आज से सस्ता सोना बेचेंगी मोदी सरकार, खरीदने से पहले जाने कुछ ज़रूरी बातें..
मोदी सरकार एक बार फिर आपके लिए सस्ता सोना खरीदने का मौका दे रही है। इस साल आपके लिए यह आखिरी मौका होगा। सरकार द्वारा जारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का सब्सक्रिप्शन 31 अगस्त से लेकर 4 सितंबर के बीच लिया जा सकता है। स्वर्ण बांड की खरीद के लिए डिजिटल भुगतान करने पर प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट मिलेगी। ऐसे निवेशकों के लिए बांड की कीमत 5,067 रुपये प्रति ग्राम होगी। यानी कम से कम 500 रुपये प्रति 10 ग्राम तो छूट मिलेगी ही। इसकी किस्त 8 सितंबर को जारी की जाएगी। सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेशक को फिजिकल रूप में सोना नहीं मिलता। यह फिजिकल गोल्ड की तुलना में अधिक सुरक्षित है।
जानें सॉवरेन बॉन्ड से जुड़ी 10 महत्पूर्ण बातें..
•मोदी सरकार छठी और इस साल आखिरी बार गोल्ड बॉन्ड लेकर आ रही है। वह भी तब जब घरेलू कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच रही हैं। 56000 रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर पहुंच कर रिकॉर्ड बना चुका सोना पिछले कई दिनों से नीचे की ओर जा रहा है। इसके बावजूद विशेषज्ञों का मानना है कि दीवाली तक यह 64000 से 82000 रुपये तक पहुंच सकता है।
• सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सॉवरेन गोल्ड बांड जारी किए जाते हैं। भौतिक सोने की मांग को कम करने और वित्तीय बचत में घरेलू बचत के एक हिस्से को स्थानांतरित करने के उद्देश्य से 2015 में सॉवरेन गोल्ड बांड योजना शुरू की गई थी।
• भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि इस बार स्वर्ण बांड की कीमत 5,117 रुपये प्रति ग्राम रखी गई है।मौजूदा श्रृंखला के लिए यह गणना 26 अगस्त से 28 अगस्त 2020 के औसत बंद भाव पर 5,117 रुपये प्रति ग्राम की गई है। स्वर्ण बांड की खरीद के लिए डिजिटल भुगतान करने पर प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट मिलेगी। ऐसे निवेशकों के लिए बांड की कीमत 5,067 रुपये प्रति ग्राम होगी।
•सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है। वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है।
• 31 अगस्त से 4 सितंबर के बीच सोने के बॉन्ड की इस किस्त की जारी करने की तारीख तय की गई है।
• बांड जारी होने के पखवाड़े के भीतर स्टॉक एक्सचेंजों पर तरलता के अधीन हो जाते हैं।
•रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानि आरबीआई ने अप्रैल में घोषणा की थी कि सरकार सितंबर तक छह ट्रेंच में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करेगी।
•इसकी सबसे खास बात होती है कि निवेशक को सोने के भाव बढ़ने का लाभ तो मिलता ही है, साथ ही उन्हें इन्वेस्टमेंट रकम पर 2.5 फीसद का गारंटीड फिक्स्ड इंटरेस्ट भी मिलता है।
• इन बॉन्ड्स की अवधि 8 साल की होती है और 5वें साल के बाद ही प्रीमैच्योर विड्रॉल किया जा सकता है।
• इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा) वहीं इसका लोन के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।
कहां और कैसे मिलेगा
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है। वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है। इस स्कीम में निवेश करने पर आप टैक्स बचा सकते हैं। बॉन्ड को ट्रस्टी व्यक्तियों, HUF, ट्रस्ट, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थानों को बिक्री के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा. वहीं ग्राहकी की अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम प्रति व्यक्ति, एचयूएफ के लिए 4 किलोग्राम और ट्रस्टों के लिए 20 किलोग्राम और प्रति वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) समान होगी।
वहीं ऑनलाइन खरीदने पर इस पर 50 रुपये प्रति ग्राम या 500 रुपये प्रति 10 ग्राम की छूट मिलेगी। SGB को बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंकों और पेमेंट बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SHCIL), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों (NSE और BSE) के माध्यम से बेचा जाएगा।
क्या है सॉवरेन गोल्ड बांड
सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेशक को फिजिकल रूप में सोना नहीं मिलता। यह फिजिकल गोल्ड की तुलना में अधिक सुरक्षित है। जहां तक शुद्धता की बात है तो इलेक्ट्रॉनिक रूप में होने के कारण इसकी शुद्धता पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता। इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा) वहीं इसका लोन के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। अगर बात रिडेंप्शन की करें तो पांच साल के बाद कभी भी इसको भुना सकते हैं।