शमशान घाट के पास कब्जा करके रहने वाले 3 परिवार हुये बेघर वायरल वीडियो को एसपी ने लिया गंभीरता से...
शमशान घाट के पास कब्जा करके रहने वाले 3 परिवार हुये बेघर वायरल वीडियो को एसपी ने लिया गंभीरता से...
बालोद-जिले के डौंडी विकासखण्ड के ग्राम सुरडोंगर में अवैध कब्जा के चलते विवाद इतना बढ़ा कि ग्रामीणों ने कानून को ही हाथ में ले लिया और भीड़ के साथ जाकर श्मशानघाट के पास कब्जा करके रह रहे परिवारों के मकानों को तोड़ डाला। जिसमें से एक परिवार के साथ इस कदर मारपीट भी हुई कि मामले ने बलवा का रूप ले लिया। जिसका वीडियो इंटरनेट मीडिया में भी वायरल हो रहा है। साथ ही इस मारपीट के बाद उस परिवार के बधाों का भी वीडियो सामने आया है जो इस घटना से बेघर हो गए हैं। बधाों का वीडियो में कहना है कि गांव वालों ने उनकी किताबें तक जला दी है। पेड़ के नीचे उनका परिवार खाना बना रहा है। यही गुजारा कर रहे हैं। जो वीडियो सामने आया उसमें परिवार के सदस्यों को घेर कर लाठी व हाथ मु-े से जमकर मारपीट कर रहे हैं। हालांकि इसमें दूसरा पहलू भी है। मारपीट दोनों पक्षों से हुआ है। डौंडी पुलिस ने इस मामले की जांच व वीडियो के अध्ययन के बाद कब्जा धारी परिवार की शिकायत पर गांव वालों के खिलाफ बलवा व मारपीट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। वहीं एक ग्रामीण नहल विश्वकर्मा की रिपोर्ट पर कब्जा करने वाले आरोपितों गणेशराम बघेल, दसरू राम बारेकर, रूखमणी बघेल व साहिल बघेल के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज किया है।
क्या कह रही पुलिस
डौंडी थाना प्रभारी अनिल ठाकुर का कहना है कि मामला मूलतः अवैध कब्जा को लेकर है। गणेशराम बघेल के द्वारा कई सालों से गांव के श्मशान घाट की जमीन के पास को कब्जा करके मकान बना लिया गया था। जिसे हटाने को लेकर कई बार उसे पंचायत प्रशासन द्वारा नोटिस भी दिया गया है। वहीं तहसीलदार के पास इसका केस भी चल रहा था। वहां से भी नोटिस आ चुका था इसे हटाया जाए लेकिन वह कब्जा नहीं हटाया था। जिसके बाद ग्रामीण आक्रोशित थे और फिर आवेशित ग्रामीणों ने जबरदस्ती जाकर वहां उनका मकान तोड़ दिया। उनके साथ मारपीट भी की। ग्रामीणों द्वारा यहां कानून को हाथ में लेकर गलती की गई। पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में अवैध कब्जे हटाने थे लेकिन वहां ग्रामीणों ने हटाया और परिवार वालों को मारपीट किया। जिस पर गणेश बघेल की शिकायत पर मारपीट व बलवा का केस दर्ज किया गया है। जिसमें 6 लोग आरोपित बनाए गए हैं। गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। आरोपितों की पहचान हो गई है। गांव में अभी आक्रोश का माहौल है। इसलिए एक साथ गिरफ्तारी भी नहीं कर सकते। वरना अप्रिय स्थिति निर्मित हो सकती है। माहौल को देखते हुए कार्रवाई की जा रही है। ग्रामीणों का गुस्सा इस बात से है कि प्रशासन द्वारा भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। सिर्फ नोटिस दिया गया था। शासन प्रशासन द्वारा भी समय पर अवैध कब्जा नहीं हटाने के कारण ग्रामीणों ने खुद निर्णय लिया और कानून को हाथ में लेकर मारपीट करते हुए कब्जा हटाया, उनका मकान तोड़ा गया। जांच में यह भी बात आई की सिर्फ गणेश बघेल ही नहीं है बल्कि गांव के अन्य दो लोगों यानी कुल 3 लोगों का मकान इसी तरह से तोड़ा गया है, जो अवैध कब्जा करके रह रहे थे। मारपीट दोनों तरफ से हुई है।
वायरल वीडियो को एसपी ने लिया गंभीरता से
मामले में घटना के दौरान व घटना के बाद की कुछ वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल हो रहा है। जिसमें 2 बधाों द्वारा घटना के बारे में बताया जा रहा है तो साथ ही एक वीडियो में ग्रामीणों द्वारा घेर कर मारपीट करने का दृश्य भी सामने आया है। इस वीडियो को एसपी ने भी गंभीरता से लिया और संबंधित थानेदार को इस पर कार्रवाई के लिए निर्देश दिए। ग्रामीणों का कहना है कि गणेश बघेल गांव का नहीं है। वह दामाद है और यहां कई साल से श्मशानघाट की जगह पर कब्जा करके रह रहा था। इसे हटाने के लिए कई बार कहा गया है लेकिन वह हटाता नहीं था। इस वजह से ग्रामीण उससे नाराज थे और शासन प्रशासन भी अतिक्रमण नहीं हटवा पा रहा था। जिसके चलते ग्रामीणों ने कानून को हाथ में ले लिया।