*रोजगार से उद्यमिता की ओर अग्रसर, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का मिला लाभ

*रोजगार से उद्यमिता की ओर अग्रसर, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का मिला लाभ

*प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से सफल उद्यमी बना भजन दास*

*शासन की योजनाएं बना रही आत्मनिर्भरता की नींव मजबूत*

*पीएमईजीपी से बदली ग्रामीण युवा की तक़दीर, रोजगार से उद्यमिता की ओर*

         मोहला, 

केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित स्वरोजगार प्रोत्साहन योजनाएँ आज ग्रामीण अंचलों के युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता का सशक्त माध्यम बन रही हैं। पारदर्शी प्रक्रिया, सरल ऋण सुविधा और तकनीकी मार्गदर्शन के माध्यम से ये योजनाएँ न केवल रोजगार सृजन कर रही हैं, बल्कि युवाओं को सफल उद्यमी बनने का अवसर भी प्रदान कर रही हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के माध्यम से जिले के एक युवक ने अपने परिश्रम और संकल्प से सफलता की नई कहानी लिखी है।

      जिला–मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के ग्राम–मोहला निवासी श्री भजन दास रामटेके 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात रोजगार की तलाश में थे, लेकिन उचित अवसर उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। इसी दौरान एक दिन दैनिक समाचार पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से संबंधित विज्ञापन देखा, जिसने उनके जीवन की दिशा बदल दी।

        योजना के प्रति रुचि जागृत होने पर उन्होंने जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के अधिकारियों से संपर्क कर विस्तृत जानकारी प्राप्त की। अधिकारियों के मार्गदर्शन में आवश्यक दस्तावेज तैयार कर उन्होंने पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत किया। विभाग द्वारा उनका प्रकरण बैंक ऑफ बड़ौदा, मोहला को प्रेषित किया गया, जहाँ से उन्हें 4 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत हुआ।

         ऋण राशि प्राप्त होने के बाद श्री रामटेके ने मशीनें एवं आवश्यक उपकरण क्रय कर अपनी स्वयं की फर्नीचर उद्योग इकाई की स्थापना की। कड़ी मेहनत, गुणवत्ता और निरंतर प्रयास के परिणामस्वरूप उनकी इकाई सफलतापूर्वक संचालित होने लगी। वर्तमान में उन्हें इस उद्योग से लगभग 12 से 15 हजार रुपए प्रतिमाह की आय हो रही है, जिससे वे अपने परिवार का भरण-पोषण आत्मसम्मान के साथ कर पा रहे हैं। इतना ही नहीं उनकी इकाई से एक अन्य व्यक्ति को भी रोजगार मिला है, जिससे वे समाज के लिए भी सकारात्मक योगदान दे रहे हैं।

         रामटेके का कहना है कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया और उनके सपनों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भविष्य में वे अपने फर्नीचर उद्योग का विस्तार कर और अधिक लोगों को रोजगार देना चाहते हैं।