बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए शुरू की गई सरकार की रेडी-टू-ईट की योजना गायब सी हो गई है

बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए शुरू की गई सरकार की रेडी-टू-ईट की योजना गायब सी हो गई है
बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए शुरू की गई सरकार की रेडी-टू-ईट की योजना गायब सी हो गई है

बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए शुरू की गई सरकार की रेडी-टू-ईट की योजना गायब सी हो गई है

बालोद- बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए शुरू की गई सरकार की रेडी-टू-ईट की योजना गायब सी हो गई है। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चो को इसका लाभ नहीं मिल रहा है ना ही हितग्राही महिलाओं को। आलम यह है कि रेडी-टू-ईट बनाने वाली महिला समूह बेरोजगार बैठी है। शासन के निर्देश के मुताबिक अब रेडी-टू-ईट बनाने का काम बीज निगम को दे दिया गया है। इसका विरोध महिला समूह द्वारा जब किया गया तो महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री अनिला भेड़िया ने स्पष्ट कहा था कि महिला समूह इसमें बेरोजगार नहीं होंगी। बल्कि वह सप्लाई का काम कर सकेंगे। इसके लिए शासन के निर्देश के तहत ही बीज निगम और संबंधित महिला समूह के मध्य अनुबंध भी कराया गया।जिसमें विभिन्न शर्तों के पालन के साथ-साथ कहा गया कि समूह को रेडी-टू-ईट वितरण करवाने के बदले एक मुश्त 15000 महीना दिया जाएगा। चाहे समूह के क्षेत्र में कम हितग्राही हो या ज्यादा हो। इसके अलावा और भी कई शर्ते रखी गई। जिनके तहत पालन करते हुए समूह को काम करने की अनुमति दी गई। बीज निगम और महिला समूहों के बीच शासन के निर्देश पर ही अनुबंध करार हुआ लेकिन अब बीज निगम भी धोखा दे दिया है महिला समूह को सप्लाई का काम दिया ही नहीं दिया है और किसी एग्रो फूड कंपनी के जरिए सप्लाई करवाने की तैयारी की जा रही है। कंपनी द्वारा ट्रांसपोर्टर की तलाश की जा रही है। जबकि अनुबंध में स्पष्ट है कि ट्रांसपोर्ट का काम महिला समूह को दिया जाएगा। पर एन वक्त पर महिला समूह के साथ फिर धोखेबाजी हो रही है। जिससे बालोद ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के महिला समूह में आक्रोश है। जो वर्षों से रेडी-टू-ईट समूह का संचालन कर सप्लाई कर रही थी और अपनी आजीविका चला रही थी। लेकिन अब वे बेरोजगार हो गए हैं। उनकी लगाई लाखों की मशीनें बंद पड़ी हुई है और कोई रास्ता भी नजर नहीं आ रहा है।

 समूह ने कहा अनुबंध का हो रहा उल्लंघन 

महिला समूह को काम ना मिलने पर नाराजगी है। महिला समूह के पदाधिकारियों का कहना है कि अनुबंध का उल्लंघन किया जा रहा है। शासन ने खुद निर्देश दिया इसके बाद बीज निगम ने समूह के साथ अनुबंध किया। पूरी लिखा पड़ी और शर्तों के साथ तय किया कि कैसे हमें सप्लाई करनी है और क्या-क्या नियमों का पालन करना है। लेकिन सप्लाई का काम दिए बगैर अनुबंध की शर्तों से दूर भागते हुए बीज निगम अब समूह से सप्लाई ही नहीं करवाई और दूसरी कंपनी को सप्लाई का काम दे दिया गया है।

 इस मामले में मुझे फिलहाल जानकारी नहीं है। आज ही बालोद जिले में ड्यूटी ज्वाइन किया हूं। शासन का क्या निर्देश है देखने के बाद ही पूरी जानकारी बता पाऊंगा।

 अजय शर्मा, जिला महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी बालोद