करोना काल और नौकरी जाने का भय - महाविद्यालयीन छत्तीसगढ़ अतिथि व्याख्याता महासंघ
करोना काल और नौकरी जाने का भय - महाविद्यालयीन छत्तीसगढ़ अतिथि व्याख्याता महासंघ
छत्तीसगढ़ अतिथि व्याख्याता महासंघ का कहना है कि छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री होते हुए उच्च शिक्षा विभाग में वर्षों से शैक्षणिक कार्य को सुचारू रूप से शासन-प्रशासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य कर रहे अतिथि व्याख्याताओं के लिए नहीं सोच रहे हैं। जबकि मातृत्व राज्य मध्य प्रदेश में महाविद्यालयीन अतिथि विद्वान के रूप में जानने वाले व्याख्याताओं को एक निश्चित मासिक वेतन मान प्रदान कर नियमित सेवाएं ली जा रही है। इसके विपरीत छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री महोदय एवं यशस्वी मुख्यमंत्री लगभग 2 साल के इस करोना काल में हम महाविद्यालय अतिथि व्याख्याताओ को बाहर का रास्ता दिखा चुके हैं और इस समय भी कई-कई महाविद्यालयों में लोक सेवा आयोग से सहायक अध्यापकों की नियुक्ति जोर शोर से अतिथि व्याख्याताओं की भविष्य एवं इस करोना कॉल मे बिना अन्यत्र महाविद्यालयों में पदस्थ किए बाहर कर रहे हैं जो महाविद्यालयीन अतिथि व्याख्याताओं के लिए एक त्रासदी से कम नहीं है अब माननीय विभागीय मंत्री महोदय, सचिव महोदय, एवं संबंधित उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारीगण बताएं कि यह समय प्रभावित अतिथि व्याख्याताओं के परिवार के लिए एक कठिन समस्या से कम है क्या?
इसके साथ ही साथ स्कूल शिक्षा विभाग में संविदा कार्य शिक्षकों से अधिक मानदेय प्रदान किए जाते हैं एवं महाविद्यालयों में शैक्षणिक बागडोर संभाले उच्च शिक्षित अतिथि व्याख्याताओं को महज 20800 जिसमें प्रत्येक शासकीय अवकाश का प्रतिदिन ₹800 काट लिए जाते हैं इसके अलावा कुछ प्रचारयों के द्वारा स्थानीय एवं बाहर से आए हुए अतिथि माताओं के प्रति अलग व्यवहार करने में कोई कसर नहीं छोड़ते ऐसी-ऐसी समस्याओं से घिरे अतिथि व्याख्याताओं की तरफ उच्च शिक्षा मंत्री एवं छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री महोदय जी, का ध्यान क्यों नहीं जा रहे हैं।
अतः छत्तीसगढ़ अतिथि व्याख्याता महासंघ छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा मंत्री महोदय, एवं माननीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन करती है कि प्रभावित अतिथि व्याख्याताओं को तत्काल अन्य महाविद्यालयों में पदस्थापना करते हुए हमें एक व्यवस्था बनाकर 65 साल की एक निश्चित सम्मानजनक वेतनमान पर सेवा अवधि जल्दी से जल्दी प्रदान करें ताकि हम अतिथि व्याख्याता भी इस करोना कॉल में जीविकोपार्जन करते रहें एवं उच्च शिक्षा विभाग एवं अधिकारियों के मार्गदर्शन में शैक्षणिक कार्य संपादित करते रहे।
यह मांग छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा समस्त महाविद्यालय अतिथि अध्यापकों की समस्याओं से रूबरू होते हुए माननीय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री महोदय जी को अवगत करा रहे हैं तथा हमें यह भी उम्मीद है कि शासन प्रशासन हमारी व्यथा को ध्यान देते हुए उचित व्यवस्था जरूर बनाएंगे।