विधानसभा उपचुनाव: राजनैतिक विज्ञापनों का प्रमाणन जरूरी

संपादक आर के देवांगन

विधानसभा उपचुनाव: राजनैतिक विज्ञापनों का प्रमाणन जरूरी

प्रकाशन तिथि से तीन दिन पहले एमसीएमसी को देना होगा आवेदन

रायपुर । विधानसभा उपचुनाव के लिए सभी राजनैतिक दलों, रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के लिए उप निर्वाचन लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देश अनुसार मतदान दिवस एवं मतदान से एक दिन पूर्व मीडिया में प्रकाशित होने वाले राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों के विज्ञापनों का प्रमाणन मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (एमसीएमसी) से अनिवार्य रूप से कराना होगा। इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. गौरव सिंह ने जरूरी निर्देश भी जारी किए है।

रायपुर दक्षिण विधानसभा उप चुनाव में 13 नवम्बर बुधवार को वोट डाले जाएंगे, इसे देखते हुए 12 व 13 नवम्बर को प्रिंट मीडिया में प्रकाशित किए जाने वाले ऐसे तमाम राजनीतिक विज्ञापनों को राज्य स्तर या जिला पर गठित प्रमाणन व मीडिया निगरानी समिति (एमसीएमसी) से पूर्व-प्रमाणीकरण कराना अनिवार्य है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए है। इन दोनों दिन राजनीतिक लाभ लेने व मतयाचना के लिए राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों द्वारा समाचार-पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कराया जाता है।

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार राज्य स्तर पर एक राज्य स्तरीय एमसीएमसी कमेटी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा गठित की गई है, राज्य स्तरीय कमेटी में राजनीतिक दलों द्वारा प्रकाशित कराये जाने वाले राजनीतिक विज्ञापनों का प्रमाणीकरण कराया जा सकता है, इसके साथ ही हर जिले में जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा जिला स्तर पर एमसीएमसी कमेटी गठित है। विधानसभा उप निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशी अपने राजनीतिक विज्ञापनों को जिला स्तरीय समिति से प्रमाणीकरण करा सकते हैं। इसके लिए प्रत्याशियों को विज्ञापन प्रकाशन की प्रस्तावित तिथि से 3 दिन पहले तक विज्ञापन के प्रारूप की तीन प्रतियों के साथ निर्धारित प्रपत्र में आवेदन प्रस्तुत करना होगा।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मीडिया प्रमाणन का मूल आधार आदर्श आचार संहिता के पालन से जुड़ा है। मीडिया में ऐसा कोई विज्ञापन नहीं दिया जाएगा जो सामाजिक समरसता को बिगाड़ने अथवा तनाव को बढ़ाने, शांति भंग करने, संविधान और कानून के विपरीत, नैतिकता, सदाचार के विपरीत हो। किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाले विज्ञापनों के प्रकाशन पर भी रोक रहेगी। कलेक्टर ने बताया कि मतदान के दिन और मतदान से एक दिन पहले मीडिया में प्रकाशित होने वाले राजनैतिक विज्ञापन का समिति द्वारा प्रमाणन कराया जाना आवश्यक है। इन विज्ञापनों में प्रिंट मीडिया, टीवी चैनल, केबल टीवी चैनल, रेडियो (निजी एफएम सहित), सिनेमा घर, ई-समाचार पत्र, बल्क एवं वाईस एसएमएस एवं सार्वजनिक स्थलों पर दृश्य-श्रव्य माध्यम शामिल है।