जांजगीर-चांपा जिले के पिहरीद गांव के बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकाले गए राहुल साहू को अपोलो अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया
जांजगीर-चांपा जिले के पिहरीद गांव के बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकाले गए राहुल साहू को अपोलो अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया
राहुल का इलाज पिछले 9 दिनों से बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में चल रहा था.
जांजगीर-चांपा जिले के बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकाले गए, ब्रेव बॉय राहुल को शनिवार को अपोलो अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. राहुल अब पूरी तरह स्वस्थ है. वह खुद अपने पैरों पर चल रहा है. राहुल को विदा करने के लिए पूरा बिलासपुर जिला प्रशासन आया हुआ था. जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर और एसपी राहुल को लेने के लिए अपोलो अस्पताल पहुंचे. अधिकारियों ने खुशी जाहिर करते हुए बताया ''जांजगीर जिला प्रशासन और बिलासपुर जिला प्रशासन के साथ अपोलो प्रशासन ने काफी मेहनत मशक्कत कर राहुल को दोबारा जीवनदान दिया. उसे अपने पैरों पर चलने लायक बनाया. अपोलो से डिस्चार्ज के दौरान राहुल से मिलने प्रदेश के कांग्रेस नेताओं के साथ ही शहर की आम जनता भी उसकी एक झलक पाने के लिए अपोलो अस्पताल पहुंची. सभी ने हाथ दिखाकर राहुल को विदा किया.
जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा के पिहरीद गांव में बोरवेल में गिरे बच्चे राहुल साहू का इलाज अपोलो अस्पताल में चल रहा था. राहुल का इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम ने इलाज के दौरान बताया था कि राहुल को जब अस्पताल लाया गया था, तब भी राहुल की स्थिति उतनी खराब नहीं थी. राहुल के इलाज के दौरान डॉक्टरों की टीम को पता चला कि उसके शरीर के खुले जख्मों में जानलेवा बैक्टीरियल इंफेक्शन हो गया है. जिसके इलाज के लिए हेवी एंटीबायोटिक डोज दिया जा रहा था. इलाज के दौरान डॉक्टरों को पता चला कि राहुल के शरीर पर काफी तेजी से दवाइयों का असर हो रहा है. उसके शरीर के संक्रमण तेजी से खत्म हो रहे हैं. डॉक्टरों ने बताया कि राहुल की तेजी से रिकवरी चमत्कार से कम नहीं है.
पिहरीद गांव का राहुल अपने घर के पीछे खेलते समय 10 जून की दोपहर को बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था. जैसे ही जिला प्रशासन को इस घटना की सूचना मिली देर शाम से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया. कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला की अगुवाई में जिला प्रशासन की टीम पिहरीद गांव पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत की गई. एनडीआरएफ, सेना और एसडीआरएफ ने साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के विशेषज्ञों की मदद से बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया. बचावकर्मियों ने बोरवेल के समानांतर गड्ढे की खुदाई की. बोरवेल में फंसे राहुल से केवल एक मीटर की दूरी पर चट्टान की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आई. लेकिन बचाव दल ने चुनौतियों से निपट लिया. आखिरकार 104 घंटे बाद 15 जून रात 11 बजकर 46 मिनट पर रेस्क्यू टीम ने चट्टान तोड़कर राहुल को सुरक्षित बोरवेल से बाहर निकाला.
जांजगीर-चांपा में 5 दिनों तक बोरवेल में फंसे रहने के बाद राहुल को निकाला गया था. राहुल को बोरवेल से निकालने के बाद सीधे बिलासपुर के अपोलो अस्पताल भेजा गया था, जहां उसका इलाज चला. सीएम बघेल भी खुद राहुल से मिलने अपोलो अस्पताल पहुंचे थे. इस दौरान सीएम बघेल ने घोषणा की थी कि राहुल की चिकित्सा और शिक्षा-दीक्षा का खर्च राज्य सरकार उठाएगी.
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