EOW Raid Update : भारतमाला मुआवजा घोटाला में 48 करोड़ की गड़बड़ी उजागर, EOW ने बताया अब तक क्या-क्या हुए जब्त

रायपुर । विशाखापट्नम-रायपुर प्रस्तावित इकोनॉमिक कॉरिडोर परियोजना में भू-अर्जन के दौरान करोड़ों रुपये के मुआवजा घोटाले का मामला उजागर हुआ है। ईओडब्ल्यू ने तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों, राजस्व कर्मियों और अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक षड्यंत्र के तहत मामला दर्ज कर 20 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है।इस मामले में ईओडब्ल्यू ने तत्कालीन अभनपुर एसडीएम निर्भय कुमार साहू समेत 15 से अधिक अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज कर बड़ी कार्रवाई की है।
मिली जानकारी के अनुसार, तत्कालीन लोकसेवकों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए भू-अर्जन के मुआवजा वितरण में शासन को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया। आरोप है कि कुछ सरकारी अधिकारियों ने शासन की पहले से अर्जित भूमि को दोबारा विक्रय कर मुआवजा लिया और निजी जमीन मालिकों को गलत ढंग से अधिक मुआवजा दिलवाया। साथ ही, कुछ मामलों में फर्जी व्यक्ति को वास्तविक भू-स्वामी बताकर मुआवजा दिलाया गया।
ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज अपराध क्रमांक 30/2025 के तहत आरोपियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7सी तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 467, 468, 471, 420 और 120बी के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है।
दिनांक 25 अप्रैल 2025 को रायपुर, महासमुंद, दुर्ग और बिलासपुर जिलों में 20 ठिकानों पर ईओडब्ल्यू/एसीबी की टीमों ने एक साथ छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान आरोपियों के निवास और संबंधित स्थानों से दस्तावेज, मोबाइल, बैंक अकाउंट डिटेल्स, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और निवेश से जुड़े महत्वपूर्ण कागजात जब्त किए गए हैं।
छापेमारी की सूची में जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनमें प्रमुख रूप से निर्भय कुमार साहू, जितेंद्र कुमार साहू, दिनेश पटेल, योगेश देवांगन, शशिकांत कुर्रे, लेखराम देवांगन, लखेश्वर प्रसाद, बसंती धृतलहरे, रोशन लाल वर्मा, हरमीत सिंह खनूजा, उमा तिवारी, विजय जैन, हृदयलाल गिलहरे, विनय कुमार गांधी और दशमेश इंद्रावेंचर प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
अब तक की जांच में यह सामने आया है कि पांच गांवों की जमीनों के गलत मुआवजा वितरण के कारण शासन को 48 करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति पहुंची है। अभी कई अन्य गांवों की रिपोर्ट आनी शेष है, जिससे यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है।