*ग्राम देवरसुर में बोल्यक्रिड़ा प्रतियोगिता में सम्मिलित हुई जिला पंचायत अध्यक्ष*

*ग्राम देवरसुर में बोल्यक्रिड़ा प्रतियोगिता में सम्मिलित हुई जिला पंचायत अध्यक्ष*

नम्रता सिंह के मुख्य आतिथ्य में देवरसुर में संकुल स्तरीय खेल प्रतियोगिता का सफल आयोजन

मोहला

मोहला ब्लॉक के ग्राम देवरसुर में आयोजित संकुल स्तरीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन उत्साह एवं खेल भावना के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष एवं एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना की अध्यक्ष नम्रता सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। उनके आगमन से कार्यक्रम में विशेष गरिमा एवं ऊर्जा का संचार हुआ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नम्रता सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा के साथ-साथ खेलों का भी विशेष महत्व है। खेल न केवल शारीरिक रूप से मजबूत बनाते हैं, बल्कि अनुशासन, टीम भावना, आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का भी विकास करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को पढ़ाई में आगे बढ़ने के साथ-साथ खेलों के प्रति रुचि बनाए रखने और निरंतर अभ्यास के माध्यम से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचलों में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, आवश्यकता केवल उन्हें उचित मार्गदर्शन और अवसर प्रदान करने की है।

इस अवसर पर विशिष्ट रूप से अनीता जायसवाल (जनपद सदस्य), सुमित्रा दुग्गा (सरपंच, ग्राम पंचायत देवरसुर), सविता यादव, रामेश्वरी कोड़पे, पुष्पा साहू, तीजन बाई, चंपा बाई मंडावी एवं निर्मला ताराम (सभी वार्ड पंच), छतर सिंह (ग्राम पटेल), साखुराम साहू (वरिष्ठ नागरिक), प्रताप दुग्गा, हरिराम कच्चालमे, रतन तारम, लगनू जायसवाल, यादव राम यादव सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। शैक्षणिक क्षेत्र से पुना निषाद (प्रधानपाठक), अखलेश लोनहारे (प्रधानपाठक), देवप्रसाद दुग्गा सहित समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएं, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं ग्रामवासी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

खेल प्रतियोगिता के दौरान विभिन्न खेलों में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। आयोजन के माध्यम से बच्चों में प्रतिस्पर्धा की स्वस्थ भावना देखने को मिली। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों द्वारा खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया गया और आयोजन की सराहना की गई।

समग्र रूप से यह संकुल स्तरीय खेल प्रतियोगिता ग्रामीण क्षेत्र में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने तथा विद्यार्थियों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक सराहनीय पहल सिद्ध हुई।