*ओबीसी महासभा ने ओबीसी समुदाय को आबादी के अनुरूप समानुपाती संवैधानिक प्रतिनिधित्व की रखी मांग*

*ओबीसी महासभा ने ओबीसी समुदाय को आबादी के अनुरूप समानुपाती संवैधानिक प्रतिनिधित्व की रखी मांग*
*ओबीसी महासभा ने ओबीसी समुदाय को आबादी के अनुरूप समानुपाती संवैधानिक प्रतिनिधित्व की रखी मांग*

*ओबीसी महासभा ने ओबीसी समुदाय को आबादी के अनुरूप समानुपाती संवैधानिक प्रतिनिधित्व की रखी मांग*

*गुलाम भारत में ओबीसी की जातिगत जनगणना हो सकती है तो आजाद भारत में क्यों नहीं*

रायपुर:- ओबीसी महासभा प्रदेश इकाई छत्तीसगढ़ के आह्वान पर प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम के नेतृत्व में प्रदेशभर के सभी जिलों में रैली निकाल कर ज्ञापन सौंपा गया।ओबीसी महासभा के सात सदस्यीय टीम द्वारा महामहिम राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके से भेंट मुलाकात किया गया, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम ,प्रदेश महासचिव ओबीसी युगल किशोर किरण देवांगन ,प्रदेश अध्यक्ष युवा मोर्चा चंद्रजीत देवांगन, प्रदेश उपाध्यक्ष महिला मोर्चा खिलेश्वरी साहू, रायपुर संभाग अध्यक्ष हेमंत कुमार ,बिलासपुर संभाग अध्यक्ष ओबीसी हरीश कुमार, रायपुर शहर महासचिव बंटी देवांगन शामिल हुए। टीम द्वारा महामहिम राज्यपाल महोदया को ओबीसी समुदाय को आबादी के अनुरूप समानुपातिक संवैधानिक प्रतिनिधित्व आरक्षण प्रदान करने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित करने हेतु ज्ञापन सौंपा गया। साथ ही लगभग आधा घंटा तक चली वार्तालाप में आरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर ओबीसी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा सार्थक तर्क प्रस्तुत किया गया तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश में वर्तमान समय में आरक्षण को लेकर ओबीसी समाज में फैली हुई आक्रोश पर महामहिम राज्यपाल को गंभीरता पूर्वक विचार कर राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत विधेयक पर हस्ताक्षर किए जाने का अनुरोध भी किया गया ।ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश पारित कर सकारात्मक पहल किए जाने का अनुरोध किया गया।महामहिम राज्यपाल महोदया से सौजन्य भेंट मुलाकात कर यह भी निवेदन ‌किया गया कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में रीड की हड्डी एवं बहुसंख्यक ओबीसी आबादी होने के बावजूद आजादी के ७५ वर्ष बाद भी उनको संवैधानिक हक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।यह ओबीसी समाज के साथ घोर अन्याय एवं असंवैधानिक है। ज्ञात हो कि देश की संघीय संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार सामाजिक एवं शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े समुदाय को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में 3 वर्गों में रखा गया है ।सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति के आधार पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को समानता का अवसर उपलब्ध कराते हुए समुचित विकास एवं उत्थान की व्यवस्था किया गया है ।तदानुसार छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 2 दिसंबर 2022 को विधानसभा में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सामान्य वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को संख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व आरक्षण प्रदान करने हेतु विधेयक पारित किया गया, लेकिन मंडल कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक 1931 के जनगणना के आधार पर ओबीसी के 52% आबादी तथा हाल ही में क्वांटिफिएबल डाटा कमेटी से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर ओबीसी की आबादी लगभग 42% होने के बावजूद भी राज्य स्तर के पदों पर महज 27% आरक्षण का प्रावधान किया गया है इसके अतिरिक्त संभाग एवं जिले स्तर के पदों में अधिकतम 27% का प्रावधान किया गया है,जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सामान्य वर्ग(EWS) को जनसंख्या के मुताबिक प्रतिनिधित्व आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। ऐसा भेदभाव ओबीसी के साथ क्यों हो रहा है ।प्रदेश अध्यक्ष ने आगे बताया कि तमिलनाडु, कर्नाटक एवं केरल जैसे राज्यों में ओबीसी के लिए जनसंख्या के अनुपात में क्रमशः 50,49 एवं 40% प्रतिनिधित्व (आरक्षण) लागू है ।इन राज्यों की भाँति छत्तीसगढ़ में ओबीसी को आबादी के अनुरूप समानुपातिक प्रतिनिधित्व (आरक्षण )का प्रावधान किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय जनगणना फॉर्मेट के कॉलम नंबर 13 में ओबीसी के लिए पृथक से कोड नंबर 3 शामिल करने हेतु महामहिम राष्ट्रपति महोदया, माननीय प्रधानमंत्री जी भारत सरकार, मंत्री सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार एवं अध्यक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग भारत शासन, को रायपुर कलेक्टर के माध्यम से ओबीसी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया। उन्होंने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 340 के परिपालन में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए गठित आयोगों (काका कालेलकर आयोग, मंडल आयोग एवं मध्य प्रदेश रामजी महाजन आयोग )द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग की जनगणना कराए जाने बाबत अनुशंसा की गई है ,तदानुसार इस हेतु संसद में बनी सहमति के आधार पर राष्ट्रीय जनगणना 2011 में पृथक से अन्य पिछड़ा वर्ग के आंकड़े एकत्र करने के प्रयास किए गए किंतु आंकड़ा अधिकृत रूप से जारी नहीं किया गया, जिससे ओबीसी की जनसंख्या एवं उनकी परिस्थितियों का आकलन नहीं हो पाया, परिणामस्वरूप उन्हें स्वतंत्र भारत में संवैधानिक हक अधिकारों से वंचित होना पड़ रहा है। ज्ञापन कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम, प्रदेश महासचिव द्वय ओबीसी युगल किशोर , किरण देवांगन युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रजीत देवांगन, महिला मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष खिलेश्वरी साहू,संभाग अध्यक्ष रायपुर हेमन्त कुमार साहू, संभाग अध्यक्ष बिलासपुर हरिश साहू,रायपुर जिला महासचिव किशोर सोनी, बौद्धिक प्रकोष्ठ से ईश्वर दान आशिया, जिला अध्यक्ष शहर डिगेश्वर सेन एवं बड़ी संख्या में पदाधिकारी उपस्थित रहे ।

आर के देवांगन

 प्रदेश मीडिया प्रभारी

ओबीसी महासभा

रायपुर छत्तीसगढ़