श्रेष्ठ कर्म करने से नकारात्मक सोच दूर होता है ,, संत श्री राम बालक दास

श्रेष्ठ कर्म करने से नकारात्मक सोच दूर होता है ,, संत श्री राम बालक दास
श्रेष्ठ कर्म करने से नकारात्मक सोच दूर होता है ,, संत श्री राम बालक दास

,, श्रेष्ठ कर्म करने से नकारात्मक सोच दूर होता है ,, संत श्री राम बालक दास

बालोद जिला के पाटेश्वर धाम के संत श्री राम बालक दास जी का ऑनलाइन सत्संग उनके भक्त गणों के लिए प्रतिदिन आयोजित किया जाता है, 10:00 से 11:00 तक 1 घंटे तक चलने वाला यह सत्संग सभी भक्तजनों के जिज्ञासाओं का समाधान का केंद्र बना हुआ है आज गिरधर सोनवानी  ने जिज्ञासा रखी की अचानक आने वाले काल से हम कैसे बचे , क्या मृत्यु आने से पहले कोई संदेश देता हैं,जिससे मृत्यु को समझा जा सके, , ,कृपया मार्गदर्शन करने की कृपा करे, जीवन परक जिज्ञासा का विश्लेषण करते हुए बाबा जी ने बताया कि, अगर हम अपने सत्धर्म और सत्कर्मों को लेकर चले तो हमे काल से भी डरने की आवश्यकता नहीं है,जिस तरह से जन्म अच्छा है वैसे ही मृत्यु अच्छी है बस मृत्यु कभी अकाल मृत्यु नहीं होनी चाहिए इसके लिए हमारे वेद पुराणों में 5 उपायों को वर्णन किया गया है सर्वप्रथम हमें ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए,बच्चे बुजुर्ग और रोगी को छोड़कर दिन में निद्रा का सेवन किसी को भी नहीं करना चाहिए जो समर्थ वान है उन्हें तो बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए, सूर्योदय से पूर्व उठने वालों को अकाल मृत्यु का भय नहीं होता,दूसरा सूर्योदय के बाद उठकर स्नान कर ध्यान पूजा पाठ अच्छे साहित्य और वेद पुराणों का पठन पाठन करना चाहिए, शंकराचार्य जी ने वर्णित किया है कि

"रोज धोकर पीना और दिखा कर खाना चाहिए "

अर्थात शालिग्राम जी को रोज धोकर उनका चरणामृत ग्रहण करना चाहिए और जो भी भोजन बनता है उन्हें भोग लगाकर तुलसी डालकर ही ग्रहण करना चाहिए, तो अकाल मृत्यु से दूर रहा जा सकता है,चौथी बात यदि अकाल मृत्यु से बचना है तो आशीर्वाद ग्रहण करिए माता पिता गुरु के चरणों को प्रतिदिन नमन करिए,धरती को प्रणाम करके उठिए जल,वायु,आकाश को प्रणाम करिए शुद्ध हवा ग्रहण करने के लिए प्रतिदिन यज्ञ करिए और आखिरी और अंतिम बात जो भी मृत्यु से नहीं डरता उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं होता आज की सत्संग परिचर्चा में प्रतिदिन रिचा बहन के द्वारा प्रसारित होने वाले मीठा मोती को विस्तारित करते हुए बाबा जी ने बताया कि हमें निश्चित ही नकारात्मक सोच को अपने से दूर रखना चाहिए कर्म करते जाना चाहिए जीवन में उतार-चढ़ाव तो आता रहता है सुख आएगा तो दुख भी आएगा लाभ होगा तो हानि भी होगी लेकिन अपनी सोच में नकारात्मकता लाने से हीन भावना लाने से कभी भी कोई लाभ नहीं होना है चिंता तनाव नाना प्रकार की सोच जब हमें जीवन में घेर लेती है तो और अधिक नकारात्मकता आ जाती है, पूर्ण संकल्प से अपने कर्म बनाए नकारात्मकता स्वतः ही हमसे दूर भाग जाएगी प्रतिदिन संत श्री राम बालक दास जी के यूट्यूब चैनल पर उनके द्वारा बाबाजी की पाती प्रसारित की जाती है जिसके द्वारा सभी को धार्मिक, समसामयिक,वैज्ञानिक पारिवारिक सभी तरह के विषयों पर सत्संग का प्रसारण किया जाता है, आज सभी को संबोधित करते हुए बाबा जी ने बताया कि,जीवन को बहुत ही सरलता से जिया जा सकता है, यह संसार दुखालय है। यहां सुख की चाह रखना बेकार है। दुःख में सुख ढूंढ लें,खोज लें, वहीं सच्चे सुखी है, जो लोग दूसरों को चाहे वह जिस भी योनि में रहें उन्हें सुख पहुंचाने में मदद करता है वही संत है। मनुष्य को चाहिए कि हमेशा मुस्कुराते रहे, प्रसन्न रहें।पशु पक्षी तो अपने स्वभाव के अनुरूप प्रसन्नता व्यक्त कर सकते हैं किंतु मुस्कुरा नहीं सकते,हंस नहीं सकते। केवल मनुष्य योनि ही ऐसा है जिसमें लोग हंस मुस्कुरा सकते हैं। जैसे माताओं के विवाह यदि सेठ,या मास्टर या डॉक्टर के साथ होने पर वे बिना पढ़े लिखे,या धन कमाएं, सेठानी, मास्टरनी,डाक्टरनी बन जाती हैं ऐसे ही sadguru जी के चरण रज धारण कर, उनके पद चिन्हों पर चल कर जीव संत बन जाते हैं। इस प्रकार आज का सत्संग संपन्न हुआ जय गौ माता जय गोपाल जय सियाराम