फर्जी डेथ सर्टिफिकेट के सहारे LIC से 35 लाख की ठगी: मास्टरमाइंड चाचा-भतीजे समेत 4 गिरफ्तार
संपादक आर के देवांगन
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में फर्जी डेथ सर्टिफिकेट के जरिए भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) से 35 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। इस चौंकाने वाली घटना में मास्टरमाइंड चाचा-भतीजे ने सुनियोजित तरीके से न केवल फर्जी दस्तावेज तैयार किए बल्कि मोहल्ले के लोगों से झूठी गवाही भी दिलवाई। पुलिस ने इस अपराध में शामिल चाचा-भतीजे समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बता दें कि बिलासपुर के व्यापार विहार क्षेत्र में रहने वाले चाचा और उनके भतीजे ने LIC पॉलिसी के डेथ क्लेम के नाम पर बड़ी ठगी को अंजाम दिया। चाचा ने अपने भतीजे को कागजों में मृत घोषित करने के लिए फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाया और LIC में डेथ क्लेम फाइल कर दिया। ठगी को अंजाम देने के लिए इन लोगों ने पड़ोसियों, मोहल्ले के दुकानदारों और अन्य परिचितों को पैसे देकर अपनी बात मनवाई।
झूठी गवाही के लिए मोहल्ले वालों को किया सेट-
इस फ्रॉड को अंजाम तक पहुंचाने के लिए चाचा ने मोहल्ले के नाई, दर्जी और धोबी जैसे दुकानदारों के अलावा पड़ोसियों को भी पैसे देकर अपनी तरफ कर लिया। गवाही देने वालों को 500 से 1000 रुपये तक देकर यह समझाया गया कि अगर LIC के अधिकारी उनसे पूछताछ करें तो वे बस यह कहें कि पॉलिसीधारक की मौत हो चुकी है। झूठी गवाही के बदले पैसे ने इन लोगों को अपराध में शामिल होने से नहीं रोका और उन्होंने मौत की पुष्टि कर दी।
तीन पॉलिसियों से 35 लाख, चौथी में पकड़े गए-
इस षड्यंत्र के तहत चाचा-भतीजे ने पहले तीन पॉलिसियों से करीब 35.90 लाख रुपये का क्लेम ले लिया। उनकी योजना चौथी पॉलिसी से 51 लाख रुपये निकालने की थी। हालांकि, LIC अधिकारियों को शक होने पर उन्होंने जांच शुरू की, जिससे इस बड़े फ्रॉड का पर्दाफाश हो गया।
बीमा एजेंट भी शामिल-
इस फ्रॉड में केवल चाचा-भतीजा ही नहीं, बल्कि LIC का एक एजेंट भी शामिल था, जिसने पॉलिसी के क्लेम को फाइल करने में मदद की। पुलिस ने चाचा-भतीजे, बीमा एजेंट और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल, सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है और पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
LIC अधिकारियों को कैसे दी गई गुमराह-
चाचा-भतीजे ने LIC अधिकारियों को गुमराह करने के लिए फर्जी डेथ सर्टिफिकेट के साथ-साथ झूठी गवाही का सहारा लिया। जब अधिकारी जांच के लिए मोहल्ले में पहुंचे, तो उन्हें पड़ोसियों और दुकानदारों से मृतक की मौत की पुष्टि मिली। यह सुनियोजित योजना इतनी सटीक थी कि शुरू में किसी को शक नहीं हुआ।
पुलिस जांच में हो रहे नए खुलासे-
पुलिस अब उन सभी लोगों की पहचान कर रही है, जिन्होंने पैसे लेकर झूठी गवाही दी। इसके अलावा, डेथ सर्टिफिकेट बनाने में शामिल सरकारी अधिकारियों और अन्य लोगों की भी जांच की जा रही है। इस मामले ने LIC और अन्य बीमा कंपनियों के सुरक्षा प्रोटोकॉल पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।