*अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक; जानिए क्या है आपके मानव एवं संवैधानिक अधिकार तथा महिलाओं के विशेषाधिकार - श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी*

*अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक; जानिए क्या है आपके मानव एवं संवैधानिक अधिकार तथा महिलाओं के विशेषाधिकार - श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी*
*अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक; जानिए क्या है आपके मानव एवं संवैधानिक अधिकार तथा महिलाओं के विशेषाधिकार - श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी*

*अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेषांक; जानिए क्या है आपके मानव एवं संवैधानिक अधिकार तथा महिलाओं के विशेषाधिकार - श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी*

8 March, 2022 अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मैं श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी, (www.thebharat.co.in के संस्थापक) आपको आपके मानव अधिकारों और महिलाओं के रूप में प्राप्त विशेषाधिकारों से अवगत कराने का प्रयास कर रही हूँ ताकि आपके साथ किसी भी स्थिति में हिंसा, प्रताड़ना और अन्याय जैसे घटना घटित न हों, यदि कतिपय कारणों से आपके साथ ऐसी घटनाएँ घटती है तो इसके ख़िलाफ़ आप क़ानूनी और संवैधानिक अधिकारों का स्तेमाल कर सकें।

???????? मानव अधिकार एवं संवैधानिक अधिकार की संक्षिप्त जानकारी :

# गरीमामय जीवन जीने का अधिकार

# समानता का अधिकार # अभिव्यक्ति की आज़ादी और शांतिपूर्ण आंदोलन करने का अधिकार

# निजता का अधिकार - गोपनीयता, परिवार, गृह और पत्राचार में हस्तक्षेप से स्वतंत्रता

# व्यापार करने तथा ट्रेड युनियन में शामिल होने अधिकार

# समिति, संगठन और राजनैतिक दल बनाने का अधिकार

# न्याय पाने और शोषण से संरक्षण का अधिकार

# अपराधों के आरोप से बचाव करने का अधिकार, अपराध सिद्ध न होने तक निर्दोष माने जाने का अधिकार

# विवाह करने तथा परिवार में वृद्धि करने का अधिकार

# मतदान में भाग लेने तथा चुनाव में भाग लेकर जनप्रतिधि बनने का अधिकार

# लोक सेवाओं में सम्मिलित होने का अधिकार

# धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार

# आवास का अधिकार

# चिकित्सा का अधिकार # सुरक्षा पाने का अधिकार

# शिक्षा का अधिकार

# निद्रा का अधिकार

# बिजली पाने का अधिकार

# संपत्ति रखने का अधिकार और उसका संरक्षण करने का अधिकार

# राष्ट्रीयता को बदलने की स्वतंत्रता का अधिकार - समूचे विश्व में कही भी निवास करने, शरण लेने और नागरिकता प्राप्त करने का अधिकार

# सरकार में शामिल होने तथा चुनाव लड़ने का अधिकार

# अवकाश और विश्राम करने का अधिकार

# ऊपर दिए अधिकारों में राज्य या व्यक्तिगत हस्तक्षेप से स्वतंत्रता

???????? महिलाओं के विशेषाधिकार सम्बन्धी जानकारी:

# घरेलू हिंसा से बचाव का अधिकार

# पति द्वारा जबरदस्ती नहीं करने संबंधी प्रावधान

# दफ्तर और कार्यस्थल में यौन हिंसा और प्रताड़ना से सुरक्षा

# पिता के संपत्ति में हिस्सेदारी का अधिकार

# पति अथवा ससुर से गुजारा भत्ता व संपत्ति पाने का अधिकार

# निजता/गोपनीयता का अधिकार # सरकारी सेवाओं में उचित प्रतिनिधित्व का प्रावधान

# मातृत्व अवकाश प्राप्त करने का अधिकार

# अबार्सन का अधिकार

# रात्रिकाल और पुरूष पुलिस अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार न किये जाने का प्रावधान

# पूछताछ और गवाही देने के लिये महिला को पुलिस थाना नहीं बुलाने का अधिकार

# निवास में केवल महिला सदस्य उपस्थित होने पर बिना महिला पुलिस अधिकारी के तलासी नहीं करने का प्रावधान

# पति और पुरुषों द्वारा महिलाओं/लड़कियों की पिटाई नहीं की जा सकती, ऐसा करना क़ानूनन अपराध है।

# महिला के साथ उनके पति के द्वारा भी उनके सहमति के बिना फिजिकल रिलेशन नहीं बनाया जा सकता है।

???????? महिला सम्बन्धी महत्वपूर्ण विचार :

# महिलाएँ पुरुषों से किसी भी मामले में कम नहीं।

# महिलाएँ ट्रेन और फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं।

# महिलाएँ अंतरिक्ष की यात्रा पर जा रही हैं।

# महिलाएँ एवरेस्ट की चोटी तक जा चढ़ती हैं।

# महिलाएँ सेना और पुलिस में भर्ती होकर नक्सली और आतंकवाद से लड़ रही हैं।

# महिलाएँ घर परिवार और समाज के जिम्मेदारियों का निर्वहन पुरुषों की भांति कर रही हैं।

# महिलाएँ चिकित्सा, शिक्षा और व्यापार जगत पुरुषों से पीछे नहीं हैं।

# महिलाएँ पत्नी के रूप में पुरुषों की नौकरानी, सेक्स करने और बच्चे पैदा करने की मशीन नहीं बल्कि उनके समतुल्य और स्वतंत्र हैं।

# महिलाओं पर नियंत्रण रखने की मानसिकता असंवैधानिक और अप्राकृतिक है।

# भोजन बनाना, बर्तन धोना, कपडे धोना और घरेलु काम करना केवल महिलाओं की नहीं, बल्कि पुरुषों की भी जिम्मेदारी है।

# महिलायें भी पुरुषों की तरह पूरी आज़ादी से कहीं भी घूमने जा सकती हैं, अर्थात महिलों को चारदीवारी में कैद नहीं किया जा सकता।

# बालिग़ लड़कियाँ अपने इच्छानुसार किसी भी बालिग़ लड़के से उनके जाति धर्म और रंग के आधार पर भेदभाव किये बिना विवाह कर सकती हैं और इस सम्बन्ध में ख़तरा होने पर माननीय न्यायायलय के माध्यम से सुरक्षा भी प्राप्त कर सकती हैं।

# तलाक होने अथवा विधवा होने पर पुनर्विवाह करना महिलाओं का अधिकार है।

# विधवा होने की स्थिति में श्रृंगार करना अथवा श्रृंगार नहीं करना सम्बंधित महिला का व्यक्तिगत अधिकार है।

# यदि आपके पति शराब पीकर बेवजह आपके साथ मारपीट करते हैं तो आप आत्मरक्षा के लिए उचित कदम उठा सकती हैं।

# आपका पति भी आपकी जानकारी और अनुमति के बिना आपके कॉल रिकार्ड नहीं कर सकते।

# महिलाएँ भी पुरुषों की भांति विभिन्न कारणों से अपने पति को तलाक दे सकती हैं।

【लेखिका श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी जागरूकता आधारित ब्लॉग www.thebharat.co.in के संस्थापक व संचालक हैं।】