जिला खनिज विभाग का दफ्तर विवादों के घेरे में  माइनिंग विभाग के वाहन टेंडर में गड़बड़ी का आरोप

जिला खनिज विभाग का दफ्तर विवादों के घेरे में  माइनिंग विभाग के वाहन टेंडर में गड़बड़ी का आरोप
जिला खनिज विभाग का दफ्तर विवादों के घेरे में  माइनिंग विभाग के वाहन टेंडर में गड़बड़ी का आरोप

 

  जिला खनिज विभाग का दफ्तर विवादों के घेरे में  माइनिंग विभाग के वाहन टेंडर में गड़बड़ी का आरोप

बालोद :- जिला खनिज विभाग का दफ्तर इन दिनों विवादों के घेरे में है। अवैध खनन और परिवहन को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाले जिले के माइनिंग विभाग पर अबकी बार वाहन टेंडर में गड़बड़ी का आरोप लगा है। निविदा में शामिल प्रकाश राव शर्मा ने जिले के कलेक्टर से शिकायत कर जांच की मांग की है। जानकारी के मुताबिक, कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा से किराए पर वाहन लेने के लिए टेंडर निकाला था। निविदा को 23 मार्च को खोला गया। शिकायतकर्ता का कहना है कि उक्त टेंडर में बुनियादी त्रुटि पाई गई है जिसकी जांच कर सही दस्तावेज जमा करने वाले को टेंडर दिया जाए। तीन बिन्दुओ में शिकायत का उल्लेख करते हुए प्रकाश राव ने बताया कि गरिमा ट्रेवल्स के टेंडर को स्वीकार किया गया है जबकि उनके जीएसटी पंजीयन दो-तीन माह पहले हुआ है। गरिमा ट्रेवल्स के उक्त वाहन का टैक्सी परमिट भी नही है और न ही आरटीओ में वाहन का रजिस्ट्रेशन है। प्रकाश राव ने ने निविदा निरस्त करने व दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

अपने चहेते को टेंडर दे दिया गया

प्रक्रिया पूरी करने के बाद विभाग के द्वारा 23 मार्च 2022 में टेंडर खोला गया गया। निविदा में शामिल दूसरे फर्म को गलत तरीके से टेंडर दिए जाने के संबंध में प्रतिभागी एजेंसी द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई है। इसमें किसी तरह की कार्रवाई नहीं करते हुए अपने चहेते को टेंडर दे दिया गया। टेंडर प्राप्त करने वाले के आवेदन में त्रुटि की जांच को लेकर शिकायत की गई। सूत्रों के अनुसार लेन-देन को लेकर भी बातें सामने आ रही हैं।

● विभाग में काम करने वाले को मिला वाहन का टेंडर ●

शिकायतकर्ता का कहना है कि निविदा प्रक्रिया शासन के नियमानुसार नहीं की गई है। महज दो आवेदन आए थे और टेंडर को स्वीकृत करते हुए गरिमा ट्रेवल्स को टेंडर दिया गया। जबकि फर्म को बने मात्र तीन महीने ही हुए है। जिनके पास न टैक्सी परमिट है और न ही आरटीओ का पंजीकरण। जानकारी के अनुसार गरिमा ट्रेवल्स विष्णु धनकर नामक व्यक्ति का है जो विगत 10 सालो से माइनिंग आफिस में ड्राइवर या अन्य काम करता है।

               ● वर्जन ●

√ कमेटी मान गई है निविदा एक्सेप्ट भी हो गई है। टेंडर में नियम का पालन हुआ है। आरोप बेबुनियाद है। जीएसटी पंजीयन होना चाहिए नियम में ही नही। उनको निविदा नही मिली इसलिए बोल रहे : - प्रवीण चन्द्राकर, जिला खनिज अधिकारी बालोद