एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सौंपा 10 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन
आर के देवांगन

एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सौंपा 10 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन
"मोदी की गारंटी" में 100 दिन में नियमितीकरण का वादा, 18 माह बाद भी अधूरी हैं माँगें
रायपुर, छत्तीसगढ़ |
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने एक बार फिर मुख्यमंत्री निवास पहुँचकर माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को 10 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। इन मांगों में नियमितीकरण, ग्रेड पे निर्धारण, लंबित 27% वेतन वृद्धि, स्थानांतरण नीति लागू करने जैसी अनेक ज्वलंत मुद्दे शामिल हैं।
*10 सूत्रीय मांगे*
*प्रमुख माँगेंः*
1. नियमितीकरण/संविलयन
2. ग्रेड पे निर्धारण
3. पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
4. पारदर्शी स्थानांतरण नीति
5. मेडिकल सुविधा/अवकाश
6. अनुकम्पा नियुक्ति
7. नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण
8. कार्य मूल्यांकन में पारदर्शिता
9.दस लाख तक कैशलैस चिकित्सा बीमा सुविधा
10. लंबित 27% वेतन वृद्धि
ज्ञात हो कि वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा द्वारा जारी घोषणा पत्र "मोदी की गारंटी" में संविदा कर्मचारियों को 100 दिनों के भीतर नियमित करने का वादा किया गया था। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान संविदा कर्मचारियों द्वारा किए गए आंदोलनों में भाजपा के वरिष्ठ नेता जैसे डॉ. रमन सिंह, अरुण साव, विजय शर्मा, ओपी चौधरी, केदार कश्यप सहित कई नेताओं ने मंच पर पहुँचकर समर्थन जताया था और वादा किया था कि भाजपा सरकार बनने पर उनकी मांगों को प्राथमिकता से पूरा किया जाएगा।
हालाँकि, वर्तमान सरकार को बने 18 महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की माँगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। इससे कर्मचारियों में गहरी निराशा और असंतोष व्याप्त है।
एनएचएम कर्मचारी पिछले 18 माह में 155 से अधिक बार ज्ञापन, आवेदन और निवेदन विभिन्न मंत्री प्रशासनिक अधिकारी के पास प्रस्तुत कर चुके हैं। बावजूद इसके, समस्याओं का समाधान अब तक नहीं हो सका है। इस निरंतर उपेक्षा के कारण प्रदेशभर के एनएचएम कर्मचारी अब बड़े स्तर पर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
इन कर्मचारियों के माध्यम से प्रदेश के उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेजों में लाखों लोगों को स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त होती हैं। यदि आगामी दिनों में आंदोलन शुरू होता है, तो बरसात के इस मौसम में राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है।
अतः NHM कर्मचारियों ने पुनः सरकार से माँग की है कि उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए, अन्यथा 16000 हजार एनएच एम कर्मचारी एक होकर बड़ा आंदोलन की राह अपनाएँगे।