प्रदेशव्यापी आंदोलन : NHM कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल*
आर के देवांगन

*प्रदेशव्यापी आंदोलन : NHM कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल*
*16 जुलाई को जिलों में और विधानसभा 17 जुलाई को विधानसभा घेराव*
छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16,000 से अधिक संविदा कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर 16 जुलाई को जिला स्तर पर एवं 17 जुलाई को राजधानी रायपुर में विधानसभा घेराव के माध्यम से प्रदेशव्यापी आंदोलन में शामिल होंगे।
20 वर्षों से कार्यरत इन कर्मचारियों द्वारा नियमितीकरण, ग्रेड-पे, मेडिकल अवकाश, पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना सहित 10 सूत्रीय मांगों के लिए सतत संघर्ष किया जा रहा है।
कोरोना महामारी के दौरान इन कर्मियों ने जान जोखिम में डालकर बिना किसी सामाजिक सुरक्षा के प्रदेश की जनता की सेवा की, कई कर्मचारियों ने अपनी जान तक गंवाई। इसके बावजूद ये कर्मचारी बीते दो दशकों से बिना किसी नौकरी सुरक्षा के कार्य कर रहे हैं। अब आम जनता के बीच भी यह मांग जोर पकड़ चुकी है कि NHM कर्मियों को नियमित किया जाए और उन्हें उनका वाजिब हक दिया जाए।
क्रमबद्ध आंदोलन के अंतर्गत अब तक प्रदेश के 90 विधायक, 16 सांसद और भाजपा जिलाध्यक्षों को ज्ञापन सौंपा जा चुका है। विगत 4 दिनों से NHM कर्मचारी काली पट्टी बांधकर कार्यस्थलों पर सरकार के प्रति विरोध दर्ज करा रहे हैं।
*संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित कुमार मिरी का कहना है कि* विगत वर्षों में 100 से अधिक बार विभागीय अधिकारियों, मंत्रियों, और मुख्यमंत्री जी तक ज्ञापन, आवेदन व संवाद के माध्यम से समस्याएं रखी जा चुकी हैं, किंतु आज तक कोई ठोस निराकरण नहीं हुआ।
*संघ के प्रदेश प्रवक्ता* श्री पूरन दास ने कहा,
"यदि सरकार शीघ्र हमारी मांगों को नहीं मानती, तो यह आंदोलन उग्र रूप लेगा, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं बाधित होंगी। इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।"
यह भी उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी में NHM संविदा कर्मियों की समस्याओं के निराकरण और नियमितीकरण का वादा शामिल है। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में डॉ. रमन सिंह, अरुण साव, विजय शर्मा, ओपी चौधरी, विजय बघेल और केदार कश्यप जैसे भाजपा के कई वरिष्ठ दिग्गत नेताओं ने NHM कर्मचारियों के आंदोलन को समर्थन दिया था।
16 जुलाई को सभी जिलों में NHM कर्मचारी जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।