बधमरा और झलमला के कृषि जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा की जा रही अवैध प्लांटिंग रसूखदार भूमाफिया के लिखाफ नही होती कोई कार्यवाही

बधमरा और झलमला के कृषि जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा की जा रही अवैध प्लांटिंग  रसूखदार भूमाफिया के लिखाफ नही होती कोई कार्यवाही
बधमरा और झलमला के कृषि जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा की जा रही अवैध प्लांटिंग  रसूखदार भूमाफिया के लिखाफ नही होती कोई कार्यवाही
बधमरा और झलमला के कृषि जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा की जा रही अवैध प्लांटिंग  रसूखदार भूमाफिया के लिखाफ नही होती कोई कार्यवाही

बधमरा और झलमला के कृषि जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा की जा रही अवैध प्लांटिंग रसूखदार भूमाफिया के लिखाफ नही होती कोई कार्यवाही

बालोद- बालोद शहर के भूमाफिया शहर के साथ ही अब ग्रामीण अंचलों की कृषि जमीन को अवैध प्लांटिंग किया जा रहा है। इन माफियाओ का कारोबार शहर सहित ग्रामीण अंचलों की कृषि जमीन पर अवैध प्लांटिंग करने का खेल लबे से समय से फलफूल रहा हैं। जिला मुख्यालय से दो से तीन किमी की दूरी पर स्थित ग्राम बधमरा और झलमला के मेन रोड में स्थित कृषि जमीन के खसरा नं. 151,155 और 162/1और बूढ़ा तलाब में बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा हैं। बालोद शहर के कुछ रसूखदार भू-माफिया द्वारा सारे नियम कायदों को ताक में रख कर एवं कॉलोनाइजर एक्ट के उलंघन कर ग्राम बधमरा के कृषि जमीन में सीमेंट का पोल लगाकर अवैध प्लांटिंग किया जा रहा हैं।  शहर के भूमाफिया द्वारा शासन के बगैर अनुमति भूमि को कम दामों पर खरीदकर काट रहे प्लांट

 भूमाफिया शासन के बगैर अनुमति के बधमरा के कृषि भूमि को कम दाम पर खरीदीकर प्लाट काट रहे हैं। एक ही जमीन को टुकड़ों में काटकर बेचने की तैयारी की जा रही हैं।इसके लिए कृषि जमीन में सीमेंट के खंभे लगाकर प्लांटिंग की जा रही हैं। यह एक तरह से गैर कानूनी कार्य है। बावजूद यह कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। इसमें मुख्य रूप से किसानों को लालच देकर उनकी जमीन को कम दामों में खरीदकर प्लाटिंग की जा रही है और अधिक दामों में बिना डायवर्सन के ही बेची जा रही है। अवैध प्लाटिंग का यह गोरखधंधा जोरों से चल रहा है। इससे भूमाफिया करोड़ों रुपए कमा रहे है लेकिन फिर भी कार्रवाई नहीं होती।

भूमाफिया की दबंगई, सिचाई विभाग द्वारा बनाई गई नाली में मिट्टी डालकर बेच रहे प्लॉट ,जिसकी शिकायत युवा काग्रेस ने एसडीएम से किया था लिखित शिकायत

 युवक काग्रेस द्वारा एसडीएम को सौपे गए ज्ञापन में बताया गया कि वार्ड 19 में खसरा नं. 731/27 पर शहर के एक भूमाफिया द्वारा अवैध प्लांटीग किया जा रहा है जिस पर ऐरिकेशन द्वारा नाला निर्माण हो चुका था जिसे भी मिट्टी द्वारा पाट कर बिक्री किया जा रहा है। उक्त खसरा नं पर मंदिर परिसर का जमीन है जो मंदिर परिसर का है उसे नी अपना जमीन कहकर बिक्री किया जा रहा है जो जनहित में नाजायज है।उक्त खसरा नं. पर जो प्लाटीग किया जा रहा है उस पर शासन द्वारा जारी किये गए नियमों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है।युवक काग्रेस ने बालोद में भू-माफियाओं के द्वारा जो अवैध प्लांटींग किया जा रहा है उस पर तत्काल रोक लगाकर उक्त खसरा नं. पर अज्जू साखला द्वारा अवैध प्लाटीग किये जाने पर अविलंब रोक लगाने की मांग शासन प्रशासन से किया था लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भूमाफिया के ऊपर कोई कार्यवाही नही किया गया। भूमाफिया रसूखदार होने के कारण स्थानीय प्रशासन भी कार्यवाही करने के लिए बचती नजर आ रही हैं।  कर रहे दिखावा

 सुविधाओं का अभावअवैध प्लाटिंग का धंधा पिछले कई वर्षों से चल रहा है। दलालों के चक्कर में लोग जमीन की खरीदी तो कर लेते हैं, लेकिन सुविधाएं कुछ नहीं मिलती। 10 से 15 फीट की सड़क छोड़ देते हैं और मुरुम बिछा देते हैं। वर्षों तक कॉलोनी के रहवासियों को बिजली, पानी, सड़क, नाली और अन्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है।  प्लांटिंग के लिए नही ली जाती अनुमति

 नगर सहित जिले में जितनी भी जमीनों की खरीदी बिक्री हो रही है, उनमें एसडीएम, टाऊन व कंट्री प्लानिंग कार्यालय और नगर पालिका में आवेदन देकर औपचारिकता निभा देते हैं। प्लाटिंग के लिए कहीं से भी कोई अनुमति नहीं मिली है। नगर व आसपास के किसी भी गांव में जमीन प्लाटिंग की अनुमति नहीं है। बावजूद इसके बेधड़क अवैध प्लाटिंग जारी है। मतलब नाक के नीचे ही अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे हैं।  केवल आश्वासन

 अवैध प्लाटिंग का खेल शहर के साथ गांवों में भी जारी है। इस पर कार्रवाई के लिए दो विभाग मौजूद है, लेकिन कार्रवाई कोई नहीं कर रहा। नगरीय क्षेत्र में हो रहे अवैध प्लाटिंग के खिलाफ कार्रवाई करने नगर पालिका के पास अधिकार है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग पर राजस्व विभाग मतलब एसडीएम कार्यालय कार्रवाई कर सकती है। दोनों विभाग के अधिकारी हर बार आश्वासन देते हैं कि कार्रवाई की जाएगी, लेकिन दिखावे के लिए नोटिस दे दिया जाता है।जिससे भूमाफियों के हौसले बुलंद रहते हैं। जबकि इस पर बड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।

अरुण उपाध्याय की खास रिपोर्ट