किसी भी परिस्थिति में आप उसे किस नजरिया से देखते हैं वह मायने रखता है :  डॉ. सचिन

संपादक आर के देवांगन

किसी भी परिस्थिति में आप उसे किस नजरिया से देखते हैं वह मायने रखता है :  डॉ. सचिन
किसी भी परिस्थिति में आप उसे किस नजरिया से देखते हैं वह मायने रखता है :  डॉ. सचिन

अगर आप नकारात्मकता से भरे हुए हैं तो आप *छोटी बातों को भी बड़ा बना देते है और यदि आप सकारात्मक है तो बड़ी सी बड़ी बात भी छोटी हो जाती है। डॉ. सचिन
हम सदा सुखी रहना चाहते हैं, खुश रहना चाहते हैं तो हमें माफ करना सीखना होगा।
 डॉ. सचिन

 दुर्ग ( छत्तीसगढ़ )- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय " आनन्द सरोवर बघेरा " दुर्ग में हेल्दी लाइफ-हैप्पी लाइफ विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें डॉक्टर सचिन परब मुंबई जो की फिजिशियन के साथ-साथ कॉरपोरेट ट्रेनर भी है ने बहुत ही सुंदर अपनी व्याख्यान दिए। आज समाज में छोटी-छोटी बातों में टकराव बढ़ते जा रहा है, परिवार के अंदर पति-पत्नी के बीच भी नकारात्मकता होने के कारण छोटी-छोटी बातों में टकराव होता है जिससे खुशी गायब हो जाता है और खुशी गायब हो जाने के कारण व्यक्ति धीरे-धीरे तनाव का शिकार हो जाता है। तनाव धीरे-धीरे डिप्रेशन में बदल जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही घातक है। आपने अपने क्लाइंट का कई उदाहरण देते हुए बताया की कैसे पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों में टकराव होता है जैसे एक क्लाइंट आपके पास आया था उसकी पति की शिकायत था कि मेरे पत्नी को शिष्टाचार ही नहीं है। डॉक्टर साहब ने पूछा पत्नि की गलती क्या है? तो क्लाइंट पति ने बताया कि टूथपेस्ट ट्यूब से पेस्ट निकालने के लिए टयूब को बीच से दबाती है जो मुझे बिल्कुल ही पसंद नहीं है तो डॉक्टर साहब ने कहा कि यह तो 25 रूपये का प्रॉब्लम है। इसके लिए आप इतना तनाव क्यों ले रहे हैं। ऐसे ही बहुत सारी बातें उन्होंने बताई और कहा कि आप किसी भी परिस्थिति में आप उसे किस नजरिया से देखते हैं वह मायने रखता है । और आप उसमें पॉजिटिव चीज निकाल कर खुश रहते हैं।* 
      आगे आपने कहा की छोटे बच्चों को हम ना समझ कहते हैं जबकि छोटे बच्चे आपस में अभी-अभी लड़ते झगड़ते हैं और अभी-अभी मिल जाते हैं जबकि हम अपने को बडे़ समझते हैं लेकिन किसी भी घटना को जिसमें हमारा किसी ने अपमान कर दिया हो तो उसे हम जिंदगी भर नहीं माफ कर पाते हैं और ना ही भूल पाते हैं जो हमारे तनाव और दुःखों का कारण है। बुरी बातों को भूलना सीखना होगा। तभी हम सदा खुश रह सकेंगे, स्वस्थ रह सकेंगे। खुशी और स्वास्थ्य एक दूसरे के पूरक है। जितना हम खुश रहेंगे उतना हम स्वस्थ रहेंगे और जितना हम स्वस्थ रहेंगे उतना हम खुश रहेंगे तो हमें हमेशा हर परिस्थिति में सकारात्मक पहलुओं को देखते हुए खुश रहना चाहिए। इस कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी दुर्ग सेवा केन्द्र से संबंधित आसपास के सेवा केन्द्रों जैसे:- बालोद, गुंडरदेही, साजा, धमधा, देवकर आदि सेवाकेन्द्रों से जुड़े हुए हजारों भाई बहनें सम्मिलित हुए। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय दुर्ग की मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी रीटा बहन  ने की। कुमारी युक्ति, इंद्राणी एवं उनके साथियों ने मनमोहक स्वागत नृत्य प्रस्तुत किए। इस कार्यक्रम का कुशल संचालन ब्रह्माकुमारी रूपाली बहन ने किया।