गंजपारा दुर्गा समिति द्वारा श्रीमद् देवी भागवत कथा का भव्य आयोजन नवरात्र पर्व में सैकड़ो महिलाओं ने निकाली कलश यात्रा   श्रीमद्देवीभागवत की कथा वाचक रुचिता तिवारी के द्वारा श्रीगणेश पूजन से हुई शुरुवात

 गंजपारा दुर्गा समिति द्वारा श्रीमद् देवी भागवत कथा का भव्य आयोजन नवरात्र पर्व में सैकड़ो महिलाओं ने निकाली कलश यात्रा    श्रीमद्देवीभागवत की कथा वाचक रुचिता तिवारी के द्वारा श्रीगणेश पूजन से हुई शुरुवात
 गंजपारा दुर्गा समिति द्वारा श्रीमद् देवी भागवत कथा का भव्य आयोजन नवरात्र पर्व में सैकड़ो महिलाओं ने निकाली कलश यात्रा    श्रीमद्देवीभागवत की कथा वाचक रुचिता तिवारी के द्वारा श्रीगणेश पूजन से हुई शुरुवात

 

 गंजपारा दुर्गा समिति द्वारा श्रीमद् देवी भागवत कथा का भव्य आयोजन नवरात्र पर्व में सैकड़ो महिलाओं ने निकाली कलश यात्रा

  श्रीमद्देवीभागवत की कथा वाचक रुचिता तिवारी के द्वारा श्रीगणेश पूजन से हुई शुरुवात

 

 बालोद। :- गंजपारा दुर्गा समिति द्वारा श्रीमद् देवी भागवत कथा के प्रथम दिवस कलश यात्रा निकाली गई।

  कलश यात्रा गणेश मंदिर से महादेव भवन देवी कथा स्थल तक पहुंची। कलश यात्रा के प्रारंभ में कथा वाचक रुचिता तिवारी ने भगवान गणेश की पूजा अर्चना की।

 

  इस अवसर पर मुख्य जजमान गोवर्धन चांडक सहित काफी संख्या में दुर्गा समिति के सदस्य गण व्यवस्थापक राजू पटेल, अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा, उपाध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल, सचिव मनोज चांडक, सरक्षक टिकेंद्र साहू, मीडिया प्रभारी जितेंद्र साहू, शंभू पटेल, संतोष शर्मा, गोविंद टावरी, धीरज दुबे, राजू देशमुख, बाबू भाई पटेल , जगदीश पटेल, राजा टावरी, पप्पू रघुवंशी सहित बालोद शहर के धर्म प्रेमी सम्मिलित हुए। यहां पर कथा 13 अक्टूबर तक चलेगी।

■ सौभाग्यशाली हैं हम जिन्हें मानव देह मिला ■

 कथा कथा 2 बजे से प्रारंभ हुई। कथा वाचक लाडली रुचिता तिवारी ने प्रथम दिवस पर मां का परिचय दिया कहा बिना मां के संसार नहीं बन सकता। लाखों में किसी एक को चुनती है मां। उन्होंने कहा कि मानव देह मिला है इसलिए हम बहुत सौभाग्यशाली हैं।

  कथा करवाना बहुत बड़ी बात नहीं है। कथा सुनना बहुत बड़ी बात है। कथा का मतलब समस्त प्रकार के थकान को मिटा देना है।भगवान के कथा में कोई भेद नहीं होता। सभी एक ही परमात्मा है।

 उन्होंने कहा कि यह कथा जीव को शिव बना देती है। कोई कार्य शांति के बिना अधूरा है। इस कलयुग में कथा के कुछ नियम है। सर्वप्रथम आरती के पहले आना दूसरा खाली हाथ मां के दरबार में नहीं आना, तीसरा कथा में आओ तो मुख मंडल को प्रसन्न होकर आओ, चौथा दरबार में आओ तो मस्तिष्क खाली करके स्वाभिमान शून्य करके आओ।

  मां की कृपा पाना है तो दिल से पुकारो मां शब्द का बखान करेंगे तो 9 दिन कम पड़ जाएगा। कथा को सुनना ही नहीं अपने भीतर प्रवेश करवाना होगा।

रिपोर्ट खास :- अरुण उपाध्याय बालोद

मो नम्बर :- 94255 72406