छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मरीज, डेली मेडिकल बुलेटिन में जोड़ेंगे यह जानकारी..

छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मरीज, डेली मेडिकल बुलेटिन में जोड़ेंगे यह जानकारी..

रायपुर में अब रोज उपलब्ध अस्पतालों के बेड की संख्या का विवरण जारी किया जाएगा। इसके साथ ही कलेक्टर डॉ एस. भारतीदासन ने वर्तमान में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण को ध्यान में रखते हुए अधिक से अधिक वेंटिलेटर वाले बेड की मांग की है। मुख्यमंत्री के साथ हुई कलेक्टरों की बैठक के दौरान रायपुर में सबसे अधिक हो रही मौत और आ रहे कोरोनावायरस के मरीजों को लेकर सरकार ने चिंता जाहिर की है। कलेक्टर ने लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा कोरोना वायरस महामारी से बचाव व रोकथाम के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए है।

कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों की पहचान एवं तत्परतापूर्वक जांच बहुत आवश्यक है। कोरोना पॉजिटिव पाए गएव्यक्तियों की कॉटेक्ट्स ट्रेसिंग करने पर उनके प्रायमरी एवं सेकेन्डरी कॉटेक्ट्स की कोविड-19 जांच तत्परतापूर्वक कराना आवश्यक है। कांटेक्ट ट्रेसिंग के दौरान पाए गए हाई रिस्क कांटेक्ट्स की कोविड-19 जांच तत्काल व किसी भी दशा में जानकारी होने से 12 घंटे की अवधि में अनिवार्यतः कराने हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायपुर को निर्देशित किया गया है।

कलेक्टर डॉ भारतीदासन ने कहा कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और संबंधित इंसिडेंट कमांडर द्वारा अवगत कराया गया है कि कोविड-19 जांच हेतु सैम्पल लेने के दौरान कुछ व्यक्तियों द्वारा गलत अथवा अपूर्ण मोबाइल नंबर या पता दिया जाता है। कुछ लोग जांच सैम्पल देने के बाद या पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद मोबाइल स्विच ऑफ कर देते हैं। जिससे उनकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग नहीं हो पाती है। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने या होम आईसोलेसन की अनुमति देने के कार्य में संलग्न अधिकारियों, कर्मचारियों के कार्य में गंभीर बाधा उत्पन्न होती है। इस तरह ट्रेस नहीं किये जा सके कोरोना पॉजिटिव मरीजों से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है।

 

इन परिस्थितयों को देखते हुए कोविङ-19 जाँच हेतु सैम्पल लेने के दौरान गलत अथवा अपूर्ण मोबाइल नंबर या पता दिया जाना एवं सैम्पल देने के पश्चात या पॉजिटिव रिपोर्ट आने के पश्चात मोबाइल जानबूझकर स्विच ऑफ किया जाना आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है। अतः आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 सहपठित एपिडेमिक डिसीजेज एक्ट 1897 यथा संशोधित 2020 एवं राज्य शासन द्वारा जारी रेगुलेशन 2020 द्वारा निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेशित किया जाता है कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा कोविड-19 जांच हेतु सैम्पल लेने के दौरान गलत अथवा अपूर्ण मोबाइल नंबर या पता दिया जाता है या जांच के लिए सैम्पल देने के बाद या पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद मोबाइल लगातार स्विच ऑफ रखा जाता है तो संबंधित इंसिडेंट कमांडर और नोडल अधिकारी उपलब्ध जानकारी के आधार पर ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 188, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 सहपठित एपिडेमिक डिसीजेज एक्ट 1897 यथासंशोधित 2020 और राज्य शासन द्वारा जारी रेगुलेशन 2020 के अधीन संबंधित पुलिस थाना में एफ.आई.आर. दर्ज किया जाएगा।