छ ग वन कर्मचारी संघ अपने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 24 दिनों से थे अनिष्चित कालीन हड़ताल पर लेकिन सरकार से मिले आश्वाशन के बाद 2 महीनों के लिये किये हड़ताल स्थगित क्या थी उनकी मांगे पढ़े पूरी खबर

छ ग वन कर्मचारी संघ अपने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 24 दिनों से थे अनिष्चित कालीन हड़ताल पर लेकिन सरकार से मिले आश्वाशन के बाद 2 महीनों के लिये किये हड़ताल स्थगित क्या थी उनकी मांगे पढ़े पूरी खबर

छ ग वन कर्मचारी संघ अपने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 24 दिनों से थे अनिष्चित कालीन हड़ताल पर लेकिन सरकार से मिले आश्वाशन के बाद 2 महीनों के लिये किये हड़ताल स्थगित , क्या थी उनकी मांगे पढ़े पूरी खबर

 

 

बालोद :- छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के प्रांतीय आह्वान पर जिले के वन कर्मियों ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 24 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे।लेकिन बुधवार को सरकार से मिले आश्वासन के बाद वनकर्मियों ने केवल 2 महीने के लिए हड़ताल स्थगित की हैं।

बता दे कि जिले के वनकर्मियों ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर 21 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। वन कर्मचारी आज से अपने कार्य क्षेत्र में वापस लौटे हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारी गुरुवार से अपने कार्य क्षेत्र में वापस लौट आए है।

वन कर्मचारियों काम पर वापस लौटने से जंगल में आग एवं वनस्पतियों के नुकसान पर अंकुश लगेगा। ज्ञात हो कि वन विभाग के दल कर्मचारी अपनी 12 सूत्री मांग को लेकर जिला मुख्यालय में पिछले 24 दिनों से धरना दे रहे थे। वन कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से जंगल में आगजनी की घटनाएं बढ़ गई थी। इससे वन विभाग के अधिकारी परेशान हो गए थे। हड़ताल खत्म करने के लिए वन मंत्री मो. अकबर और प्रधानमुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने बैठक लेकर इनकी ज्यादातर मांगों को जायज ठहराते हुए पूरी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन कर्मचारी संघ लिखित में आदेश देने की बात पर अड़ा था। हड़ताल की वजह से जंगल में नुकसान हो रहा था। 12 सूत्रीय मांगे 12 सूत्रीय माँगो में प्रमुख रूप से वनरक्षक का वेतनमान वर्ष 2003 से 3050 रुपये स्वीकृत किया जाए। वनरक्षक, वनपाल, उप वन क्षेत्रपाल कर्मचारियों का वेतनमान मांग के अनुसार किया जाए। पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए। छग राज्य गठन के पश्चात् नया सेटअप पुनरीक्षण किया जाये। महाराष्ट्र सरकार की तरह 5000 रुपये पौष्टीक आहार, वर्दी भत्ता दिया जाए। पदनाम वर्दी हेतु संबोधित नाम अन्य पहचान निर्धारण आदेश जारी किया जाए। वनोपज संघ के कार्य हेतु एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाए। काष्ठ वनोपज प्रदाय से कमी मात्रा की वसूली निरस्त, राइट आफ किया जाए।विभागीय पर्यटन स्थल में वनकर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त वन कर्मचारियों को निश्शुल्क प्रवेश दिया जाए। वनपाल प्रशिक्षण अवधि 45 दिन की जाए। वनपाल प्रशिक्षण केंद्र कोनी (बिलासपुर) में प्रारंभ किया जाए। भृत्य, वानिकी चौकीदार का समायोजन किया जाए। दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों को नियमित किए जाने की मांग शामिल है।

रिपोर्ट :- अरुण उपाध्याय बालोद