लापरवाही का अंजाम, छत्तीसगढ़ के 7 जिलों में फिर से लॉकडाउन...

लापरवाही का अंजाम, छत्तीसगढ़ के 7 जिलों में फिर से लॉकडाउन...

लापरवाही का अंजाम, छत्तीसगढ़ के 7 जिलों में फिर से लॉकडाउन

छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। राज्य में अब तक 84 हजार से ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि 664 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 51 हजार से अधिक लोग सितंबर के शुरुआती 19 दिनों में संक्रमित हुए हैं। 377 मौतें भी इसी दौरान हुई हैं। इसके बाद भी आम लोग के साथ शासन और प्रशासन लापरवाह बने रहे। इससे कोरोना वायरस के फैलाव का आंकड़ा रोज नए रिकार्ड बना रहा है। तेजी से बिगड़ते हालात को संभालने अब मजबूरी में राज्य के पांच जिलों में सख्त लॉकडाउन करना पड़ रहा है। सरकार अब जो सख्ती करने जा रही है, उसके लिए हम खुद जिम्मेदार हैं। अनलॉक में हमारा व्यवहार ऐसा रहा, मानो कोरोना खत्म हो चुका है। न हमने शारीरिक दूरी का पालन किया और न ही मास्क को जरूरी समझा। नतीजा कोरोना बेकाबू रफ्तार से बढ़ रहा है।

इन जिलों में लॉकडाउन
रायपुर- 22 से 28 सितंबर

बिलासपुर- 22 से 28 सितंबर

दुर्ग- 21 से 30 सितंबर

सरगुजा - 21 से 28 सितंबर

धमतरी-22 सितंबर से 01 अक्टूबर (शहरी क्षेत्र)

बेमेतरा 13 से 20 सितंबर (शहरी क्षेत्र)

मुंगेली- 17 से 23 सितंबर

रायगढ़- 17 से 23 सितंबर

राजधानी रायपुर, न्यायधानी बिलासपुर, ट्विन सिटी दुर्ग-भिलाई व सरगुजा के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में सोमवार-मंगलवार से सख्त लॉकडाउन का आदेश जारी हो गया है। धमतरी के शहरी क्षेत्र में 10 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है। बेमेतरा, मुंगेली और रायगढ़ पहले से लॉकडाउन है। कबरीधाम जिले के शहरी क्षेत्रों में 10 सितंबर से अनिश्चितकालीन लॉकडाउन है। वहीं, बस्तर और जांजगीर-चांपा समेत कुछ और जिलों में प्रशासन इस पर विचार कर रहा है। स्थानीय प्रशासन ने हालात सुधरने की उम्मीद में ज्यादातर जिलों में अभी सप्ताहभर के लॉकडाउन की घोषणा की है, लेकिन इसे बढ़ाने की रणनीति पर अभी से काम शुरू कर दिया गया है।

इस बार ज्यादा सख्ती

1. किराना और सब्जी भी नहीं मिलेगी - इस बार लॉकडाउन बेहद सख्त रहेगा। मेडिकल स्टोर के अतिरिक्त अन्य कोई दुकान नहीं खुलेगी। यहां तक की सब्जी और किराना की दुकान भी नहीं। दूध भी सीमित समय में ही मिलेगा।

2. आम लोगों को पेट्रोल भी नहीं - इस बार लॉकडाउन के दौरान पेट्रोल पंप तो खुलेंगे, लेकिन आम लोगों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। केवल सरकारी और आपातकालीन सेवा में लगे वाहनों को ही ईंधन मिलेगा।
3. उद्योग चलेंगे, कर्मी नहीं निकलेंगे - उद्योगों और निर्माण इकाइयों को लॉकडाउन से मुक्त रखा गया है, लेकिन उन्हें अपने कर्मचारियों को परिसर में ही रखने की व्यवस्था करनी होगी। आवाजही पूरी तरह बंद रहेगी।

लापरवाह हो गए थे हम

चार चरणों के लॉकडाउन के 68 दिनों में राज्य में केवल 492 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले थे और मात्र एक मौत हुई थी। अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के साथ राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी। अनलॉक का पहला चरण खत्म होने तक संक्रमितों की संख्या और मौत क्रमशः 2,858 व 13 हो गई। इसके बाद भी लोग सावधानी बरतने की बजाए और लापरवाह होते गए। न शारीरिक दूरी का ध्यान रखा गया और न मास्क का। यहां तक कि हम सैनिटाइजर और बार-बार हाथ धोने की आदत को भी भूल गए। नतीजतन कोरोना संक्रमण बेकाबू गति से फैला। आज राज्य में संक्रमितों की संख्या 84 हजार के पार हो चुकी है।

सख्ती नहीं की तो राजनांदगांव जैसा होगा हाल

राज्य में इस बार लॉकडाउन में सख्ती बरतना जरूरी है। अगर ढिलाई की गई तो राजनांदगांव की तरह हाल होगा। राजनांदगांव के शहरी क्षेत्र में पांच से 12 सितंबर तक पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया था। इसके बाद 18 तक आंशिक। यानी 14 दिनों का लॉकडाउन किया गया था। लेकिन सख्ती न बरतने से आवाजाही बनी रही। नतीजा संक्रमितों की संख्या पर नियंत्रण नहीं हो सका। जिले में आज भी हर रोज करीब 200 मरीज मिल रहे हैं।

सबसे संक्रमित जिले

रायपुर - 26,899

दुर्ग - 8,089

राजनांदगांव - 6,536

बिलासपुर - 5,931

रायगढ़ - 4,778

 

यह फैसला बहुत देर से लिया गया है। भाजपा लगातार सरकार का ध्यान खींच रही थी। दुविधाग्रस्त नेतृत्व को राजधानी और प्रदेश को महामारी के गर्त में धकेलकर अब होश में आया है। इस बार लॉकडाउन का पूरी सख्ती से पालन किया जाए और कोई राजनीतिक नौटंकी सत्तारूढ़ दल के नेता कतई न करें। प्रस्तावित लॉकडाउन में लोगों को राहत पहुंचाने राज्य सरकार स्वास्थ्यगत ढांचे को मजबूत बनाने का काम ईमानदारी से करे। - विष्णुदेव साय, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा

कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। कई जिलों में लगभग पूरे शहर को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। अभी कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इस वायरस के संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए लॉकडाउन ही एकमात्र उपाय है। इसी वजह से राज्य के जिन जिलों में संक्रमण ज्यादा फैल रहा है, वहां लॉकडाउन का फैसला किया गया है। वायु और रेल सेवा केंद्र सरकार के अधीन है, उसे हम बंद नहीं कर सकते, लेकिन एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर आवश्यक व्यवस्था की जा रही है। - रविंद्र चौबे, कैबिनेट मंत्री

- सील होगी रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग व सरगुजा जिले की सीमा

- बेमेतरा, मुंगेली और रायगढ़ पहले से ही हैं लॉकडाउन

- बस्तर, जांजगीर-चांपा समेत कुछ और जिलों में विचार