाउन के दौरान दूध बहाने का मामला सामने आ चुका हैं। वही एक दिन पूर्व ही किसानों ने दुग्ध गंगा के संचालक मंडल को भंग करने की मांग कलेक्टर और उपपंजीयक से कर चुके है।

सहकारिता विभाग द्वारा संचालित दुग्ध गंगा के संचालक मंडल को भंग करने, पुनः चुनाव करवाने एवं वर्ष 2018-2019 में हुए अंकेक्षण को पुनः जांच कर विशेष अंकेक्षण करवाने सहित कुल 3 मांग को लेकर पशुपालको ने बीते गुरुवार को उपपंजीयक और कलेक्टर को ज्ञापन सौपा हैं।

बहरहाल देखना होगा पूरे मामले में प्रशासन किस तरह का रुख अख्तियार करती है।