ड्रग्स के कारोबार से जमीन खरीद कर खोल लिया था ढाबा, आरोपी पति-पत्नी की की 1.15 करोड़ की संपत्ति जब्त

आर के देवांगन

ड्रग्स के कारोबार से जमीन खरीद कर खोल लिया था ढाबा, आरोपी पति-पत्नी की की 1.15 करोड़ की संपत्ति जब्त

ड्रग्स के कारोबार से जमीन खरीद कर खोल लिया था ढाबा, आरोपी पति-पत्नी की की 1.15 करोड़ की संपत्ति जब्त

बिलासपुर। सफेमा कोर्ट ने ड्रग्स व नशे के अन्य कारोबार से बनाई 1.15 करोड़ की संपत्ति को फ्रीज किया है. सिविल लाइन पुलिस ने प्रकरण बनाकर कोर्ट में पेश किया था. सफेमा कोर्ट ने सुनवाई करते हुए संपत्तियों को फ्रीज करने का आदेश दिया है. आरोपी ने ड्रग्स के कारोबार से जमीन खरीद कर ढाबा खोल लिया था. वहीं ड्रग्स छिपाने के लिए ढाबे में तहखाना भी बनाया था. पुलिस ने ढाबे की जमीन, ढाबा, ढाबे के सामान को जब्त कर साफेमा कोर्ट में प्रकरण भेजा है. संपत्तियों में ग्राम पांड में 20  डिसमिल कृषि भूमि, उस पर बना पक्का ढाबा भवन, दो-दो आइसक्रीम व कोल्ड ड्रिंक फ्रीजर, टीवी, तीन कूलर, एक 6 सीटों वाला सोफा सेट, वाटर प्यूरिफायर और एक चिड़ीमार बंदूक शामिल हैं. इन सभी संपत्तियों को एनडीपीएस के अंतर्गत फ्रीज कर सफेमा विशेष न्यायालय को पुष्टि हेतु भेजा गया है.जानकारी के अनुसार बिलासपुर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान चेतना विरुद्ध नशा के तहत बिलासपुर पुलिस ने नशे के अवैध व्यापार में लिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों की संपत्ति जब्त की है. एसएसपी रजनीश सिंह के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए आरोपी श्याम श्रीवास और उसकी पत्नी सरोज श्रीवास की 1.51 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की चल-अचल संपत्ति फ्रीज की गई है. जांच में यह सामने आया कि आरोपी दंपति मादक पदार्थों का संगठित कारोबार चला रहे थे, जिससे अवैध रूप से मोटी कमाई कर रहे थे. इसी आय से उन्होंने ढाबा, फर्नीचर और घरेलू उपकरणों सहित विभिन्न संपत्तियां अर्जित की है.पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि श्याम श्रीवास के विरुद्ध एनडीपीएस व आर्म्स एक्ट के तहत कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं. वहीं सरोज श्रीवास पर भी एनडीपीएस के मामले पंजीबद्ध हैं. दोनों पूर्व में जेल जा चुके हैं. बिलासपुर पुलिस द्वारा अब तक कुल 15 व्यक्तियों की लगभग 5.5 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्तियां सफेमा न्यायालय को भेजी हैं. इनमें से 13 लोगों की संपत्ति को सफेमा कोर्ट द्वारा वैध ठहराया गया है, जबकि एक मामला अभी विचाराधीन है. इन संपत्तियों में प्लॉट, वाहन, बैंक खाते, फिक्स्ड डिपॉजिट व बीमा पॉलिसियां सम्मिलित हैं।

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