गोधन न्याय योजना में लापरवाही क्षम्य नहीं होगी - कलेक्टर

गोधन न्याय योजना में लापरवाही  क्षम्य नहीं होगी - कलेक्टर


बालोद//गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन, पैकेजिंग और विक्रय नियमित रूप से कराने के निर्देश 
गौठानों में आजीविका संबंधी गतिविधियों के संचालन 
में संबंधित विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें लोो
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने कहा कि गोधन न्याय योजना शासन की महत्वाकांक्षी योजना है, इसमें कोई भी लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। कृषि विभाग, पशु चिकित्सा, उद्यान, मत्स्य, राजस्व सहित अन्य संबंधित विभाग गंभीरतापूर्वक कार्य करें। श्री महोबे कल शाम संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में जिले में गोधन न्याय योजना  के सफल क्रियान्वयन  हेतु आयेजित बैठक में निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिले के शतप्रतिशत ग्राम पंचायतों में गौठान का निर्माण कराया  जाएगा। गौठान निर्माण हेतु शेष बचे ग्राम पंचायतों में जमीन का चिन्हांकन दो दिवस के भीतर कर लिया जाए। उन्होंने विकासखण्डवार स्वीकृत गौठान, पूर्ण और प्रगतिरत गौठानों की जानकारी ली और प्रगतिरत गौठानों को शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए। 
कलेक्टर ने कहा कि जिले में गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन में किसी भी तरह की लापरवाही न हो। गौठान समिति के माध्यम से नियमित रूप से गोबर खरीदी की जाए। गौठानों में गोबर को व्यवस्थित रखा जाए। उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट निर्माण हेतु केचुओं की उपलब्धता की जानकारी ली और केंचुआ उत्पादन के संबंध आवश्यक दिशानिर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वसहायता समूह के सदस्यों को प्रशिक्षण दें और नियमित रूप से वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कराएॅ। वर्मी कम्पोस्ट की पैकेंजिग व सुरक्षित भण्डारण हेतु सामुदायिक भवनों या अन्य स्थलों का चिन्हांकन कर लिया जाए। उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उक्त प्रक्रिया का सतत् क्रियान्वयन सभी गौठानो में हो। कलेक्टर ने गोधन न्याय योजना के तहत् अब तक खरीदे गए गोबर की मात्रा और वर्मी टांका की जानकारी विकासखण्डवार और नगरीय निकायवार ली तथा वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन, पैकेजिंग व विक्रय की प्रक्रिया जल्द शुरू कराने के निर्देश दिए।  
कलेक्टर ने कृषि, पशुपालन, उद्यान और मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों को गौठानो व चारागाहों में आजीविका संबंधी गतिविधियों के संचालन में समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गौठानों को आजीविका संबंधी गतिविधियों के संचालन केन्द्र के रूप में विकसित करें। उन्होंने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के अतिरिक्त गौठान परिसर में मुर्गीपालन, मशरूम उत्पादन, चारागाह परिसर के तालाबों में मछली पालन के साथ ही अन्य गतिविधियों के लिए स्वसहायता समूहों का चिन्हांकन कर उन्हें प्रशिक्षण दें तथा गतिविधियों का संचालन सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा गौठानों में स्वसहायता समूह के सदस्यों को नियमित रूप से मार्गदर्शन दिया जाए। पशुपालन विभाग गौठानों में पशु चिकित्सा शिविर आयोजित करें तथा चारागाह में चारा उत्पादन सुनिश्चित करें। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  लोकेश कुमार चन्द्रकार, एस.डी.एम. बालोद सिल्ली थामस, एस.डी.एम. डौण्डीलोहारा श्री ऋषिकेश तिवारी, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी  हेमंत ठाकुर, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी सहित कृषि, उद्यान, पशुपालन व मछलीपालन विभाग के अधिकारी आदि मौजूद थे।

खबरी - टी डी मानिकपुरीन