कुंदरूपारा फारेस्ट से लगे ग्रीनलैंड जमीन को भूमाफिया द्वारा की जा रही अवैध प्लांटिंग,

कुंदरूपारा फारेस्ट से लगे ग्रीनलैंड जमीन को भूमाफिया द्वारा की जा रही अवैध प्लांटिंग,
कुंदरूपारा फारेस्ट से लगे ग्रीनलैंड जमीन को भूमाफिया द्वारा की जा रही अवैध प्लांटिंग,

कुंदरूपारा फारेस्ट से लगे ग्रीनलैंड जमीन को भूमाफिया द्वारा की जा रही अवैध प्लांटिंग,

खेत ख़िलाहन की आवासीय प्लांट के रूप में की जा रही खरीदी बिक्री रॉयल प्रॉपर्टी के नाम से जमीन की खरीदी बिक्री करते है माफिया

बालोद :- शासन-प्रशासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर जिला मुख्यालय में स्थित कुंदरूपारा फारेस्ट से लगा ग्रीनलैंड जमीन को भूमाफियाओ द्वारा धडल्ले से अवैध प्लांटिंग किया जा रहा है। इसके साथ ही नगर सहित आस पास क्षेत्रो के खेत-खलिहान की आवासीय प्लाट के रूप में खरीदी-बिक्री हो रही है। स्थिति यह है कि नगर के आसपास रोज कहीं न कहीं कालोनी का नक्शा खींचा जा रहा है। नगर सहित आसपास के इलाकों में इन दिनों अवैध प्लाटिंग का कारोबार जोर-शोर से हो रहा है। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) को दरकिनार कर प्लाट बेचे जा रहे हैं। इसके चलते प्लाट खरीदने वाले लोग भविष्य में परेशानी में फंस सकते हैं।

कुंदरूपारा से लगा फारेस्ट ग्रीनलैंड जमीन पर की जा रही अवैध प्लांटिंग 

नगर के कुंदरूपारा फारेस्ट से लगा ग्रीनलैंड जमीन को धड़ल्ले से अवैध प्लांटिंग का काम जोरो से चल रहा है।ग्रीनलैंड जमीन को भूमाफियाओं द्वारा समतलीकरण कर अलग अलग प्लांटिंग कर खम्बे भी गड़ा दिया है।भूमाफियाओं द्वारा अवैध प्लांटिंग की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है।भूमाफिया द्वारा खेत को प्लाटिंग करने के पहले कच्ची सड़क तैयार कर उसमें बकायदा मुरुम डाला गया ताकि ग्राहकों को अपने ओर आकर्षित करते हैं। इसके बाद भूमाफिया अपने तरीके से प्लाटिंग किया हैं। कृषि योग्य भूमि को प्लाट के रूप में विकसित कर खरीदी-बिक्री के लिए नियमानुसार डायवर्शन करना पड़ता है। एक से अधिक प्लाट काटने के बाद नियमानुसार कालोनाइजर एक्ट के तहत सभी फार्मेलिटी पूरी करने के बाद उसकी खरीदी -बिक्री होनी चाहिए, लेकिन बिना पंजीयन के ही न केवल आवासीय कालोनी डेवलप हो रही हैं बल्कि खेत-खलिहान की आवास के रूप में धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग भी हो रही है।

 रॉयल प्रॉपर्टी के नाम पर जमीन की खरीदी बिक्री करते है माफिया

 बालोद के न्ययालय में स्थित रॉयल प्रॉपर्टी का ऑफिस हैं जहाँ से इन माफियाओं द्वारा भोले भाले लोगो को अपने जाल में फंसाकर कृषि जमीन को खरीदकर लेते हैं।और तत्काल रजिस्ट्री कराकर जमीन मालिको को पैसा के लिए तारीख पर तारीख देते है।जिससे जमीन मालिको को पैसा के लिए भटकना पड़ता हैं।इन माफियाओं का पटवारी से लेकर अधिकारी तक जबरदस्त साठगांठ हैं जिसके चलते इन माफियाओं को नकल के लिए इधर उधर भटकना नही पड़ता हैं और इन माफियाओं के ऑफिस तक नकल पहुच जाता हैं।इससे आप समझ सकते है कि इन माफियाओं के आगे प्रशासन पूरी तरह नागमस्तक है।

 इन स्थानों पर जारी है अवैध प्लांटिंग: 

बालोद जिला मुख्यालय में स्टेडियम के पीछे लगभग 5 से 6 एकड़ मे प्लाटिंग किया गया है। कुंदरूपारा फारेस्ट से लगा ग्रीनलैंड जमीन सहित पाकुरभाट, झलमला, उमरादाह , पड़कीभांट, पाररास बायपास ,संजय नगर, कुंदरू पारा के कई खेतों में आज धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग का काम जोरों पर है जिसमें उमरादाहा बाजार के सामने, घोंटिया चौक झलमला मे वर्षों से अवैध प्लाटिंग का काम धड़ल्ले से जारी है। इस क्षेत्र में भी अब भूमाफिया लगातार सक्रिय होते दिख रहे हैं आपको बता दें अभी ऐसे कई और खसरा है जिसमें अवैध प्लांटिंग का कारोबार धड़ल्ले से जारी है लेकिन बालोद जिले के राजस्व निकाय टाउन कंट्री प्लानिंग सेंटर के अधिकारियों की नजर इन पर माफियाओं के प्लाट तक नहीं पहुंचना कार्य के प्रति इनकी इमानदारी व कर्तव्यनिष्ठ को साफ दर्शाती है।

 नगर के कई कालोनियों में आज भी मूलभूत सुविधा से वंचित

 नगर में ऐसी कई कालोनियां हैं जिनके अवैध प्लाटिंग के मामले विभागों में लंबित है। एमपी़ रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) के नियमानुसार किसी भी कालोनाइजर को जमीन की प्लाटिंग करने से पहले रेरा में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। इसके अलावा प्लाट बेचने से पहले वहां जन सुविधाओं से जुड़ी चीजें नाली, सड़क, बिजली व पानी का इंतजाम, सीवर, खेल मैदान आदि की सुविधा उपलब्ध कराएगा। नगर की कई कालोनियां आज भी इन मूलभूत सुविधा से वंचित हैं।

 अवैध प्लाटिंग पर कोई ठोस कदम नहीं 

जमीन दलालों के वायदे और झूठे कागजात के फेर में फंसकर जमीन व मकान खरीदने वाले लोगों को बाद में खामियाजा भुगतना पडता है। खबर है कि सैकडों लोग डायवर्सन व एनओसी के लिए महीनों से कलेक्ट्रेट व नगरपालिका दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। भूमाफियाओं के झांसे में आए लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरसना पड रहा है। इसके बावजूद जिला प्रशासन जिले में तेजी से बढ रहे अवैध प्लाटिंग के कारोबार को रोकने कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। यही वजह है कि कृषि भूमि पर तैयार हो रही इमारतों की अनुमति को लेकर कोई छानबीन नहीं की जा रही है।

रिपोर्ट :- सीजी न्यूज प्लस 24 बालोद