वन विभाग बालोद द्वारा जागृति वन मितान कार्यक्रम के तहत स्वामी  आत्मानंद स्कूल एवं शासकीय बुनियादी उच्चतर मा . विद्यालय के लगभग 80 छात्र एवं छात्राओं को वृक्षो की महत्ता वन की सरक्षंण, संवर्धन पर्यावरण की दी गई जानकारी के लिये , जिले के वनपरिक्षेत्र का कराया गया भ्रमण  जिसका शुभारंभ कृष्णकुंज पार्क से हुआ ,

वन विभाग बालोद द्वारा जागृति वन मितान कार्यक्रम के तहत स्वामी  आत्मानंद स्कूल एवं शासकीय बुनियादी उच्चतर मा . विद्यालय के लगभग 80 छात्र एवं छात्राओं को वृक्षो की महत्ता वन की सरक्षंण, संवर्धन पर्यावरण की दी गई जानकारी के लिये , जिले के वनपरिक्षेत्र का कराया गया भ्रमण  जिसका शुभारंभ कृष्णकुंज पार्क से हुआ ,
वन विभाग बालोद द्वारा जागृति वन मितान कार्यक्रम के तहत स्वामी  आत्मानंद स्कूल एवं शासकीय बुनियादी उच्चतर मा . विद्यालय के लगभग 80 छात्र एवं छात्राओं को वृक्षो की महत्ता वन की सरक्षंण, संवर्धन पर्यावरण की दी गई जानकारी के लिये , जिले के वनपरिक्षेत्र का कराया गया भ्रमण  जिसका शुभारंभ कृष्णकुंज पार्क से हुआ ,

 

 

वन विभाग बालोद द्वारा जागृति वन मितान कार्यक्रम के तहत स्वामी  आत्मानंद स्कूल एवं शासकीय बुनियादी उच्चतर मा . विद्यालय के लगभग 80 छात्र एवं छात्राओं को वृक्षो की महत्ता वन की सरक्षंण, संवर्धन पर्यावरण की दी गई जानकारी  ,,

जिले के वनपरिक्षेत्र का कराया भ्रमण  जिसका शुभारंभ कृष्णकुंज पार्क से हुआ ,

 

 

      बालोद :- दिनांक 17.12.2022 को जागृति वन मितान कार्यक्रम के तहत स्वामी आत्मानंद हिन्दी मीडियम स्कूल बालोद एवं शासकीय बुनियादी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पाररास, बालोद के छात्र-छात्राओ को वृक्ष की महता एंव वन विभाग के द्वारा किस प्रकार से वनो का संरक्षण, संवर्धन किया जाता है।

     इस हेतु दोनों स्कूल के 60 छात्र-छात्राओ को दो बसों के द्वारा सुबह 8.00 बजे से कृष्ण कुंज बालोद के निरीक्षण से शुभारंभ करते हुये विभिन्न स्थानो का भ्रमण कराया गया।

 

     माननीय मुख्यमंत्री छ.ग. की प्रत्येक नगर के समीप कृष्ण कुंज की स्थापना का उद्देश्य आम जनता को विभिन्न प्रजातियो के वृक्षों का धार्मिक एवं समाजिक महत्व से परिचय कराकर "हर वृक्ष में कृष्ण बसते है।" की अवधारणा से रूबरू कराना है।

     कृष्ण कुंज दर्शन के उपरान्त छात्र - छात्राओ को तालगांव रोपणी ले जाया गया, तालगांव नर्सरी में नवजात की तरह किस प्रकार बीज से पौधो को तैयार किया जाता है की जानकारी दी गई।

             नास्ते के उपरान्त तालगांव रोपणी से छात्र-छात्राओं को जंगल के रास्ते पैदल लगभग 1 कि.मी. दूर लेजाकर वन्यप्राणीयो के पाये जाने के निशान जैसे हाथी के पैरो के चिन्ह, भालू के बाल, नीलगाय एवं चीतल के पैरो के निशान एवं वृक्ष प्रजातियों की जानकारी दी गई।

           वहां से सहायक वृत्त हर्राठेमा के कक्ष क्रमांक पी.एफ. 250 में ए.एन.आर. कार्य के संबंध में जानकारी दी गई कि किस तरह 10 साल की कार्य योजना बनाकर कूप की कटाई से लेकर वनों का संवर्धन किया जाता है।

       वही पास नरवा योजना अन्तर्गत निर्मित आर.सी.सी. चेक डेम दिखाया गया कि किस तरह वन्यप्राणीयों हेतु पीने के पानी के साथ ही जलसंरक्षण कार्य किया जाता है।

         जंगल से होकर सभी बच्चो को लेकर सियादेवी मंदिर लाया गया। सियादेवी मंदिर में छात्र - छात्राओ को श्रीमती शालिनी रैना (भा.व.से.) मुख्य वनसंरक्षक - संयुक्त वनप्रबंध अरण्य भवन एवं वनमण्डलाधिकारी आयुष जैन (भा.व.से.) वनमण्डलाधिकारी बालोद के द्वारा वन की महत्ता, देश में वन एवं वन की स्थिति के संबंध में छात्र-छात्राओ को जानकारी दी गई।

   सियादेवी मंदिर में दोपहर के भोजन उपरान्त छात्र-छात्राओं को धरमपुरा नीलिगिरी, महुवा वृक्षारोपण दिखाते हुये स्थाई डिपो बालोद लाया गया, एवं डिपो की कार्य प्रणाली के संबंध में बताया गया।

      बालोद डिपो से उन्हें पर्यावरण पार्क बालोद का भ्रमण कराया गया। वहां उन्हे औषधि जोन, केक्टस जोन फाईकस जोन, बटरफ्लाई जोन दिखाते हये, चिल्ड्रन पार्क एवं एडवेंचर जोन को भ्रमण कराया गया।

      एडवेंचर जोन में छात्र - छात्राओं ने बहुत से झूलों का आनंद लिया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन एम. सी. डाहिरे, संयुक्त वनमण्डलाधिकारी बालोद के द्वारा किया गया।

                .सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन  एम. सी. डाहिरे, संयुक्त वनमण्डलाधिकारी बालोद के द्वारा किया गया। वही व्यवस्था में  आर. के. नांदुरकर, परिक्षेत्र अधिकारी बालोद,  के.पी. गोस्वामी,  टहल सिंह साहू, नारद राम साहू,  मनसुख लाल ठाकुर,  श्याम लाल डडसेना,  दरेन कुमार पटेल, घनश्याम मानकुर, श्रीमती रेणु निषाद, श्री मनोज कुमार साहू,  हेमचंद ध्रुव  मुकेश कुमार यादव,  हरिशचंद ठाकुर का विशेष सहयोग रहा

रिपोर्ट खास :- अरुण उपाध्याय बालोद , मो न :- 9425572406