*राष्ट्रपति , राष्ट्रपिता शब्द सविधान से विलोपित हो , भारतीय नोटो पर हो भारत माता कि तस्वीर - हिन्दू शक्ति सेवा संगठन*
*राष्ट्रपति , राष्ट्रपिता शब्द सविधान से विलोपित हो , भारतीय नोटो पर हो भारत माता कि तस्वीर - हिन्दू शक्ति सेवा संगठन*
छत्तीसगढ़ - हिन्दू शक्ति सेवा संगठन के द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा गया जिसमे भारतीय नोटो पर वाटर मार्क मे भारत माता का चित्र अंकित किए जाने कि बात कही व साथ ही राष्ट्रपति व राष्ट्रपिता जैसे शब्दों को संविधान से विलोपित करने कि बात कही गई।
संगठन के संस्थापक तामेश तिवारी ने मीडिया से बात करते हुवे बताया की संगठन द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रध्यक्ष श्री रामनाथ गोविंद जी के नाम विज्ञप्ति के माध्यम से भारतीय मुद्राओं मे परिवर्तन करते हुए नोटो पर वाटर मार्क मे भारत माता का चित्र अंकित करने की बात कही व साथ ही राष्ट्रपति व राष्ट्रपिता जैसे शब्दो को संविधान से विलोपित कर नवीन सम्मानजनक शब्दो के इस्तेमाल करने कि बात कही । तिवारी ने बताया कि भारत सनातन संस्कृति वाला धर्म प्रधान देश है।भारत कि सनातन संस्कृति महान है व साथ ही वर्तमान में भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश भी है भारत में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति भारत माता कि ही संतान है और भारतीय मुद्राओं पर भारत मां कि तस्वीर अंकित होने से प्रत्येक व्यक्ति मे अपने देश के प्रति मातृभूमि के प्रति आदर सम्मान ,आस्था , विश्वास और देशभक्ति बढ़ेगा।।
तिवारी ने बताया कि इस सनातनिय धरती पर हमारे आराध्य देवताओं ने भी राष्ट्र को धरती को माता कह कर संबोधित किया है जिसका साक्ष्य हमारे वेद पुराण है।
वर्तमान में भारत के राष्ट्रध्यक्ष को राष्ट्रपति कह कर संबोधित किया जाता है हमारी धरती माता का कोई मानव पति या स्वामी नहीं हों सकता ठीक उसी प्रकार राष्ट्रपिता शब्द या संबोधन करना या उपाधि देना भी उचित नहीं है क्यों की धरती माता का कोई मानव पिता नहीं हो सकता पूरे राष्ट्र का कोई पिता नहीं हो सकता । इस लिए संविधान से इन दोनों नामो को शब्दो को विलोपित कर नवीन सम्मानजनक शब्दो का प्रयोग किया जाए व साथ ही भारत माता के तस्वीर को भारत के सभी मुद्राओं पर नोटो पर अंकित किया जाने का निवेदन किया गया है।
वहीं संगठन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश्वर मानिकपुरी ने बताया
कि आदि काल से ही हम अपने धरती माता का सम्मान करते आ रहे है उन्हे पूजते आ रहे है सृष्टि के आरम्भ काल से ही सभी महापुरुष व देवताओं ने भी इस भूमि को नमन किया व इसे माता कह कर संबोधित करते आ रहे चाहे वह भगवान राम हो या भगवान कृष्ण सभी ने सम्मानपूर्वक माता शब्द से ही संबोधित किया है , महराज विक्रमादि्य , चन्द्रगुप्त मौर्य व अनेक महान महापुरषों के द्वारा जिसने पूरे भारत को एक सूत्र में पिरोया ऐसे महान व्यक्तियों द्वारा व महात्मा गांधी के द्वारा भी हमारी इस धरती को माता शब्द से संबोधित किया है ऐसे में इस महान राष्ट्र में किसी मानव को राष्ट्रपिता व राष्ट्रपति शब्दो से संबोधित करना या उपाधि देना उपयुक्त नहीं है इस लिए संगठन द्वारा इन शब्दो में संशोधन कि मांग को गई है व साथ ही भारतीय मुद्राओं मे भारत माता का चित्र अंकित करने का निवेदन किया गया है।
वहीं संगठन के जिला अध्यक्ष सम्बोद पांडेय ने कहा कि संस्कृति प्रधान देश मे किसी को पिता व पति जैसे शब्दों से संबोधित करना उपयुक्त नही बताया। इस पूरे कार्यक्रम में विज्ञप्ति देने के दौरान प्रान्त मंत्री राजेन्द्र तिवारी , दुर्गा शक्ति सेना की जिला संयोजिका केशरी जिला संयोजिका शेलकिरन शुक्ला , टामेंद्र सिन्हा , नवीन लहरी आदि प्रमुख रूप से शामिल हुवे।।