​​​​आवाज दो हम एक हैं, भूपेश सरकार होश में आओ के नारों से गूंजी महामाया की धरती

​​​​आवाज दो हम एक हैं, भूपेश सरकार होश में आओ के नारों से गूंजी महामाया की धरती


कमल शुक्ला पर जानलेवा हमला करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही तथा प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने को लेकर गांधी चौक पर पत्रकारों का धरना प्रदर्शन प्रारंभ
छत्तीसगढ़ प्रदेश में जनता की आवाज को अपने कलम से उजागर करने वाले पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमलो तथा प्रदेश के कांकेर जिले में वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला पर जानलेवा वार एवं छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून को लागू करने की मांग को लेकर आज से सरगुजा संभाग के पत्रकारों ने धरना प्रदर्शन स्थानीय गांधी चौक पर शुरू कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि कांकेर थाने में प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार भूम काल के संपादक वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला जब एक पत्रकार पर हुए जाजती को लेकर पहुंचे तो वहां मौजूद रेत माफियाओं तथा कांग्रेस पार्टी की छवि को नेस्तनाबूद करने वाले कुछ गुंडे कमल शुक्ला पर जानलेवा हमला करते हुए उनका गला रेतने की कोशिश की; वहां मौजूद कुछ पत्रकार साथियों ने उन्हें किसी तरह बचाया किंतु विडंबना यह है कि वर्तमान सरकार जिसने चुनाव पूर्व पत्रकारों से वादा किया था कि हम पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करेंगे इस पूरे वाक्य का वीडियो देखने के बाद भी उन गुंडों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई.
कांकेर जिले के कलेक्टर एवं एसपी पूरे घटनाक्रम की जानकारी होने के बावजूद वहां कानून व्यवस्था को ध्वस्त किया. सरकार को इसकी जानकारी होने के बाद भी ऐसे गुंडों के विरुद्ध कोई कार्यवाही ना होने पर विगत 2 अक्टूबर अर्थात गांधी जयंती के दिन पत्रकारों ने पुराने कांग्रेसी भवन स्थित गांधी मैदान से अपना आंदोलन कमल शुक्ला पर हुए अत्याचार के विरुद्ध कार्रवाई तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू कराने के लिए प्रारंभ किया तथा अपना ज्ञापन लेकर सीएम हाउस की ओर कूच किए किंतु वही सिस्टम कुछ चाटुकार कारपोरेट जगत के पत्रकार जो आज सीएम भूपेश बघेल के सलाहकार बने हुए हैं उन्होंने सीएम साहब का भी ब्रेनवाश करते हुए यह कहा कि यह आंदोलन तो विफल है. सीएम हाउस के पहले ही पुलिस ने पत्रकारों का रास्ता रोक लिया और बोले कि ज्ञापन हमें दे दीजिए.
अजीब सी बात है जो कलमकार वर्तमान सीएम भूपेश बघेल का साथ जब यह विपक्ष में थे तब बैलगाड़ी आंदोलन तक दिया करते थे उनसे ऐसी उम्मीद नहीं थी. पत्रकारों ने 4 घंटे इंतजार के बाद उस ज्ञापन को जला दिया, क्योंकि इनसे मिलने न सीएम आए ना उनका कोई प्रतिनिधि मंडल.
प्रदेश के सभी जिलों से आए हुए पत्रकारों की मनसा अनुरूप दूसरे दिन वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला की अगुवाई में पत्रकार साथी बूढ़ा तालाब पर आमरण अनशन पर बैठे. ठीक तीसरे दिन पुलिस के द्वारा जबरन डाक्टरी मुलाहिजा का हवाला देते हुए वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला को मेकाहारा में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी तबीयत नासाज बनी हुई है.
प्रदेश भर के पत्रकारों के द्वारा आंदोलन करने के तारतम्य में आज छत्तीसगढ़ की महामाया नगरी अंबिकापुर के गांधी चौक में संभाग स्तर का आंदोलन प्रारंभ कर दिया गया है. इस आंदोलन में सरगुजा संभाग के जिला सूरजपुर जिला कोरिया जिला बलरामपुर जिला सरगुजा तथा जिला जसपुर के पत्रकार साथियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तथा भूपेश सरकार को कोसते नजर आए.
अब देखना होगा कि सरकार इस आंदोलन को किस तरीके से लेती है या ऐसे पत्रकार यूं ही अपने हक की लड़ाई को जारी रखेंगे. इस अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में कल अत्यधिक पत्रकारों के पहुंचने की जानकारी मिल रही