अब लगातार बारिश से नदियों में बाढ़ का खतरा, अभी बारिश लगातार होने की संभावना

अब लगातार बारिश से नदियों में बाढ़ का खतरा, अभी बारिश लगातार होने की संभावना
अब लगातार बारिश से नदियों में बाढ़ का खतरा, अभी बारिश लगातार होने की संभावना

अब लगातार बारिश से नदियों में बाढ़ का खतरा, अभी बारिश लगातार होने की संभावना 

उत्तर बस्तर कांकेर में दूध नदी में बाढ़ की बढ़ती स्थिति

 महानदी बेसिन के किनारे गांवों में बाढ़ की संभावना को देखते हुए अलर्ट जारी 

रविशंकर जलाशय से 52 हज़ार क्यूसेक पानी प्रति सेकंड छोड़ा जा रहा 

छत्तीसगढ़ के लगभग सभी इलाकों में अभी लगातार बारिश होती रहेगी। छत्तीसगढ़ राज्य में नॉर्मल बारिश होते होते लार्ज एक्सेस बारिश होनी शुरू हो गई है। देश के मध्य क्षेत्रों में इस साल औसत वर्षा की तुलना में अभी तक 42% से अधिक बारिश हो गई है। इससे समझा जा सकता है कि बारिश अधिक हो रही है। लगातार हो रही बारिश खतरनाक स्तर पर भी पहुंचने की आशंका है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिला में 1 हजार 891 मिलीमीटर बारिश हो गई है। लगातार बारिश जारी रहने से जनजीवन अस्त वस्त हो रहा है। निचले इलाकों में बस्तियों के जलमग्न हो जाने से कांकेर मे एक झोपड़ी ढह गई जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई है। केचमेंट एरिया से बांधों में लगातार पानी पहुंच रहा है जिससे सभी बांधों से पानी छोड़ने की नौबत आ सकती हैं। राज्य की बड़ी नदियों महानदी, शिवनाथ नदी, खारुन नदी तेल नदी, दूध नदी से जलस्तर बढ़ जाने पर पानी छोड़े जाने की नौबत आ सकती है। जिला प्रशासन के द्वारा स्थानीय लोगों को अलर्ट रहने को कहा गया है। उत्तर बस्तर कांकेर में दूध नदी में बाढ़ की बढ़ती 

स्थिति को देखते हुए नगर पालिका परिषद 

कार्यालय कांकेर में संसदीय सचिव श्री शिशुपाल शोरी, कलेक्टर डॉ प्रियंका शुक्ला की उपस्थिति में आपात बैठक आयोजित कर बाढ़ से नियंत्रण हेतु पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश उपस्थित अधिकारियों को दिए। बाढ़ से प्रभावित वार्ड तथा रहवासियों को सुरक्षित चिन्हित स्थानों में ठहरने के लिए व्यवस्था की गई है।

बाढ़ कंट्रोल रूम भी बनाया गया है जिसका संपर्क नंबर - +917647970445और+919171376345 है जिस पर संपर्क कर सुरक्षित स्थानों में जा सकते हैं दूध नदी के किनारे रहवासियों को सूचित किया जाता है कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सुरक्षित स्थानों में जाने के लिए अपील किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा आपात बैठक लेकर बाढ़ से किसी भी प्रकार की जान-माल की नुकसान ना हो इसके लिए पुख्ता व्यवस्था किया गया है। दूध नदी के प्रभावित स्थान भंडारीपारा वार्ड, महादेव वार्ड, राजापारा वार्ड, पुराना बस स्टैण्ड, सुभाष वार्ड, एमजी वार्ड, शांति नगर वार्ड के निवासियों को बाढ़ से सावधान रहने की सूचना दी गई है। 

छत्तीसगढ़ राज्य में इस सीजन में उम्मीद से अच्छी बारिश हुई है। यहां आमतौर पर इस अवधि में 747 बारिश हुई है।

यहां आमतौर पर इस अवधि में 747 मिली मीटर वर्षा होती है जो कि आज की तारीख तक 907.5 मिलीमीटर हो गई है। राज्य के ढेर सारे इलाके ऐसे हैं जहां वेरी हेवी रेनफॉल हुआ है। राज्य के भानुप्रतापपुर, नारायणपुर, माकड़ी, पखांजूर, छुरिया, पुसौर, रायगढ़, जगदलपुर, बस्तर, बीजापुर, अंतागढ़, दरभा, केशकाल, कांकेर, फरसगांव, बकावंड, चारामा, दुर्गकोंडल, मोहला, बस्तानार, डौंडी, डोंगरगढ़, अंबागढ़ चौकी, डोंगरगढ़, बड़े राजपुर कोंडागांव, पाली, मानपुर, लोहंडीगुड़ा ऐसे विकासखंड है जहां 12-12 सेंटीमीटर से अधिक बारिश एक दिन में हुई है यानी कि कल हुई है। 12 सेंटीमीटर तक की बारिश को वेरी हेवी रेनफॉल की श्रेणी में गिना जाता है। इतनी अधिक बारिश से इन इलाकों पर नदी नालों में पानी लगातार बढ़ता जा रहा है और कई जगह बाढ़ की आशंका बनी हुई है। कई जगह नदी नालों के उफान पर आ जाने से आसपास के गांव का दूसरे इलाकों से संपर्क टूट गया है। 

छत्तीसगढ़ राज्य में हो रही लगातार बारिश के चलते नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है, इसको देखते 

विशेषकर महानदी बेसिन के किनारे गांवों में बाढ़ की संभावना को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने महानदी के जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए जांजगीर-चाम्पा एवं रायगढ़ जिले के नदी किनारे वाले गांवों में जिला प्रशासन को विशेष अधिकारियों की टीम महानदी के 

निगरानी एवं सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। 

जलस्तर पर निरंतर निगरानी बनाए हुए है। नदी के दोनों ओर के निचले 

स्तर के गांव और बस्तियों में मुनादी कराने के साथ ही जिला प्रशासन द्वारा

निचली बस्तियों के लोगों को 

ऐहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर राहत शिविरों में ले जाने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। 

गौरतलब है कि राज्य में बीते कई दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते नदी-नाले उफान

रायपुर, दुर्ग और बस्तर संभाग स्थित सिंचाई बांध और जलाशय लबालब हैं। ऐसी स्थिति में बांधों और जलाशयों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है.. जिसके चलते महानदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। धमतरी जिला स्थित रविशंकर जलाशय से 52 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकंड छोड़ा जा रहा है, जबकि सोंढूर बांध से पांच हजार क्यूसेक. सिकासेर से 13 हजार 400 क्यूसेक पानी इस प्रकार कुल 70 हजार 400 क्यूसेक पानी महानदी में छोड़ा हो रहा है, जबकि शिवनाथ नदी पर बने मोंगरा बैराज, सूखा नाला बैराज और घूमरिया बैराज से 70 हजार क्यूसेक पानी शिवनाथ नदी में छोड़ा जा रहा है, जो कल मध्य रात्रि तक डाउनस्ट्रीम के जिलों में पहुंच जाएगा। महानदी बेसिन इलाके में लगातार बारिश के कारण भी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। 

हीराकुंड बांध में अभी करीब 900000 क्यूसेक पानी आ रहा है। ओडिशा के महानदी डेल्टा क्षेत्र में भारी बारिश और ओडिशा में बाढ़ की स्थिति के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार की विशेष पहल के बाद हीराकुंड बांध के अधिकारियों ने हीराकुंडपानी छोड़ने पर सहमति व्यक्त की है।

अभी तक,हीराकुंड से लगभग 450000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जोकि इसकी क्षमता का लगभग आधा है। यही वजह है कि रायगढ़ और जांजगीर चांपा जिलों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति बन गई है। जांजगीर-चाम्पा और रायगढ़ जिला प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव के लिए आपदा प्रबंधन टीमों को सक्रिय कर दिया है। उन्होंने आपदा राहत उपायों के लिए एनडीआरएफ आकस्मिकता की मांग की है। दोनों जिलों के बाढ़ संभावित गांव में मुनादी कराने के साथ ही निचले इलाकों से लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया है। यदि लगातार हो रही बारिश नहीं रुकी तो उक्त दोनों जिलों में महानदी के तटीय इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है। मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।

राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर में 512.0 मिमी, बलरामपुर में 472.2 मिमी, जशपुर में 501.0 मिमी, कोरिया में 515.0 मिमी, रायपुर में 678.7 मिमी, बलौदाबाजार में 892.4 मिमी, गरियाबंद में 948.5 मिमी, महासमुंद में 906.0 मिमी, धमतरी में 961.1 मिमी, बिलासपुर में 1019.9 मिमी, मुंगेली में 963.1 मिमी, रायगढ़ में 839.4 मिमी, जांजगीर चांपा में 1026.8 मिमी, कोरबा में 752.7 मिमी, गौरेला पेण्ड्रा - मरवाही में 755.2 मिमी, दुर्ग में 786.0 मिमी, कबीरधाम में 862.1 मिमी, राजनांदगांव में 921.9 मिमी, बालोद में 993.7 मिमी, बेमेतरा में 559.5 मिमी, बस्तर में 1284.7 मिमी, कोण्डागांव में 1035.2 मिमी, कांकेर में 1139.9 मिमी, नारायणपुर में 1062.4 मिमी, दंतेवाड़ा में 1284.9 मिमी और सुकमा में 863.6 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई। 

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