गुरूनानक ने कहा सभी से प्रेम करने वालों का ही होता है ईश्वर से मिलन,,राम बालक दास
गुरूनानक ने कहा सभी से प्रेम करने वालों का ही होता है ईश्वर से मिलन,,राम बालक दास
मनुष्य के जन्म - मृत्यु का चक्र तब तक समाप्त नहीं होता जब तक उसके जीवन में अहंकार एवं स्वार्थ है। इन दोनों विकारों पर विजय प्राप्त कर लेने वाला प्राणी इस असार भवसागर से तर जाता है।
पाटेश्वरधाम के आनलाईन सतसंग में संत रामबालकदास जी ने गुरु नानकदेव की वाणी पर प्रकाश डालते हुये कहा कि अच्छी सोच से इंसान को अच्छा रास्ता मिलता है। इंसान स्वयं पर भरोसा तब कर सकता है जब उसे ईश्वर पर भरोसा हो। ईश्वर को वही व्यक्ति प्राप्त कर सकता है जो सबसे प्रेम करता हो। नानक ने कहा संसार एक भ्रम है इसलिये भ्रम में न रहें। सपने से जागकर यथार्थ को जानें। यहाॅ कर्म के अनुसार फल मिलता है जो जैसा बोयेगा वैसा ही पायेगा। नानक वाणी स्वयं के द्वारा स्वयं का साक्षात्कार पर बाबा जी कहा कि संसार में कोई तुम्हारा गुरू नहीं है ज्ञान ही गुरू है। स्वयं के नियम, संयम, कर्म, सदाचार के द्वारा अपनी मंजिल तक पहुॅचा जा सकता है। इनका संदेश था कि सांसारिक मामलों में इतना भी न उलझो कि परमेश्वर को ही भूल जाओ।
नानक जी के शबद रैन गवाई सोई कै, दिवसु गवाया खाय। हीरे जैसा जन्मु है कौड़ी बदले जाय।। पर प्रकाश डालते हुये बाबा जी ने कहा कि यह मानुष जीवन परमात्मा की अनमोल देन है जिसे मनुष्य सांसारिक भोग विलास में ही व्यर्थ गवाॅ देता है। गुरूनानक जी का धर्म जड़ नहीं सतत जागृति और चैतन्य की अभिक्रिया है। जागृत चेतना का निर्मल प्रवाह है।
Report//Narendra Vishwakarma