कोंडागांव जिला केशकाल में मिरदे जलप्रपात को सरकार की ओर से तवज्जो मिलती तो यह और भी मनमोहक होता..

कोंडागांव जिला  केशकाल में मिरदे जलप्रपात को सरकार की ओर से तवज्जो मिलती तो यह और भी मनमोहक होता..

कोंडागांव जिला  केशकाल में मिरदे जलप्रपात को सरकार की ओर से तवज्जो मिलती तो ,,इसकी मनमोहक और नयनाभिराम छटा बारिश में और ज़्यादा निखरती बिखरती..
प्रकृति ने बस्तर संभाग के 39 हजार वर्ग किमी को जितना सौंदर्य और गरिमा प्रदान की है काश उतनी तवज्जो सरकारों की ओर से मिलती तो बस्तर देश के चोटी के जिलों में शुमार होता ।
यह झरना केशकाल कुवेमारी पंचायत से 2 किलोमीटर दूर मिरदे नाला है ,जो लगभग 70 फिट नीचे सीढ़ीनुमा अंदाज में गिरकर एक नयनाभिराम प्रपात का निर्माण करता है, जिसे ग्रामीण मिरदे जलप्रपात के नाम से बुलाते हैं। यह जलप्रपात इतना ख़ूबसूरत और ऊँचा है की यहां से सारा निकटवर्ती क्षेत्र दिखलाई पड़ता है।नीचे उतरने पर सीढ़ीनुमा अंदाज में गिरती जलधारा नीचे के सोपानों में और चौड़ी नज़र आने लगती है ।
ऊपर से नीचे की ओर गिरती जलधारा को देख कर ऐसा लगता है मानो किसी ने दूध की धारा बहा दी हो! आखिरी सोपान की ऊँचाई 30-35 फिट और ढलान 60 डिग्री की है, जिसे साहसी पर्यटक चढ़ने की कोशिश कर सकते है।
इसके ऊपर का सोपान सीधे उर्ध्वाधार है, जिस पर कोई अनुभवी पर्वतारोही ही उपयुक्त होगा यह स्थान ट्रैकिंग के लिए अतिउपयुक्त है, जहां प्रपात के निचले भाग में पहुंचने का मार्ग अत्यंत दुर्गम है, पास की ढलान वाली चट्टानों को पगडंडी बनाकर निचे उतरना पड़ता है, जो काफी रोमांचक, चुनौतीपूर्ण और साहसिक होता है ।
यह एक बारहमासी जलप्रपात है और निकटस्थ ग्रामीणों में प्रसिद्ध है, बारहमासी झरना होने के कारण यहां सदैव जल रहता है, परन्तु ग्रीष्मकाल में इसका सौंदर्य हल्का पड़ जाता है..