यह कोई खेत नहीं है एक ओर जहां आंगनबाड़ी केंद्र बनाकर शासन बच्चों के लिए पर्याप्त खेल और अनौपचारिक शिक्षा उपलब्ध कराने की बात कहती हैं

यह कोई खेत नहीं है एक ओर जहां आंगनबाड़ी केंद्र बनाकर शासन बच्चों के लिए पर्याप्त खेल और अनौपचारिक शिक्षा उपलब्ध कराने की बात कहती हैं
यह कोई खेत नहीं है एक ओर जहां आंगनबाड़ी केंद्र बनाकर शासन बच्चों के लिए पर्याप्त खेल और अनौपचारिक शिक्षा उपलब्ध कराने की बात कहती हैं

यह कोई खेत नहीं है एक ओर जहां आंगनबाड़ी केंद्र बनाकर शासन बच्चों के लिए पर्याप्त खेल और अनौपचारिक शिक्षा उपलब्ध कराने की बात कहती हैं जानिए आगे ख़बर में 

 बालोद - यह कोई खेत नहीं है एक ओर जहां आंगनबाड़ी केंद्र बनाकर शासन बच्चों के लिए पर्याप्त खेल और अनौपचारिक शिक्षा उपलब्ध कराने की बात कहती है। लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र के परिसर की क्या बदहाली हो सकती है इसका अंदाजा आप बालोद ब्लाक के ग्राम जगन्नाथपुर के केंद्र को देखकर लगा सकते है। शनिवार को भी नजारा ही कुछ ऐसा था। पुराने पंचायत के सामने संचालित यह आंगनबाड़ी केंद्र परिसर पूरी तरह दलदल और कीचड़ी से पटा हुआ है।यहां समस्या आज की नहीं, कई वर्षों से हालात ऐसे ही है। जब-जब बारिश का महीना आता है, तब यहां ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है। इसे लेकर कई बार शिकायत के बावजूद न तो पंचायत ध्यान दे रही है और न ही संबंधित विभाग। 

बच्चों का चलना भी मुहाल हो गया है। पुराने कला मंच पंचायत के सामने भी पानी भरा रहता है। जरा सी बारिश हुई तो यहां दलदल हो जाता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लक्ष्मी पटेल का कहना है कि कई बार पंचायत प्रशासन को भी इसके लिए शिकायत की गई है लेकिन ध्यान नहीं दिया जाता है।कभी कभार यहां मुरूम डालकर समतलीकरण का प्रयास भी किया जाता है। लेकिन गांव में उपलब्ध ट्रैक्टर की वजह से यहां दलदल हो जाता है। मुरमीकरण सही तरीके से नहीं होता और लगातार चलने वाले भारी वाहनों की वजह से कीचड़ है। जिसकी वजह से परिसर की स्थिति बदत्तर हो जाती है। बच्चे बाहर खेल नहीं पाते। उनके लिए सुरक्षित खेल मैदान नहीं मिल पाता और तो और लोगों को भी आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। ​​​​​​कीचड़ और दलदल से हो सकती है दुर्घटना 

पालक हो या गर्भवती महिलाएं किसी तरह की जांच शिविर में अपने बच्चों को लेकर केंद्र जाते हैं। लेकिन कीचड़ और दलदल से गुजरना उनकी मजबूरी होती है। ऐसे में कीचड़ और दलदल दुर्घटना के कारण बन सकते हैं। कुछ बच्चे तो स्कूल से छुट्टी के बाद इसी दलदल व आसपास में खेलते भी रहते हैं। एक ओर जहां स्वास्थ्य अमला आंगनबाड़ी केंद्र में लोगों को स्वस्थ रहने और स्वच्छता की सलाह देते है। दूसरी ओर केंद्र के बाहर दलदली नजारा लोगों को चिढ़ाता है। 

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