23 सितंबर को हो रहा है राहु-केतु का राशि परिवर्तन, जानिये सभी राशियों के जीवन में आएंगे क्‍या बदलाव

23 सितंबर को हो रहा है राहु-केतु का राशि परिवर्तन, जानिये सभी राशियों के जीवन में आएंगे क्‍या बदलाव

राहु-केतु का 23 सितंबर को एक राशि से दूसरे में परिवर्तन होगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार राहु-केतु का गोचर जातकों के जीवन में सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है। शनि के बाद राहु-केतु ही ऐसे ग्रह हैं एक राशि में सबसे लंबे समय यानी 18 महीने तक रहते हैं। 23 सितंबर को राहु का वक्री अवस्था में मिथुन (Gemini) से वृषभ राशि में और केतु का गोचर वृश्चिक राशि में होने जा रहा है। केतु अभी यह धनु में हैं। जानिये इस राशि परिवर्तन का सभी राशियों पर क्‍या प्रभाव पड़ेगा।

मेष राशि : मेष राशि के जातकों के लिए यह गोचर शुभ परिणाम लेकर आएगा। आपको जीवन के कई क्षेत्रों में सफलता हासिल होने की प्रबल संभावना है। आप में सकारात्मकता और साहस में वृद्धि होगी। पारिवारिक जीवन में थोड़ा उतार चढ़ाव आ सकता है। वैवाहिक जीवन में आपको असमंजस की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। राहु का गोचर इस राशि से दूसरे भाव में होगा। यह गोचर आपकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करेगा। कारोबार में कामयाबी मिलेगी। नई योजना की ओर आप आकर्षित होंगे। आर्थिक लाभ होने की संभावना है।वहीं केतु इस राशि से अष्टम भाव में गोचर करेगा। इसके चलते कुछ तनाव हो सकता है। परिवार के कुछ सदस्यों से मतभेद हो सकते हैं। यात्राओं के दौरान कुछ अशुभ सूचना मिल सकती है। खर्च में बढ़ोतरी होगी। धैर्य रखना होगा।

उपाय : भगवान शनिदेव की आराधना करें। तिल का दान करें। हनुमान जी की आराधना करें।

वृषभ राशि -राहु का गोचर वृषभ राशि में ही होगा, इसके चलते इस राशि के जातकों को परेशानी हो सकती है। खर्च में काफी बढ़ोतरी हो सकती है। दफ्तर में माहौल ठीक नहीं रहेगा। आपको धैर्य रखना होगा। केतु का इस राशि से सातवें भाव में गोचर होगा, इसके चलते पारिवारिक जीवन में असर पड़ सकता है। उधार देते समय समय सतर्क रहना होगा। अनजान लोगों से सावधान रहें। नुकसान होने की आशंका है। जोखिम लेने से बचना होगा।

उपाय-ॐ राहवे नमः मंत्र का जप करें। मां दुर्गा और भैरव देव की पूजा करें

मिथुन राशि- इस राशि से बारहवें भाव में राहु के गोचर से तनाव, हताशा और अनिश्चितता की स्थिति बनेगी। आर्थिक समस्या बढ़ेगी। कारोबार को लेकर ध्यान रखें। नुकसान होने की आशंका है। केतु का गोचर इस राशि से छठवें भाव में होगा। केतु के चलते दिक्कतें बढ़ेंगी। छात्रों को ज्यादा मेहनत करनी होगी। बुजुर्गों को सेहत को लेकर परेशानी हो सकती है। धन हानि होने की आशंका है।

उपाय : पीपल पेड़ की पूजा करें। भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा करें।

कर्क राशि– कर्क राशि से ग्यारहवें भाव में राहु के गोचर से उधार की रकम वापस मिलने की संभावना है। विरोधी सक्रिय हो सकते हैं। परिवार में परेशानी बढ़ सकती है। केतु का इस राशि से पांचवें भाव में गोचर होगा। केतु के प्रभाव के चलते आपके जरूरी कामों के पूरा होने में नई परेशानी आ सकती हैं। युवाओं को कैरियर को लेकर धैर्य रखना होगा। सेहत में उतार चढ़ाव बना रहेगा। जोखिम वाले कामों को त्याग दें।

उपाय : माता महाकाली एवं भैरव देव की पूजा करें। रुद्राक्ष की माला धारण करें। गरीबों को जरूरत के सामान दें।

सिंह राशि– सिंह राशि से राहु का गोचर दसवें भाव में होगा। इसके चलते आर्थिक मामलों में भाग्य आपका साथ देगा। दाम्पत्य जीवन में मतभेद उभर सकते हैं। किसी काम को शुरू करने से पहले अच्छी तरह विचार करना जरूरी होगा। केतु का इस राशि से चतुर्थ भाव में गोचर होगा। केतु के प्रभाव से आर्थिक मुश्किलें हो सकते हैं। लेकिन आपको धैर्य रखना होगा. संपत्ति को लेकर लेनदेन न करें। अप्रत्याशित खर्च आपको परेशानी में डालेगा।

उपाय : भगवान शंकर की पूजा करें। रुद्राक्ष धारण करें। कुत्तों को नियमित खाना खिलाएं।

कन्या राशि– इस राशि से नवें भाव में राहु का गोचर होगा। आपको धन लाभ होने की संभावना है। राहु का प्रभाव आपकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगा। परिवार के सहयोग से आपके कई काम पूरे होंगे। वहीं केतु का कोचर इस राशि से तीसरे भाव में होगा। केतु का प्रभाव आपको अशांत करेगा। यात्रा करते समय सावधान रहना होगा। चोट लगने की आशंका है। बिना वजह किसी से विवाद हो सकता है। पुरानी बीमारी उभर सकती है।

उपाय : धार्मिक पुस्तकें दान करें। माता सरस्वती की पूजा करें। श्री रामरक्षा स्तोत्र का जप व हनुमान चालीसा का पाठ करें।

तुला राशि– इस राशि से राहु का आठवें भाव में गोचर होगा। यह भाग्य का भाव है। लेकिन राहु के चलते भाग्योदय प्रभावित होगा। अप्रत्याशित रुकावट आने से आपके कार्य समय पर पूरे नहीं होंगे। यात्रा करने का अवसर मिल सकता है। वहीं केतु इस राशि से दूसरे भाव में गोचर करेगा. संपत्ति को लेकर चिंता बनी रहेगी। कानूनी मामले प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि दाम्पत्य जीवन में खुशियां रहेंगी।

उपाय : ॐ दुं दुर्गाय नमः मंत्र का जप करें। मंदिर में दान कर जरूरतमंदों को वस्त्र बांटे।

वृश्चिक राशि– इस राशि से राहु का गोचर सातवें भाव में होने से आप अपने पारिवारिक जीवन को लेकर चिंतित हो सकते हैं। जीवनसाथी से मतभेद होने के चलते तनाव रहेगा। कई लोग आपसे दूर हो जाएंगे। वहीं केतु का गोचर इसी राशि में होगा। यह आपको आपके लक्ष्य से भटका सकता है। नई योजना को शुरू करने से पहले विशेषज्ञों से सलाह मशविरा कर लें। अज्ञात भय बना रहेगा।

उपाय : रामभक्त हनुमान की आराधना करें। पक्षियों को दाना खिलाएं। राम नाम का जप करें।

धनु राशि– धनु राशि में राहु का गोचर छठवें भाव में होगा। इसके चलते शुभफल की प्राप्ति होगी। विरोधियों को परास्त कर पाएंगे। नई दिशा मिलेगी। संपत्ति के मामले सुलझेंगे। इसी तरह वहीं केतु का गोचर इस राशि से बारहवें भाव में होगा। इसके चलते परिवार में कुछ विवाद हो सकते हैं। परेशानी बढ़ेगी। कैरियर से जुड़ी समस्या हल हो सकती है। बेवजह खर्च होंगे। सेहत को लेकर परेशानी हो सकती है।

उपाय: राहु-केतु के मंत्रों का जप व हवन-पूजन करें। गाय को खाना खिलाएं।

मकर राशि– इस राशि से राहु का गोचर पांचवें भाव में होने के कारण आप किसी अज्ञात भय से ग्रसित हो सकते हैं। किसी काम को शुरू करने को लेकर असमंजस की स्थिति रहेगी। किसी से तनाव हो सकता है। केतु का गोचर ग्यारहवें भाव में रहेगा। नए मौके मिलने की संभावना है। आप अपनी समस्या का हल तलाश पाएंगे। छात्रों को दिक्कत हो सकती है। लक्ष्य प्रभावित हो सकता है। परिवार से मतभेद बढ़ेंगे।

उपाय : भगवान कृष्ण की पूजा करें। गायत्री मंत्र का जप करें।

कुंभ राशि– इस राशि में राहु का गोचर चौथे भाव में होगा। दाम्पत्य जीवन में कुछ खटास पैदा होगी। हालांकि यह जल्द दूर हो सकती है। यात्रा पर जाना पड़ सकता है। कारोबार प्रभावित होगा। वहीं केतु का गोचर राशि से दसवें भाव में होगा। आप इस दौरान किसी नए काम को शुरू करने पर विचार न करें। किसी योजना में निवेश को त्याग दें। सेहत में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। बुजुर्गों से आशीर्वाद लें।

उपाय: शनिवार को वस्त्र का दान करें। अस्पताल में जाकर मरीजों के लिए खाने की व्यवस्था करें।

मीन राशि– मीन राशि से राहु तीसरे भाव में गोचर करेगा। इस स्थिति में आपकी दिक्कतें दूर होंगी। आप बेहद खुश रहेंगे। आप में सकारात्मकता बढ़ेगी। नया काम शुरू कर सकते हैं। केतु के गोचर से आप धर्म-कर्म में प्रवृत्त हो सकते हैं। यात्रा करने के अवसर मिलेंगे। किसी से विवाद न करें। नई जानकारी मिलेगी। सेहत ठीक रहेगी। परिवार के सदस्यों की सेहत का ख्याल रखें। नई जानकारी मिलेगी।

उपाय : श्री हनुमान जी औरशनि देव की पूजा करें। छोटे बच्चों को चाकलेट, बिस्कुट और पाठ्यसामग्री वितरित करें।